प्रेस विज्ञप्ति

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    06-Sep-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक ने व्यापार सुगमीकरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ किया करार

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    26-Aug-2024

    दुनिया में मशहूर यूपी की खुर्जा पॉटरी को मिली डिजिटल खूबसूरती

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    13-Aug-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    11-Jul-2024

    एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार को अंतरित किया ₹252 करोड़ का लाभ शेष

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    28-Jun-2024

    सुश्री दीपाली अग्रवाल ने एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला

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    31-May-2024

    केन्या के नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ

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    15-May-2024

    “मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर कार्यशाला

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    13-May-2024

    62% बढ़ा एक्ज़िम बैंक का मुनाफा। कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि; 17% बढ़ी ऋण आस्तियां

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    09-May-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    28-Mar-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    19-Mar-2024

    एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार की सहायता से गयाना सरकार को प्रदान की 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था

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    20-Feb-2024

    व्यापार सुगमीकरण और सूचना पोर्टल, एक्ज़िम मित्र 2.0 के विकास के लिए साथ आए एक्ज़िम बैंक और एमएसएमई मंत्रालय

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    07-Feb-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    21-Nov-2023

    उभरते वैश्‍विक व्यापार परिदृश्य में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मिला नया महत्त्व

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    09-Nov-2023

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 111.2 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात और 88.1 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा गैर-तेल निर्यात

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    03-Nov-2023

    Significant opportunity of collaboration in emerging segments between India and UK

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    02-Nov-2023

    एक्ज़िम बैंक ने ईरा पुरस्कार 2023 के लिए आमंत्रित की प्रविष्‍टियां

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    30-Oct-2023

    लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट प्लैटफॉर्म पर लिस्ट हुआ इंडिया एक्ज़िम बैंक का 1 बिलियन यूएस डॉलर का पहला 10 वर्षीय सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड

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    29-Sep-2023

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 105.4 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात और 87.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा गैर-तेल निर्यात

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    29-Aug-2023

    India Exim Bank Announces the Winner of the BRICS Economic Research Citation for 2023

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इंडिया एक्ज़िम बैंक ने व्यापार सुगमीकरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ किया करार

इंडिया एक्ज़िम बैंक के मुख्य महाप्रबंधक, श्री टी.डी. सिवाकुमार और जोहांसबर्ग स्थित दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के डिविज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, आईएफआई, श्री युद्धवीर हरीलाल के बीच मास्टर जोखिम प्रतिभागिता करार पर हस्ताक्षर किए गए।  

 

दक्षिण अफ्रीका, 2 सितंबर, 2024 

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने जोहांसबर्ग स्थित दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ एक मास्टर जोखिम प्रतिभागिता करार (एमआरपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह करार इंडिया एक्ज़िम बैंक के व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) के अंतर्गत ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान करने के लिए किया गया। इस करार पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की ओर से मुख्य महाप्रबंधक, श्री टी.डी. सिवाकुमार और नेडबैंक लिमिटेड की ओर से अंतरराष्‍ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के डिवीज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, श्री युद्धवीर हरीलाल ने हस्ताक्षर किए। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने कार्यालयों के ग्लोबल नेटवर्क और विभिन्‍न वित्तीय, सलाहकारी तथा क्षमता विकास गतिविधियों के जरिए सहयोगी देशों के साथ भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाता रहा है और भारतीय व्यवसायों के वैश्‍वीकरण प्रयासों में उनकी सहायता करता है। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने इस ‘व्यापार सहायता कार्यक्रम’ (टैप) अंतर्गत अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार ट्रांज़ैक्शन में सहयोग के लिए वाणिज्यिक बैंकों / वित्तीय संस्थाओं की क्षमता को बढ़ाता है। यह उन बाज़ारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जहां व्यापार के लिए ऋण मिलने में दिक्कत आती है या जहां क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं किया गया है। 

इस करार पर हस्ताक्षर के दौरान श्री सिवाकुमार ने कहा कि “पिछले कुछ महीनों में, इंडिया एक्ज़िम बैंक ने इस कार्यक्रम के तहत अन्य के साथ-साथ एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका आदि क्षेत्रों में कई व्यापार ट्रांज़ैक्शनों को सहयोग दिया है। यह सहयोग अन्य के साथ-साथ कृषि सहित ऑटोमोटिव पुर्जों, पूंजीगत और इंजीनियरिंग सामान, खाद्य, लौह और इस्पात तथा टेक्स्टाइल जैसे कई क्षेत्रों में व्यापार के लिए दिया गया है। विकासशील देशों के साथ बढ़ते भारत के व्यापार के साथ वैश्‍विक व्यापार में भारत की विविधता बढ़ रही है। ऐसे में अफ्रीकी देश भारत के लिए महत्त्वपूर्ण व्यापार भागीदार के रूप में उभरे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में अफ्रीका के साथ भारत का कुल व्यापार 83.4 बिलियन यूएस डॉलर का रहा। नेडबैंक के साथ इस जोखिम प्रतिभागिता करार से भारत और अफ्रीका के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए नए अवसर बनेंगे। व्यापार सुगमीकरण के लिए इस प्रकार के सहयोग से भारत और अफ्रीका के बीच बढ़ती आर्थिक गतिविधियां और सुदृढ़ होंगी। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक के बारे में - इंडिया एक्ज़िम बैंक की स्थापना भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व में संसद के एक अधिनियम के तहत 1982 में हुई थी। यह निर्यातों और आयातों का वित्तपोषण करने वाली संस्थाओं के कार्यों का समन्वय करने वाली प्रमुख वित्तीय संस्था है। इंडिया एक्ज़िम बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार एवं निवेश के संवर्धन, वित्तपोषण और सुगमीकरण के जरिए वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में भारत के एकीकरण को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बैंक ने अपने विभिन्‍न कार्यक्रमों के जरिए कई भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनने और वैश्‍विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में योगदान दिया है।  

नेडबैंक के बारे में – नेडबैंक लिमिटेड, नेडबैंक ग्रुप के पूर्ण स्वामित्व वाली और प्रमुख बैंकिंग सब्सिडियरी है। नेडबैंक ग्रुप लिमिटेड (जेएसई पर लिस्टेड) अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा बैंक है और दक्षिण अफ्रीका में अपने ग्राहकों को रिटेल और बिज़नेस से लेकर वेल्थ, कॉर्पोरेट और निवेश समाधान जैसी विभिन्‍न सेवाएं प्रदान करता है। नेडबैंक ग्रुप अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से अफ्रीका के लेसोथो, मोज़ाम्बिक़, एस्वातिनी और ज़िम्बाब्वे जैसे क्षेत्रों में भी सेवाएं दे रहा है। 

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिए: 

इंडिया एक्ज़िम बैंक
सुश्री तृप्ति म्हात्रे
महाप्रबंधक
भारतीय निर्यात-आयात बैंक
केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल,
विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड,
मुंबई 400005, भारत
फोन: +91-22-2217-2308
ई-मेल: tap@eximbankindia.in  

नेडबैंक लिमिटेड
श्री युद्धवीर हरीलाल 
डिवीज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, आईएफआई
नेडबैंक लिमिटेड, दक्षिण अफ्रीका
135, रिवोनिया रोड, सैंडाउन
सैंडटन, जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका 
फोनः+27-11-294 4444/ +27-10-234 3285
ईमेल: YudhvirH@Nedbank.co.za

दुनिया में मशहूर यूपी की खुर्जा पॉटरी को मिली डिजिटल खूबसूरती

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन को 3डी डिज़ाइन स्टूडियो बनाने के लिए दिया सहयोग 

 

23 अगस्त, 2024: भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन नाम की संस्था को एक 3D डिज़ाइन स्टूडियो बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया है। बैंक ने यह सहयोग विशेष रूप से छोटे उद्यमों के लिए बनाए गए अपने कार्यक्रम- 'ग्रासरूट उद्यम विकास' के तहत प्रदान किया है। इसी साल, बैंक ने राष्‍ट्रीय डिज़ाइन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से इस इस क्षेत्र के 25 मास्टर दस्तकारों के लिए खुर्जा में एक डिजाइन विकास कार्यशाला आयोजित की थी। इसका उद्देश्य खुर्जा में पॉटरी विनिर्माताओं और दस्तकारों को उन्‍नत डिजाइन कौशल और बेहतर तकनीकें सिखाकर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि उनके उत्पाद विश्‍व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें। खुर्जा में टेबलवेयर क्रॉकरी और तकनीकी सिरामिक उद्योग में लगभग 300 से अधिक विनिर्माण इकाइयां हैं, जो 30,000 से अधिक कुशल और नए श्रमिकों को रोजगार दे रही हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने आज इस 3D डिज़ाइन स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस दौरान, केपीएमए के अध्यक्ष, श्री रवि राणा; केपीएमए के उपाध्यक्ष, श्री दर्शन छतवाल, केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान केंद्र, खुर्जा केंद्र के प्रमुख और वैज्ञानिक, श्री सावन कुमार शर्मा; जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, श्री आशुतोष सिंह और एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक, सुश्री दीपाली अग्रवाल उपस्थित रहीं। 

खुर्जा पॉटरी के लिए डिजाइन विकास लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रही है। डिजाइन विकास में कौशल का अभाव अनुभवी दस्तकारों को भी अपनी इस सुंदर कला में अभिनव प्रयास करने में बाधक रहा है। इस कारण, उन्हें कहीं न कहीं अपने उत्पादों को बाजार की मांग के अनुरूप बनाने में भी चुनौती का सामना करना पड़ता रहा है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बैंक ने खुर्जा पॉटरी के लिए एक 3डी डिजाइन स्टूडियो बनाने के लिए सहयोग दिया है। इससे इन दस्तकारों को उन्‍नत डिजाइन टूल मिलेंगे और आवश्यक विशेषज्ञता हासिल हो सकेगी, जिससे वे नए तरह के उत्पाद बना सकेंगे। इससे सदियों पुराने इस उद्योग के विकास और निर्यातों में भी सुधार आने की उम्मीद है।

3D डिज़ाइन स्टूडियो से 250 से अधिक स्थानीय पॉटरी इकाइयां (जो केपीएमए की सदस्य हैं) लाभान्वित होंगी। इसके साथ ही इन्हें अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी मिलेगी और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। इस स्टूडियो के जरिए वे डिजाइनों के साथ नए प्रयोग कर सकेंगे, उनकी उत्पादन लागत घटेगी और वे अपने उत्पादों की समग्र गुणवत्ता में सुधार ला सकेंगे। इसके अलावा, स्टूडियो में मिलने वाले प्रशिक्षण से पॉटरी दस्तकारों को नए डिजाइन और पैटर्न बनाने के लिए जरूरी कौशल मिलेगा। इससे उन्हें अपने उत्पादों को और अधिक  मनभावन और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाने में मदद मिलेगी। आधुनिक डिजाइनों की अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में अच्छी मांग रही है। खुर्जा के दस्तकार वैश्‍विक ब्रांडों से ऑर्डर हासिल करने में सफल रहे हैं और बैंक ने काला घोड़ा कला महोत्सव जैसे प्रतिष्‍ठित कला महोत्सवों में उनकी भागीदारी सुनिश्‍चित कर उन्हें सहयोग प्रदान किया है।

स्टूडियो के शुभारंभ के दौरान, सुश्री बंगारी ने उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निरंतर सहयोग प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने सिरामिक उद्योग के आधुनिकीकरण में 3डी डिजाइन स्टूडियो की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे इन ग्रासरूट उद्यमों को अपनी बनाई चीज़ें दुनियाभर में पहुंचाने में मदद मिलेगी। यूपी के इन उद्योगों की निर्यात क्षमता को ध्यान में रखते हुए, बैंक ने हाल ही में लखनऊ में भी अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोला है। सुश्री बंगारी ने बैंक के ग्रासरूट उद्यम विकास कार्यक्रम के तहत दिए गए सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि बैंक ने बनारसी सिल्क साड़ियों के बुनकरों और जरी-जरदोजी कारीगरों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सहयोग प्रदान किया है। बैंक, सूरजकुंड अंतरराष्‍ट्रीय शिल्प मेला, काला घोड़ा कला महोत्सव और बैंक के प्रमुख कार्यक्रम- एक्ज़िम बाजार में राज्य के कई कारीगरों को हिस्सा लेने में सहायता करता रहा है। 

बैंक समावेशी और संपोषी विकास में योगदान देता रहा है। इसी क्रम में, बैंक ने इस 3डी डिजाइन स्टूडियो की स्थापना के साथ-साथ सौर पैनल लगाने और राष्‍ट्रीय डिज़ाइन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से तकनीशियनों के प्रशिक्षण के लिए सहयोग प्रदान किया है।

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने ग्रासरूट उद्यम विकास और मार्केटिंग सलाहकारी सेवाओं के जरिए दस्तकारों, मास्टर शिल्पकारों, बुनकरों, समूहों, स्वयं सहायता समूहों, गैर-सरकारी संस्थाओं, ग्रासरूट और सूक्ष्म उद्यमों को उनकी विभिन्‍न जरूरतों के लिए निरंतर सहयोग प्रदान करता रहा है। यह सहयोग क्षमता विकास, कॉमन सुविधा केंद्रों की स्थापना, परिचालन क्षमता बढ़ाने, उच्च मूल्य वर्धन प्राप्त करने और ऐसी ही संस्थाओं के लिए अंतरराष्‍ट्रीय लिंकेज स्थापित कर किया जाता है। यह 3डी डिजाइन स्टूडियो भारत के दूर-दराज के इलाकों में आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान देने की एक्ज़िम बैंक की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

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विस्तृत जानकारी के लिए, कृपया संपर्क कीजिएः श्री धर्मेंद्र सचान, महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, कफ़ परेड, मुंबई 400 025; फोन: +91-22-22172336; ई-मेल: grid@eximbankindia.in 

 

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 4.2% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 6.26% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान भारत के निर्यातों में यह सकारात्मक वृद्धि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर तेजी बने रहने, संभावित वैश्‍विक मौद्रिक नरमी और व्यापारिक भागीदारों से मांग बढ़ने की संभावनाओं के चलते भारत की निरंतर सुदृढ़ आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट, वैश्‍विक आपूर्ति शृंखला व्यवधानों और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है। निर्यातों में यह वृद्धि आगामी तिमाहियों में भी जारी रहने की उम्मीद है। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान अगस्त 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में डॉ. सुनील कुमार, सलाहकार, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई, प्रो. सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर, अर्थशास्‍त्र विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, निदेशक, मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, चेन्‍नै और प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

 

डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों की वृद्धि की संभावनाओं में अनिश्‍चितता, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार को अंतरित किया ₹252 करोड़ का लाभ शेष

कैप्शन : माननीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन को ₹ 252 करोड़ का निवल लाभ शेष प्रस्तुत करतीं एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा एवं सुश्री दीपाली अग्रवाल

10 जुलाई, 2024 : भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक/बैंक) की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने माननीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन को 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के निवल लाभ के शेष के रूप में ₹252 करोड़ के ट्रांसफर की रसीद प्रस्तुत की। 

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने प्रमुख व्यावसायिक कार्यनिष्पादन पैरामीटरों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि भारत के व्यापार और निवेश तथा सहभागी देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक का निवल लाभ ₹2518 करोड़ का रहा, जिसमें गत वर्ष की तुलना में 62% की वृद्धि दर्ज की गई। गत पांच वर्षों में, बैंक ने निवल लाभ शेष के रूप में भारत सरकार को ₹519.34 करोड़ की राशि अंतरित की है। बैंक की चुकता पूंजी पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा अभिदत्त है।  

एक्ज़िम बैंक भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली देश की राष्‍ट्रीय निर्यात ऋण एजेंसी है। बैंक भारत के पारस्परिक अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार एवं निवेश के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन का काम करता है तथा भारतीय उद्यमों की अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में योगदान देता है।   

 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:  

टी.डी. सिवाकुमार, मुख्य महाप्रबंधक, अंतरराष्‍ट्रीय संबंध एवं कॉर्पोरेट संचार समूह, केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई-400 005;
फोन : +91-22-22172829; ई-मेल: sivakumar@eximbankindia.in   

 

सुश्री दीपाली अग्रवाल ने एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला

28 जून, 2024: सुश्री दीपाली अग्रवाल ने आज एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले वह बैंक की मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें पिछले 3 दशकों से बैंक के भारत तथा विदेश स्थित कार्यालयों में अलग-अलग भूमिकाओं में कार्य करने का अनुभव है। उन्होंने ट्रेजरी और अकाउंट्स, कॉर्पोरेट बैंकिग, परियोजना निर्यात, संचार और ब्रांड प्रबंधन, ग्रासरूट स्तर के उद्यमों का उत्थान, मानव संसाधन प्रबंधन और रिकवरी जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में काम करते हुए बैंक के लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। वह बैंक के पश्‍चिमी क्षेत्रीय प्रतिनिधि कार्यालय और सिंगापुर प्रतिनिधि कार्यालय की भी प्रमुख रही हैं।

सुश्री अग्रवाल, भारतीय कंपनियों की स्पर्धात्मक क्षमताएं बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए ‘एक्ज़िम बैंक अवॉर्ड फॉर बिजनेस एक्सीलेंस’ की क्‍वालिफाइड मूल्यांकनकर्ता हैं। वह विभिन्‍न क्षेत्रों की कुछ कंपनियों के बोर्डों में नामित निदेशक भी रही हैं। वह नीति निर्माण संबंधी सरकारी स्तर की समितियों में कार्यकारी समूह की सदस्य के रूप में शामिल रही हैं और विभिन्‍न क्षेत्रों में नीतिगत विकास में योगदान देती रही हैं। नूतन पहलों की संकल्पना कर उन्हें क्रियान्वित करते हुए बैंक की ब्रांड छवि और विज़िबिलिटी बढ़ाने के अलावा ग्रासरूट स्तर के दस्तकारों के उत्थान और महिला सशक्तीकरण में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। उन्होंने बैंक के आस्ति आधार बनाने, संसाधन जुटाने, आय में वृद्धि करने और बैंक के लिए बड़ी वसूली में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।  

सुश्री अग्रवाल ने मुंबई स्थित ‘जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़’ से फायनैंस में एमबीए करने के बाद 1995 में बैंक जॉइन किया। वह वाणिज्य में स्‍नातक हैं। वह 2018 में केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के महिला सीनियर लीडरशिप कार्यक्रम का हिस्सा रही हैं। उन्होंने बैंक बोर्ड ब्यूरो द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वरिष्‍ठ प्रबंधन के लिए आयोजित नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया है। 

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विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें: 
श्री गौरव भंडारी
मुख्य महाप्रबंधक, कॉर्पोरेट संचार
केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ परेड, मुंबई 400 005;
फोन: +91 022-2217 2829;  ई-मेल: ccg@eximbankindia.in

 

केन्या के नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ

केन्या के नैरोबी में 31 मई, 2024 को भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ हो गया। इस दौरान केन्या के माननीय प्रधान कैबिनेट सचिव और विदेश व प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव डॉ. मूसालिया मुडावडी तथा वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, डॉ. विवेक जोशी, केन्या में भारत की माननीय उच्चायुक्त सुश्री नाम्ग्या सी खाम्पा, और इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी उपस्थित रहीं। 

भारत और पूर्वी अफ्रीका के बीच मर्चैंडाइज़ व्यापार में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह व्यापार 2013 के 9.7 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 12.9 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया। भारत से पूर्वी अफ्रीका को निर्यात 2013 के 8.6 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 9.4 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया।

इंडिया एक्ज़िम बैंक एक शीर्ष वित्तीय संस्था है, जो भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार और निवेश के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन में प्रवृत्त है। साथ ही, बैंक भारत के आर्थिक राजनयिक संबंधों के तहत नीति निर्माण और परियोजना निर्यात वित्त में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंक के कार्यालय केन्या के अलावा, आबिदजान, कोत दि’वार और जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में भी हैं। 

परस्पर व्यापार और निवेश को सहयोग और बढ़ावा देने के क्रम में, अफ्रीकी महाद्वीप पर फोकस करना इंडिया एक्ज़िम बैंक की रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। बैंक, अफ्रीका में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सहभागी संस्था के रूप में प्रयासरत है, और अफ्रीकी क्षेत्र के साथ संबंधों को और सुदृढ़ करने की यह प्रतिबद्धता बैंक की गतिविधियों और कार्यक्रमों में भी दिखाई देती है।

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने अपने विदेशी निवेश वित्त कार्यक्रम के तहत अब तक अफ्रीका के 14 देशों में 50 से अधिक कंपनियों द्वारा स्थापित 77 उद्यमों को वित्त प्रदान किया है। बैंक ने अपने व्यापार सहायता कार्यक्रम और अन्य व्यापार सुगमीकरण कार्यक्रमों के तहत अफ्रीका के 18 देशों में 800 मिलियन यूएस डॉलर के लगभग 76 ट्रांज़ैक्शन किए हैं, जिससे भारत के 9 राज्यों के 14 शहरों के 22 भारतीय निर्यातक (10 एमएसएमई सहित) भी लाभान्वित हुए हैं। बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से 42 अफ्रीकी कंपनियों को कुल 12 बिलियन यूएस डॉलर की 200 से ज्यादा ऋण-व्यवस्थाएं प्रदान की जा चुकी हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं अफ्रीका के लोगों की बुनियादी ढांचे तक पहुंच बनाने, उनकी आजीविका में सुधार लाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, औद्योगिक उत्पादन और सतत विकास को बढ़ाते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रदान की गई हैं। इससे अफ्रीका और भारत के पारंपरिक और उभरते क्षेत्रों में कंपनियों के लिए व्यवसाय के अवसर बनते हैं और मूल्य शृंखला में बहुत से सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्यम उद्यम उद्यम लाभान्वित होते हैं तथा न केवल रोजगार सृजन होता है, बल्कि ये रोजगार निरंतर बने भी रहते हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने स्वागत संबोधन में पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय के शुभारंभ में सहयोग देने के लिए भारत और केन्या सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस नए कार्यालय के जरिए परस्पर सहभागिता को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 

बैंक के पूर्वी अफ्रीका कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, डॉ. विवेक जोशी ने कहा कि इस क्षेत्र में इंडिया एक्ज़िम बैंक की मौजूदगी से इस क्षेत्र के साथ-साथ भारत और केन्या के बीच भी व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।

कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर केन्या में भारत की माननीय उच्चायुक्त सुश्री नाम्ग्या सी. खम्पा ने इंडिया एक्ज़िम बैंक को बधाई देते हुए उल्लेख किया कि इस क्षेत्र में इंडिया एक्ज़िम बैंक की उपस्थिति केन्या के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

केन्या के माननीय प्रधान कैबिनेट सचिव और विदेश व प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव डॉ. मूसालिया मुडावडी ने कहा कि केन्या पूर्वी अफ्रीका के लिए प्रवेश द्वार है और इस महाद्वीप के उन प्रमुख वित्तीय केंद्रों में से एक है, जो दुनियाभर से व्यापार और निवेश को आकर्षित करते हैं। उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक शक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उम्मीद जताई कि भारतीय कंपनियां स्थानीय लोगों के लिए रोजगारों का सृजन भी करेंगी।

नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय की स्थापना के साथ, इस क्षेत्र में उद्योग, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के भी जुड़ने की उम्मीद है। इससे भारत, केन्या और इस क्षेत्र के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि होगी। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने अफ्रीकी विकास बैंक समूह की वार्षिक बैठकों के संबंध में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के रूप में अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस का भी आयोजन किया। यह कार्यक्रम अफ्रीका के विकास में भारत की भूमिका पर केंद्रित रहा। बैंक अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस का आयोजन करता रहा है, जिसकी शुरुआत माराकेच (2013 में) से हुई थी। इसके बाद ये आयोजन किगाली (2014 में), आबिदजान (2015 में), लुसाका (2016 में), अहमदाबाद (2017 में), मलाबो (2019 में), अक्रा (2022 में), और शर्म-अल-शेख (2023 में) हुए। अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस के सभी कार्यक्रम 'भारत के विकास अनुभवों को साझा करने' पर केंद्रित रहे, विशेष रूप से, विकास के सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से। इस अवसर पर, "पूर्वी अफ्रीका में भारत के लिए आर्थिक अवसर" शीर्षक से बैंक के एक शोध पत्र का भी विमोचन किया गया। इसमें भारत-पूर्वी अफ्रीका संबंधों में व्यापार ट्रेंड, पैटर्न, दिशाओं और निवेश अवसरों का एक व्यापक आर्थिक विश्लेषण किया गया है, जो इन डायनैमिक संबंधों को समझने के लिए एक केंद्रीकृत संसाधन की भूमिका निभाएगा।  

 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिएः 
श्री गौरव भंडारी, मुख्य महाप्रबंधक, कॉर्पोरेट संचार समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक

 

“मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर कार्यशाला

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने “मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया कि एफटीए वार्ताओं के संदर्भ में वित्तीय सेवाओं की भूमिका और वैश्‍विक व्यापार और आर्थिक विकास पर इनके संभावित प्रभावों पर खुलकर चर्चा की जा सके और इस संबंध में एक बेहतर समझ बने। 

कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. विवेक जोशी, सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ. जोशी ने भारत के महत्त्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्‍य को रेखांकित किया और कहा कि इसे हासिल करने में भारत की निर्यात रणनीति में वित्तीय सेवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। साथ ही, उन्होंने इस दिशा में शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करते हुए निगोशिएटिंग क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि एक्ज़िम बैंक, भारत सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए इस प्रयास में योगदान दे सकता है। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने स्वागत संबोधन के दौरान कहा कि वित्तीय सेवाओं की मांग वैश्‍विक स्तर पर बढ़ रही है और भारत इस मांग को पूरा कर सकता है। और भारत की वित्तीय सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने में इन बढ़ते मुक्त व्यापार करारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने वित्तीय सेवाओं के निर्यात के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहे गिफ्ट सिटी की बढ़ती महत्ता को भी रेखांकित किया। 

इस कार्यक्रम के दौरान वित्तीय सेवाएं विभाग, आर्थिक कार्य विभाग, वाणिज्य विभाग के साथ-साथ सेबी, भारतीय रिज़र्व बैंक, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई सहित वित्तीय सेवाएं क्षेत्र से जुड़े विनियामकों का प्रतिनिधित्व रहा। 

इस दौरान वाणिज्य विभाग के अपर सचिव ने भारत के विदेश व्यापार विज़न और इसमें वित्तीय सेवाओं की महत्ता पर चर्चा की। कार्यशाला के दौरान दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। ये सत्र  डबल्यूटीओ के तहत सेवाओं पर प्रतिबद्धताओं संबंधी शेड्यूलिंग और मुक्त व्यापार करारों पर केंद्रित रहे। इन दोनों सत्रों में अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार कानून विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। 

कार्यशाला के दौरान, इंडिया एक्ज़िम बैंक की एक ई-बुक 'अनलॉकिंग अपॉर्चुनिटीज़: ए गाइड टू निगोशिएटिंग फायनैंशल सर्विसेज़ इन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स' का भी विमोचन किया गया। इसमें मुक्त व्यापार करारों से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं को कवर किया गया है।

यह कार्यशाला, एफटीए के दायरे में वित्तीय सेवाओं के बहुमुखी आयामों पर एक बेहतर समझ बनाने के क्रम में निरंतर कार्यशील रहने और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ संपन्‍न हुई।

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई - 400005, फोन: 91-22-22860363, ई-मेल: dsinate@eximbankindia.in 

 

62% बढ़ा एक्ज़िम बैंक का मुनाफा। कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि; 17% बढ़ी ऋण आस्तियां

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा ने सोमवार, 13 मई, 2024 को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की खास बातें निम्‍नलिखित अनुसार हैं:

वित्तीय कार्य निष्पादन 

 

मानदंड

2022-23
में निष्पादन

2023-24
में निष्पादन

2022-23
से परिवर्तन

A.        कुल व्यवसाय (` करोड़)

2,92,257 

3,44,182 

17.77% 

-          निवल ऋण पोर्टफोलियो

1,34,523 

1,57,602 

17.16% 

-          कुल उधारियां

1,28,423 

1,54,611 

20.39% 

B.       परिचालन लाभ (` करोड़)

3,599 

3,750 

4.20% 

C.        कर पश्‍चात लाभ (` करोड़)

1,556 

2,518 

61.83% 

D.        सकल अनर्जक आस्तियां        

4.09% 

1.93% 

(216) bps 

E.       निवल अनर्जक आस्तियां        

0.71% 

0.29% 

(42) bps 

F.        जोखिम भारित पूंजी आस्ति अनुपात

25.43% 

21.18% 

(425) bps 

 

व्यवसाय निष्पादन 

बैंक ने प्रमुख व्यवसाय निष्पादन मानदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जो भारत के व्यापार और निवेश तथा मित्र देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत की विकास यात्रा और ऋण की बढ़ी मांग के बीच, बैंक ने ` 1,06,312 करोड़ के नए ऋणों को मंजूरी दी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऋण पोर्टफोलियो में 17% वृद्धि दर्ज की गई। यह बढ़ोत्तरी स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा, ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग वस्तुओं, फार्मासूटिकल्स और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के चलते दर्ज की गई। बैंक ने ई-मोबिलिटी, हाई-टेक और एयरोस्पेस जैसे रणनीतिक महत्त्व के क्षेत्रों में भी वृद्धि दर्ज की। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निवल ब्याज आय 4.6% बढ़कर ` 3,540 करोड़ हो गई। यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से ऋणों और अग्रिमों से होने वाली ब्याज आय में उच्चतर वृद्धि के चलते दर्ज की गई। अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के मामले में, बैंक की आस्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ और स्लिपेज में भी कमी आई। सकल और निवल एनपीए में भी गिरावट आई। सकल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 4.09% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 1.93% हो गया। वहीं, निवल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 0.71% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 0.29% हो गया। 

 

पॉलिसी व्यवसाय 

बैंक ने भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली ऋण-व्यवस्थाओं के जरिए मित्र देशों में कई विकास परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान की। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक का भारत सरकार समर्थित 324 ऋण-व्यवस्थाओं का पोर्टफोलियो रहा, जिसके अंतर्गत कुल 31 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण प्रतिबद्धताएं हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं मित्र देशों में सामाजिक-आर्थिक विकास की वाहक बन रही हैं, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए नए बाजारों और अवसरों के द्वार भी खोल रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को लगभग 16 बिलियन यूएस डॉलर की 952 परियोजनाएं इन ऋण-व्यवस्थाओं के अंतर्गत कवर की गई हैं, जिनसे 300 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए व्यवसाय अवसर बने और इस वैल्यू चेन में विभिन्‍न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी लाभान्वित हुए। अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने 1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के 21 नए कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। 

बैंक ने विभिन्‍न उपायों के जरिए ऋण-व्यवस्थाओं से संबंधित सिस्टम और प्रक्रियाओं को उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ बनाया। इनमें पूर्व-अर्हता वाले चरण में बेहतर पारदर्शिता; प्रोक्योरमेंट से जुड़े कार्यों को मंजूरी देने और विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) की समीक्षा के लिए अलग से क्रॉस-फंक्शनल समितियों का गठन; डीपीआर की जांच में तकनीकी पहलुओं पर इनपुट के लिए सेक्टर विशेषज्ञों की सेवाएं लेना; डीपीआर तैयार करने के लिए विचारार्थ विषयों जैसे दस्तावेजों और मॉडल बिडिंग दस्तावेजों का मानकीकरण; और शिकायत निवारण तंत्र तथा डिबार्मेंट नीति जैसे बेहतर गवर्नैंस मैकेनिज़्म उपाय शामिल हैं। 

 

वाणिज्यिक व्यवसाय

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने भारतीय कंपनियों में निर्यात क्षमता सृजन और उनकी निर्यात स्पर्धात्मकता बढ़ाने और उनके वैश्‍वीकरण प्रयासों में सहयोग के क्रम में, ₹ 98,014 करोड़ की सहायता प्रदान की। वर्ष के दौरान, कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वृद्धि दर्ज की गई और आस्ति गुणवत्ता अच्छी रही। बैंक की लगभग 90% ऋण आस्तियां निवेश ग्रेड से ऊपर की रहीं। बैंक ने भारत के परियोजना निर्यातों को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए 34 देशों में ₹ 43,695 करोड़ के 90 परियोजना निर्यात कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। इसके अलावा, 24 कंपनियों को 12 देशों में उनके विदेशी निवेश के लिए ` 6,739 करोड़ से अधिक की निधिक और गैर-निधिक सहायता को मंजूरी प्रदान की गई। बैंक द्वारा अब तक 510 भारतीय कंपनियों को 78 देशों में 700 संयुक्त उद्यम / सहायक कंपनियां स्थापित करने के लिए वित्त प्रदान किया जा चुका है।  

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता

एक्ज़िम बैंक की हालिया पहलें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मार्केट गैप को कम करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, यह सुनिश्‍चित कर रही हैं कि अर्थक्षम परियोजनाएं या उद्यम, विभिन्‍न जोखिमों या बाजार तक पहुंच में आने वाली चुनौतियों को दूर कर पाएं। बैंक का व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों में वित्त की कमी को दूर कर रहा है और मित्र देशों तथा भारत में स्थानीय बैंकों के बीच पुल का काम कर रहा है। 2022 में टैप की शुरुआत से बैंक द्वारा अब तक 80 से अधिक विदेशी बैंकों के साथ भागीदारी की जा चुकी है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक द्वारा 33 देशों में 506 ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान की गई, जिससे 16 राज्यों के 42 शहरों के 125 से ज़्यादा निर्यातकों द्वारा नए या चुनौतीपूर्ण बाजारों में 1.1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के वृद्धिशील निर्यात किए जा सके। वित्तपोषण की इस कमी को और कम करने के क्रम में, बैंक ने गिफ्ट सिटी में इंडिया एक्ज़िम फिनसर्व आईएफएससी प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी सहायक कंपनी भी स्थापित की। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित और 8 अगस्त, 2023 को स्थापित, बैंक की यह सहायक कंपनी निर्यातकों को फैक्टरिंग सहित विभिन्‍न व्यापार वित्त (ट्रेड फायनैंस) उत्पाद प्रदान करती है।   

इसके अलावा, उभरते सितारे कार्यक्रम (यूएसपी) के अंतर्गत बैंक छोटी और मध्यम आकार वाली ऐसी कंपनियों को नए मुकाम हासिल करने मदद कर रहा है, जो अलग तकनीक, उत्पाद या प्रोसेस के लिहाज से तो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन अभी अंडरपरफॉर्मिंग हैं या अपनी क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को यूएसपी के अंतर्गत बैंक ने 62 कंपनियों को कुल ₹ 1,214 करोड़ (5 इक्‍विटी निवेशों सहित) की वित्तीय सहायता प्रदान की। यूएसपी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कंपनियों में सस्टैनेबिलिटी को बढ़ावा देने वाले 11 नवोन्मेषी समाधानों के साथ-साथ, अत्याधुनिक तकनीक में दुनिया को नई राह दिखा रही 20 कंपनियां और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रही 10 कंपनियां शामिल हैं। वहीं, अन्य कंपनियां ई-मोबिलिटी समाधानों, विशेषीकृत मध्यवर्ती वस्तुओं, सॉफ्टवेयर समाधानों, वैश्‍विक ब्रांडों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसे क्षेत्रों की हैं। बैंक ने अग्रणी अकादमिक संस्थानों के साथ भी अपनी भागीदारी को सुदृढ़ किया है। इस क्रम में बैंक ने नई-नई शुरू हुई कंपनियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईएम अहमदाबाद और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के इन्क्यूबेटरों को तकनीकी सहायता प्रदान की है। 

 

संसाधन एवं ट्रेजरी 

बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, 3.26 बिलियन यूएस डॉलर के विदेशी मुद्रा संसाधनों सहित कुल ₹ 74,768  करोड़ के संसाधन जुटाए। बैंक को मूडीज़ द्वारा बीएए3 (स्थिर), एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर), फिच रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर) और जापान क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा बीबीबी+ (स्थिर) रेटिंग दी गई है। ये सभी रेटिंग निवेश ग्रेड या इससे ऊपर की हैं और संप्रभु रेटिंग के समान हैं।

 

सस्टैनेबिलिटी पर फोकस

वर्ष के दौरान, बैंक ने ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 200 मिलियन यूएस डॉलर के दो संपोषी बॉन्ड जारी किए। साथ ही, ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत 150 मिलियन यूएस डॉलर का अपना पहला ग्रीन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी जारी किया।

बैंक ने सस्टैनेबेलिटी संबंधी प्रयासों को बढ़ावा देने के क्रम में संपोषी वित्त कार्यक्रम नाम से एक नया ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत पात्र उधारकर्ताओं के हरित (ग्रीन), परिवर्तन (ट्रांज़िशन), सामाजिक और सस्टैनेबेलिटी से जुड़े निवेशों का वित्तपोषण करने के लिए की गई है और बैंक ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्‍न परियोजनाओं को सहायता प्रदान की है। बैंक द्वारा वित्तपोषित एक प्रमुख ट्रांज़िशन परियोजना, 200 मेगावाट की “राउंड द क्लोक (आरटीसी) अक्षय ऊर्जा परियोजना” की स्थापना करने से संबंधित है। इसके जरिए देश के सबसे बड़े एकीककृत ज़िंक उत्पादकों में से एक को अपने कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को ‘’प्रोजेक्ट फायनैंस इंटरनैशनल (पीएफआई) अवॉर्ड ’ भी मिला है।

 

संवर्धन एवं विकासपरक भूमिका 

एक्ज़िम बैंक की पहलें देश के दूरस्थ इलाकों में स्थित ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को भी अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में कदम बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। भारत सरकार की ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ओडीओपी)/ ’निर्यात केंद्र के रूप में जिला’ (डीईएच) पहल के अनुरूप, बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, पूर्वोत्तर भारत के 5 जिलों सहित 64 जिलों को चिह्नित किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने विभिन्‍न अनुदानों के जरिए जिला स्तर पर निर्यात क्षमता बढ़ाने में योगदान दिया। इनमें यूपी के खुर्जा में अत्याधुनिक 3डी डिज़ाइन स्टूडियो की स्थापना के लिए दिया गया अनुदान भी शामिल है, जिसके जरिए सरैमिक उद्योग के लिए प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी और इससे 15,000 कामगारों को रोजगार देने वाली 300 इकाइयां लाभान्वित होंगी। इसके अलावा, निर्यातकों को एम्सटर्डम में एक प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए भी अनुदान दिया गया, ताकि खरीदारों तक उनकी आसान पहुंच हो सके और फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन भी प्रदान की गईं। साथ ही, सांगली के हल्दी किसानों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता और हाईजीन को बढ़ाने के लिए मशीनरी प्रदान की गई। वित्तीय सहायता के अलावा, बैंक ग्रासरूट उद्यमों को कौशल विकास कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए भी सहायता प्रदान करता रहा है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक ने इन कार्यक्रमों के जरिए दस्तकारों, किसानों और बुनकरों को 139,000 पर्सन-डेज़ का सहयोग दिया। 

बैंक ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को बेहतर विज़िबिलिटी और ब्रांड प्रमोशन देते हुए बाजारों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने प्रज़ेंटिंग स्पॉन्सर के रूप में काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ भी भागीदारी की। इस महोत्सव में देश के विभिन्‍न राज्यों से 200 से अधिक दस्तकारों और ग्रासरूट उद्यमों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 24 राज्यों के 60 से अधिक दस्तकारों को एक्ज़िम बैंक द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।  

एक्ज़िम बैंक ने देशों/क्षेत्र, भारतीय राज्यों की निर्यात क्षमता, उद्योगों और अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार से संबंधित विषयों पर 20 शोध अध्ययन प्रकाशित किए। इसके अलावा, बैंक ने मुक्त व्यापार करारों के संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार को महत्त्वपूर्ण इनपुट भी प्रदान किए। 

 

सामाजिक पहलें 

वर्ष के दौरान, बैंक ने भारत के 12 राज्यों में 16 पहलों के लिए सहयोग प्रदान किया। बैंक ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सहयोग के माध्यम से वंचित वर्गों के छात्रों की शिक्षा और जरूरी पोषण में सहायता प्रदान करना जारी रखा। इस क्रम में, बैंक ने छात्रों को मिड-डे मील पहुंचाने के लिए यूपी के वाराणसी में इस फाउंडेशन को दो सीएनजी वाहनों की खरीद के लिए सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा, बैंक ने पेड़ लगाने वाले आईटी-आधारित एनजीओ, संकल्पतरु फाउंडेशन के साथ मिलकर 2,650 पेड़ लगाए। इनके जरिए प्रति वर्ष 81.9 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। बैंक ने बाइक मैकेनिक और इलेक्ट्रिशियन जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के क्रम में 200 महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया। 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री गौरव भंडारी, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005;
फोनः +91-22-22172829; ईमेलः ccg@eximbankindia.in.

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 12.3% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 10.7% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। इन सकारात्मक वृद्धि दरों के गत वित्तीय वर्ष की पिछली दो तिमाहियों में दर्ज की गई वृद्धि दरों के क्रम में बने रहने की उम्मीद है। भारत के निर्यात में यह सकारात्मक वृद्धि, भारत के जीडीपी वृद्धि परिदृश्य में सुधार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में लगातार वृद्धि और बढ़ती वैश्‍विक मांग के बीच मौद्रिक सख्ती में वैश्‍विक नरमी तथा कुछ हद तक आधार प्रभाव के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट के चलते तीव्र होते लाल सागर संकट और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है। निर्यातों में यह वृद्धि आगामी तिमाहियों में भी जारी रहने की उम्मीद है। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान अगस्त 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, सलाहकार, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों की वृद्धि की संभावनाओं में अनिश्‍चितता, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 2.96% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 4.55% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। यह सकारात्मक वृद्धि वर्ष की प्रथम दो तिमाहियों में रही ऋणात्मक वृद्धि के बाद दर्ज की जा रही है। भारत के निर्यात में यह सकारात्मक वृद्धि, भारत के जीडीपी वृद्धि परिदृश्य में सुधार तथा बढ़ती वैश्‍विक मांग के बीच मौद्रिक सख्ती में वैश्‍विक नरमी के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट के चलते तीव्र होते लाल सागर संकट और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है।

इस पूर्वानुमान के साथ, पूर्ण वित्तीय वर्ष 2024 के लिए भारत का कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात 435.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। जबकि गैर-तेल निर्यात के गत वर्ष के स्तर पर बने रहने की संभावना है। तथापि, वर्ष के दौरान तेल निर्यातों में मंदी बने रहने के आसार हैं और वित्तीय वर्ष 2023 की तुलना में 12.5 बिलियन यूएस डॉलर कम रहने का पूर्वानुमान है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं । वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान मई 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in
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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

 

एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार की सहायता से गयाना सरकार को प्रदान की 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्‍ज़िम बैंक) ने भारत सरकार की ओर से गयाना सरकार को 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था प्रदान की है। यह ऋण-व्यवस्था देश के रक्षा बल के लिए दो विमानों की खरीद के लिए प्रदान की गई है।

इस ऋण-व्यवस्था करार पर 15 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए। इस पर गयाना सरकार की ओर से वित्त और लोक सेवा के उत्तरदायित्व के साथ प्रेसीडेंट कार्यालय में माननीय वरिष्‍ठ मंत्री, डॉ. आशनी के. सिंह और एक्ज़िम बैंक के उप महाप्रबंधक श्री संजय लांबा ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान गयाना में भारत के उच्चायुक्त डॉ. अमित तेलंग उपस्थित रहे।

इस ऋण-व्यवस्था करार पर हस्ताक्षर के साथ ही एक्ज़िम बैंक द्वारा अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, ओशिआनिया तथा सीआईएस क्षेत्र के 62 देशों को 2.72 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण-प्रतिबद्धता के साथ कुल 292 की ऋण व्यवस्थाएं प्रदान की जा चुकी हैं। यह राशि भारत से निर्यातों के वित्तपोषण हेतु उपलब्‍ध है। भारत से निर्यातों को बढ़ावा देने के अतिरिक्त एक्‍ज़िम बैंक की ऋण-व्‍यवस्‍थाएं उभरते बाजारों में भारत की विशेषज्ञता और परियोजना निष्‍पादन क्षमताओं को भी प्रदर्शित करती हैं।

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री विक्रमादित्य उगरा, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, ऑफिस ब्लॉक, टावर-1, 7वीं मंज़िल, एड्जेसेंट रिंग रोड, किदवई नगर (पूर्व), नई दिल्ली – 110023,
फोन :+91-11-24607700
ई- मेल: eximloc@eximbankindia.in
वेबसाइट: www.eximbankindia.in

 

व्यापार सुगमीकरण और सूचना पोर्टल, एक्ज़िम मित्र 2.0 के विकास के लिए साथ आए एक्ज़िम बैंक और एमएसएमई मंत्रालय

देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की सहायता के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इसके लिए दोनों के बीच एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह एमओयू एक्ज़िम बैंक द्वारा भारतीय निर्यातकों, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के निर्यातकों के लिए व्यापार वित्त और संबंधित सूचनाओं को सुगम बनाने के लिए बनाए गए एक्ज़िम मित्र पोर्टल के रीलॉन्च के लिए किया गया है, जिसे एक्ज़िम मित्र 2.0 के नाम से जाना जाएगा। इस एमओयू पर एमएसएमई मंत्रालय में अपर सचिव और विकास आयुक्त, डॉ. रजनीश तथा एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान, भारत सरकार के माननीय केंद्रीय एमएसएमई मंत्री, श्री नारायण राणे और उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा और वस्‍त्र मंत्री, श्री राकेश सचान विशेष रूप से उपस्थित रहे। यह एमओयू ग्रेटर नोएडा में 14 फरवरी, 2024 को प्रौद्योगिकी केंद्रों के उद्घाटन समारोह के दौरान किया गया।

इस सहयोग से एक्ज़िम बैंक का व्यापार सुगमीकरण और सूचना पोर्टल ‘एक्ज़िम मित्र’ और सुदृढ़ होगा, जहां निर्यात बाजार में संभावनाएं तलाशने वाली भारतीय कंपनियों को व्यापार संबंधी सूचनाओं, हैंडहोल्डिंग और सहयोग सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध हैं। एक्ज़िम बैंक अब इसे एक्ज़िम मित्र 2.0 पोर्टल और मोबाइल ऐप के रूप में पुन- विकसित करने की प्रक्रिया में है। दूसरी ओर, वैश्‍विक वैल्यू चेन में भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की प्रतिभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से एमएसएमई मंत्रालय द्वारा विदेशी बाजारों पर निर्यात से जुड़े डेटा की सेंट्रल नॉलेज रिपोज़िटरी के रूप में ‘ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस सिस्टम (जीएमआईएस)’ तैयार किया जा रहा है। एक्ज़िम मित्र 2.0 और जीएमआईएस के साझा उद्देश्य और एकरूपता को ध्यान में रखते हुए, एमएसएमई मंत्रालय और एक्ज़िम बैंक मिलकर एकीकृत पोर्टल तैयार कर रहे हैं। इस सहयोग से एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम रजिस्ट्रेशन डेटा तक एक्ज़िम बैंक की पहुंच बन सकेगी और इसका उपयोग कर रजिस्टर्ड उद्यम उपयोक्ताओं को एक्ज़िम मित्र 2.0 पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उनकी आवश्यकतानुसार सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी। इस सहयोग से एक्ज़िम मित्र 2.0 के जरिए भावी निर्यातकों को उनकी जरूरत के मुताबिक सामग्री और बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।

एक्ज़िम मित्र 2.0 के जरिए व्यापार से जुड़ी सूचनाएं और डेटा सुलभ होगा और उपयोक्ताओं को बेहतर एक्सेस तथा अबाधित सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, “निर्यात के शुरुआती कदम” पर वीडियो सीरीज़ के साथ-साथ पॉडकास्ट, ब्लॉग और जानकारीपरक वीडियो जैसी मल्टीमीडिया सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी और उपयोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार माध्यम चुनकर जानकारी हासिल कर सकेंगे। इस पोर्टल पर एक चैटबॉट भी होगा, जो उपयोक्ताओं को निर्यातकों के सवालों के त्वरित उत्तर देगा और उन्हें तुरंत संबंधित सूचना तक पहुंचाएगा। इसकी पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से यह पूरी सामग्री दूसरी भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जाएगी।

एक्ज़िम बैंक और एमएसएमई मंत्रालय के इस सहयोग के जरिए निर्यातों के ईकोसिस्टम में सूचनाओं के अंतर को कम करने में मदद मिलेगी। देश से निर्यातों के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन में एक्ज़िम बैंक के चार दशकों के अनुभव और संस्थागत संबंधों के साथ जब एमएसएमई मंत्रालय का व्यापक डेटा मिलेगा तो यह न केवल मौजूदा और भावी निर्यातकों के लिए बहु-उपयोगी होगा, बल्कि 2030 तक देश से 2 ट्रिलियन यूएस डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में भी मददगार होगा।


विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिए: श्री धर्मेंद्र सचान, महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21 मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400 005;
फोनः +91-22-22172336;
ईमेलः eximmitra@eximbankindia.in

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 2.96% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 4.55% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। यह सकारात्मक वृद्धि वर्ष की प्रथम दो तिमाहियों में रही ऋणात्मक वृद्धि के बाद दर्ज की जा रही है। भारत के निर्यात में यह सकारात्मक वृद्धि, भारत के जीडीपी वृद्धि परिदृश्य में सुधार तथा बढ़ती वैश्‍विक मांग के बीच मौद्रिक सख्ती में वैश्‍विक नरमी के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट के चलते तीव्र होते लाल सागर संकट और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है।

इस पूर्वानुमान के साथ, पूर्ण वित्तीय वर्ष 2024 के लिए भारत का कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात 435.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। जबकि गैर-तेल निर्यात के गत वर्ष के स्तर पर बने रहने की संभावना है। तथापि, वर्ष के दौरान तेल निर्यातों में मंदी बने रहने के आसार हैं और वित्तीय वर्ष 2023 की तुलना में 12.5 बिलियन यूएस डॉलर कम रहने का पूर्वानुमान है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं । वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान मई 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in

 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

उभरते वैश्‍विक व्यापार परिदृश्य में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मिला नया महत्त्व

सिडनी, ऑस्ट्रेलिया, 21 नवंबर, 2023 – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित एशियाई एक्ज़िम बैंक फोरम (एईबीएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान 21 नवंबर, 2023 को इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बांगारी और एक्सपोर्ट फायनैंस ऑस्ट्रेलिया (ईएफए) के प्रबंध निदेशक और सीईओ, श्री जॉन हॉपकिन ने इंडिया एक्ज़िम बैंक के एक शोध अध्ययन का विमोचन किया। यह शोध अध्ययन 'संपर्कों को बढ़ावा देना: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों का आर्थिक विश्लेषण' शीर्षक से प्रकाशित किया गया है।

एईबीएफ की संकल्पना एशियाई निर्यात ऋण एजेंसियों के लिए संरचित तरीके से सूचनाओं के आदान-प्रदान और विचारों को साझा करने के उद्देश्य से 1996 में भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा की गई थी। एशियाई ईसीए फोरम का मुख्य कार्य क्षेत्रीय सहयोग को विकसित करना और बढ़ाना तथा एशियाई ईसीए समुदाय के भीतर दीर्घकालिक संबंध को बढ़ावा देने के लिए सदस्य संस्थाओं के बीच सुदृढ़ संबंध बनाना है। ईएफए ने 'निर्यात ऋण 2040: उभरते परिदृश्य के लिए भावी प्राथमिकताएं' विषय पर 28वीं एईबीएफ वार्षिक बैठकों की मेजबानी की।

इन वार्षिक बैठकों के दौरान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध अध्ययन का विमोचन किया गया, जिसका शीर्षक है- 'संपर्कों को बढ़ावा देना: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों का आर्थिक विश्लेषण'। इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) से पहले की अवधि के दौरान बढ़ते भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों पर व्यापक मत प्रदान किया गया है और यह भी बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों में ईसीटीए किस प्रकार रणनीतिक बदलाव ला सकता है।

इस उभरते वैश्‍विक परिदृश्य में ऑस्ट्रेलिया, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में भारत को एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखने लगा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों ने रणनीतिक साझेदारी में एक सकारात्मक ट्रैक विकसित कर दिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वस्तु व्यापार 2012 के 15.6 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 27.8 बिलियन यूएस डॉलर का हो गया है। हालांकि पिछले एक दशक में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार संबंधों में काफी बदलाव आया है, लेकिन संरचना और पैटर्न में अभी भी विविधता नहीं आई है और भारत के निर्यात में विविधता लाने की बड़ी संभावना है।

अध्ययन में तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में तुलनात्मक लाभ वाले भारतीय निर्यात चिह्नित किए गए हैं और इन उत्पादों में व्यापार बढ़ाने के लिए रणनीति सुझाई गई है। विश्लेषण में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार को प्रभावित करने वाले पूर्व-ईसीटीए टैरिफ के साथ-साथ गैर-टैरिफ बाधाओं और सेवा प्रतिबंधों की पड़ताल भी की गई है।

ईसीटीए को एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के रूप में तब्दील करने से ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्‍ठ आर्थिक संबंधों की संभावनाओं से लाभान्वित हुआ जा सकेगा। दोनों देशों द्वारा परस्पर संबंधों को बढ़ाने से परस्पर वृद्धि और साझी समृद्धि की अपार संभावनाएं बनती हैं और इसे ध्यान में रखते हुए इस शोध अध्ययन में सीईसीए को अमलीजामा पहनाने सहित भारत का द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की रणनीतियां चिह्नित की गई हैं। सीईसीए के अंतर्गत भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग के कुछ संभावित क्षेत्रों में लघु और मध्यम उद्यमों को सहयोग, डिजिटल व्यापार को बढ़ावा, जीआई प्रमाणित वस्तुओं का व्यापार, स्थानीय मुद्रा में व्यापार निपटान, महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए रणनीतिक गठबंधन, सरकारी खरीद, अंतरराष्‍ट्रीय समुद्री परिवहन सेवाओं में सहयोग, कृषि प्रौद्योगिकी साझेदारी, पारस्परिक महत्त्व के समझौते करना और अक्षय ऊर्जा में साझेदारी जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। 

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिएः

श्री डेविड सिनाटे 
मुख्य महाप्रबंधक 
शोध एवं विश्लेषण समूह 
भारतीय निर्यात-आयात बैंक  
8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV 
नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
फोन: 91-22-2286 0353
E-mail: dsinate@eximbankindia.in

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 111.2 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात और 88.1 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा गैर-तेल निर्यात

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 88.1 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 6.3% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 7.7% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। यह सकारात्मक वृद्धि वर्ष की प्रथम दो तिमाहियों में रही ऋणात्मक वृद्धि के बाद दर्ज की जा रही है। 

भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि, भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास दृष्टिकोण में सुधार और वैश्‍विक मौद्रिक नीति में नरमी के परिणामस्वरूप बढ़ती वैश्‍विक मांग के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों और भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है।

भारत के कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात, वित्तीय वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही से लगातार नौ तिमाहियों से 100 बिलियन यूएस डॉलर से ऊपर बने हुए हैं। यह आपूर्ति शृंखला संबंधी बाधाओं और भू-राजनीतिक तनावों के चलते बनी चुनौतीपूर्ण वैश्‍विक आर्थिक स्थिति के बीच अनुकूलनशीलता को दर्शाता है। इन पूर्वानुमानों के साथ, भारत के निर्यात वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों में 323 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। वहीं, इस अवधि के दौरान गैर-तेल निर्यात 258 बिलियन यूएस डॉलर का रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान तिमाही आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। इस मॉडल में निरंतर सुधार का प्रयास किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान फरवरी 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर एवं संयोजक, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021, फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311, ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

Significant opportunity of collaboration in emerging segments between India and UK

The Export-Import Bank of India (India Exim Bank) organised a programme on the theme of “Investment Opportunities between India and the United Kingdom” during October 30-31, 2023 in London, United Kingdom (UK). Given the recent developments in India-UK relations, the two-day programme aimed at exploring avenues of strengthening the economic partnership between the two nations. As part of the programme, the India Infrastructure Finance Company Ltd (IIFCL) also organised sessions. The programme seen a wide participation from Indian and Foreign Banks, Financial Institutions, Investors and various industrial sectors in the UK.

Dr. Vivek Joshi, Secretary, Financial Services, Ministry of Finance, Government of India, graced the event on “India’s Technological Advancement and Enhancing Global Footprint”, as Chief Guest. Ms Harsha Bangari, Managing Director, India Exim Bank during the welcome address set context to the Programme and highlighted the key complementary sectors and industries between India and UK. Dr. Joshi, in his address, delineated India’s position as amongst the fastest growing major economy in the world, and also brought to the fore India’s technological advancements especially in the areas of digital technology, automobiles including electrical vehicles, and pharmaceutical, which are further propelling the Indian economy, and generating possibilities for further investments between India and the United Kingdom. 

Dr. Joshi also highlighted India’s notable developments in the space sector as it focusses on its cost-effectiveness, while possessing end-to-end capabilities, including in areas like satellite communication, and geospatial data-based services. He remained optimistic towards India and the UK forging alliances in this area as more players venture into upstream and downstream sectors in space to provide commercial offerings.

Speaking on the occasion, Mr. Pankaj Sharma, Joint Secretary, Financial Services, Ministry of Finance, Government of India, added that India has laid out an ambitious target of achieving US$ 2 trillion exports annually by 2030, and India’s Foreign Trade Policy 2023, among others, aims at galvanizing districts in India to become export hubs by identifying products and services with export potential. He emphasised that trade in such sectors would also strengthen bilateral ties between India and the UK. 

Mr. Sujit Ghosh, Deputy High Commissioner of India in UK, highlighted the progress in innovation, research & technology and outlined the potential areas of cooperation and existing synergies for enhanced India – UK partnership.

The event also saw discussions amongst a panel of experts from corporates, practioners and policymakers, who dwelled upon the evolving opportunities amidst the changing geo-economics, in areas like automobiles, pharmaceuticals, construction equipment, IT and space technology and exploring business opportunities between Indian and the United Kingdom.

Marking the occasion, India Exim Bank concluded a credit facility of USD 94.40 mn to Network Access Associates Limited (a subsidiary of Oneweb Holdings Limited, UK) to support a satellite launch contract secured by NewSpace India Ltd. (NSIL) on behalf of the Indian Space Research Organization (ISRO). The contract covers two launches comprising 36 satellites each, as part of a constellation of Low Earth Orbit (LEO) satellites to provide 24/7 broadband internet connectivity across the globe.

As part of the two-day event, India Exim Bank also opened the Markets at the London Stock Exchange to commemorate the listing of its maiden US$ 1 billion Sustainability Bond on the London Stock Exchange’s Sustainable Bond Market (“SBM”) Platform, and also organised a series of engagements with investors and merchante bankers in London to provide updates on the Indian economy and Exim Bank’s operational and financial performance. India Exim Bank has consistently worked towards enhancing its ESG and innovative initiatives, along with transparency and communication with its stakeholders

For more information, please contact: 
Mr. Gaurav Bhandari, Chief General Manager, Export-Import Bank of India, Centre One Building, Floor 21, World Trade Centre Complex, Cuffe Parade, Mumbai 400005; Phone +91-22-22172829; E-mail: ccg@eximbankindia.in.

एक्ज़िम बैंक ने ईरा पुरस्कार 2023 के लिए आमंत्रित की प्रविष्‍टियां

मुंबई, 02 नवंबर, 2023: भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) वर्ष 2023 के अपने अंतरराष्‍ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान (ईरा सम्मान) के लिए प्रविष्‍टियां आमंत्रित की हैं। ईरा सम्मान अंतरराष्‍ट्रीय अर्थशास्‍त्र, व्यापार और विकास तथा संबंधित वित्तपोषण के क्षेत्र में शोध एवं विश्लेषण को बढ़ावा देने के बैंक के निरंतर प्रयासों को रेखांकित करता है। सम्मान स्वरूप तीन लाख पचास हजार रुपये (3.5 लाख रुपये) की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। इस सम्मान की स्थापना 1989 में की गई थी। 

प्रविष्‍टि
अंतरराष्‍ट्रीय अर्थशास्‍त्र, व्यापार, विकास और संबंधित वित्तपोषण जैसे क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों द्वारा राष्‍ट्रीय मान्यता प्राप्त किसी विश्‍वविद्यालय अथवा भारत या विदेश स्थित किसी शैक्षणिक संस्था से किए गए ऐसे शोध कार्य, जिनके लिए उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान कर दी गई हो या उपाधि के लिए उन्हें स्वीकार कर लिया गया हो, इस सम्मान के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। भारत / एक्ज़िम बैंक से संबंधित विषय जैसे विदेश व्यापार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, संयुक्त उद्यम, अंतरराष्‍ट्रीय स्पर्धात्मकता, व्यापार और निवेश को प्रभावित करने वाली नीतियां, मौद्रिक और राजकोषीय उपाय जैसे विषय इस सम्मान के लिए विशेष महत्त्व के होंगे। प्रविष्‍टि के रूप में इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा ऐसी थीसिस ही स्वीकार की जाएंगी, जिनके लिए 1 जनवरी, 2019 से 31 अक्टूबर, 2023 के बीच डॉक्टरेट की उपाधि दे दी गई हो या उस थीसिस को डॉक्टरेट की उपाधि के लिए स्वीकार कर लिया गया हो। ईरा सम्मान 2023 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2023 है। 

विस्तृत जानकारी और ईरा सम्मान 2023 के लिए आवेदन करने हेतु कृपया हमारी वेबसाइट देखिए: 
https://www.eximbankindia.in/Hindi/citations.aspx;
ईमेल: iera@eximbankindia.in

 

लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट प्लैटफॉर्म पर लिस्ट हुआ इंडिया एक्ज़िम बैंक का 1 बिलियन यूएस डॉलर का पहला 10 वर्षीय सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड

डॉ. विवेक जोशी, सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लंदन स्टॉक एक्सचेंज में मार्केट खोला गया। इस दौरान भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी भी उपस्थित रहीं। यह मौका था, इंडिया एक्ज़िम बैंक के 1 बिलियन यूएस डॉलर के पहले 10 वर्षीय सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड के लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट (एसबीएम) प्लैटफॉर्म पर लिस्टिंग का।

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) का 1 बिलियन यूएस डॉलर का पहला 10 वर्षीय सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट प्लैटफॉर्म पर लिस्ट हो गया और इंडिया एक्ज़िम बैंक मार्केट खोलते हुए इस मौके का साक्षी बना। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने यह बॉन्ड जनवरी 2023 में जारी किया था। इसी के साथ इंडिया एक्ज़िम बैंक 2023 में बाजारों को डॉलर और सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड निर्गमों के लिए खोलने वाला पहला भारतीय निर्गमकर्ता बना था। इसके बाद, इस बॉन्ड से प्राप्त आय से वित्तपोषित परियोजनाओं और आस्तियों के मूल्यांकन के बाद जुलाई 2023 में बैंक को ‘एक्सटर्नल पोस्ट इशूएंस रिव्यू’ का दर्जा मिला। इस सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड के ‘एक्सटर्नल पोस्ट इशूएंस रिव्यू’ का दर्जा मिलना इस बात का परिचायक है कि सभी परियोजनाओं की समीक्षा में पाया गया कि उनमें ‘बॉन्ड की आय के उपयोग’ से संबंधित मानदंडों का अनुपालन हुआ है और यह बैंक के पर्यावरणीय, सामाजिक गवर्नैंस (ईएसजी) फ्रेमवर्क में निर्धारित प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज ने सम्यक जांच के बाद एक्ज़िम बैंक के सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड को अपने सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट (एसबीएम) प्लैटफॉर्म पर लिस्ट करने के लिए क्‍वालिफाय घोषित किया। 

इस अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय के सचिव श्री विवेक जोशी ने कहा, “वित्तीय क्षेत्र में भारत और यूके के बीच हालिया घटनाक्रम और सहयोगात्मक प्रयासों से निरंतर सहयोग और वृद्धि के लिए एक मजबूत बुनियाद तैयार हो गई है। आज इंडिया एक्ज़िम बैंक के 1 बिलियन यूएस डॉलर के पहले 10 वर्षीय सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड की लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सस्टेनेबल बॉन्ड मार्केट (एसबीएम) प्लैटफॉर्म पर लिस्टिंग अपने आप में महत्त्वपूर्ण है। यह संपोषी विकास के लिए परस्पर सहयोग की हमारी प्रतिबद्धता का परिचायक है।”

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने कहा, “लंदन स्टॉक एक्सचेंज में आज बाज़ार खोलना हमारे लिए हर्ष की बात है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज के साथ हमारा सहयोग 2017 में शुरू हुआ था। आज बैंक के 4.7 बिलियन यूएस डॉलर के 7 निर्गम लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं। इस भागीदारी से हमारे बॉन्डों को बेहतर विज़िबिलिटी मिली है। साथ ही, अधिक पूंजी और विस्तृत निवेशक आधार तक पहुंच बनी है। हमारा पहला सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड सस्टेनेबल फायनैंस में सर्वश्रेष्‍ठ वैश्‍विक पद्धतियों के अनुरूप काम करने के हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है।” 

इंडिया एक्ज़िम बैंक के उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा ने कहा कि “भारत की निर्यात ऋण एजेंसी के रूप में और ईएसजी के लिए हमारी प्रतिबद्धता के क्रम में, हमने अपने परिचालनों के हर पहलू में सस्टैनेबिलिटी को एकीकृत करने के लिए अपनी नीतियों को परिष्कृत किया है और अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बनाया है। साथ ही, हम व्यापार वित्त में भी अपना सहयोग दे रहे हैं, जो संयुक्त राष्‍ट्र के छह सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है।”

बैंक के ईएसजी फ्रेमवर्क की ‘सेकेंड पार्टी ओपिनियन’ (एसपीओ) द्वारा समीक्षा की गई है। इस फ्रेमवर्क की पुष्‍टि ‘विश्‍वसनीय और प्रभावी’ फ्रेमवर्क के रूप में की गई है। साथ ही, यह इंटरनैशनल कैपिटल मार्केट असोसिएशन (ICMA) द्वारा प्रशासित सस्टैनेबिलिटी बॉन्ड दिशानिर्देश 2021, ग्रीन बॉन्ड सिद्धांत 2021 और सामाजिक बॉन्ड सिद्धांत 2021; लोन मार्केट असोसिएशन, एशिया पैसिफिक लोन मार्केट असोसिएशन और लोन सिंडिकेशन एंड ट्रेडिंग असोसिएशन द्वारा प्रशासित हरित ऋण (ग्रीन लोन) सिद्धांत 2021 और सामाजिक ऋण सिद्धांत 2021 के अनुरूप है। 

बैंक ने अपने इस बॉन्ड को लंदन स्टॉक एक्सचेंज के अलावा इंडिया इंटरनैशनल एक्सचेंज (आईएफएससी) लिमिटेड (इंडिया आईएनएक्स) के जीएसएम ग्रीन प्लैटफॉर्म और अफ्रीनेक्स लिमिटेड (अफ्रीनेक्स) के अफेक्स ग्रीन प्लैटफॉर्म पर भी लिस्ट किया है, जो सामाजिक, हरित और संपोषी वित्तपोषण के लिए एक अलग प्लैटफॉर्म है। यह बॉन्ड सिंगापुर एक्सचेंज सिक्योरिटीज़ ट्रेडिंग लिमिटेड में भी लिस्टेड है। 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
सुश्री दीपाली अग्रवाल, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005; 

फोनः +91-22-22172601; ईमेलः tag@eximbankindia.in.

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 105.4 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात और 87.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा गैर-तेल निर्यात

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 105.4 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 87.3 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां वर्ष-दर-4.8% की गिरावट का पूर्वानुमान है तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 0.5% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज का अनुमान है। भारत के निर्यात, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, बढ़ते भू-आर्थिक फ्रेग्मेंटेशन के चलते वैश्‍विक भू-राजनीतिक अनिश्‍चितता, और सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थिति की वजह बनने वाले उच्च मुद्रास्फीति दबावों के अध्यधीन हैं। 

तथापि, भारत के कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात, वित्तीय वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही से लगातार आठ तिमाहियों से 100 बिलियन यूएस डॉलर से ऊपर बने हुए हैं। यह आपूर्ति शृंखला संबंधी बाधाओं और भू-राजनीतिक तनावों के चलते बनी चुनौतीपूर्ण वैश्‍विक आर्थिक स्थिति के बीच अनुकूलनशीलता को दर्शाता है। इन पूर्वानुमानों के साथ, भारत के निर्यात वित्तीय वर्ष की प्रथम छमाही में 208 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। वहीं, इस अवधि के दौरान गैर-तेल निर्यात 172 बिलियन यूएस डॉलर का रहने का अनुमान है। वर्तमान में तेल कीमतों में जारी वृद्धि के चलते आगामी तिमाहियों में भारत के लिए निर्यात बढ़ सकता है। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान तिमाही आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। इस मॉडल में निरंतर सुधार का प्रयास किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान दिसंबर 2023 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर एवं संयोजक, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र (CDS), त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021, फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311, ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

India Exim Bank Announces the Winner of the BRICS Economic Research Citation for 2023

India Exim Bank’s BRICS Economic Research Citation 2023 was presented to the Citation winner, Dr. Digvijay Singh Negi during the 13th Annual BRICS Financial Forum hosted by the Development Bank of Southern Africa (DBSA) in Cape Town on August 22, 2023 in the presence of heads of member development banks of the BRICS Interbank Cooperation Mechanism.

 

August 22, 2023: Dr. Digvijay Singh Negi was declared the winner of Export-Import Bank of India’s (India Exim Bank’s) BRICS Economic Research Citation 2023, Dr. Negi was handed over the Citation by Ms. Harsha Bangari, Managing Director, Export-Import Bank of India, in the presence of Prof. Mark Swilling, Chairman, Development Bank of Southern Africa (DBSA) and Ms Boitumelo Mosako, CEO, Development Bank of Southern Africa (DBSA), during the 13th BRICS Annual Financial Forum, hosted by Development Bank of Southern Africa (DBSA) in Cape Town on August 22, 2023. The Forum saw the participation of the heads of member development banks of the BRICS Interbank Cooperation Mechanism viz. the Brazilian Development Bank (BNDES); State Development Corporation VEB.RF; China Development Bank (CDB); Export-Import Bank of India (India Exim Bank) and Development Bank of Southern Africa (DBSA), along with the New Development Bank. The Citation comprises prize money of Indian Rupees 1.5 million (approximately USD 20,000), and a medal. Exim Bank’s Occasional Paper titled “Essays on Risk, Insurance and Welfare” based on the Citation winner’s doctoral thesis was also released during the Forum at the hands of Ms. Harsha Bangari, Managing Director, Export-Import Bank of India, Prof. Mark Swilling, Chairman, Development Bank of Southern Africa (DBSA) and Ms Boitumelo Mosako, CEO, Development Bank of Southern Africa (DBSA).  

 

The Winning Thesis

Dr. Digvijay Singh Negi won the Citation for his doctoral thesis titled “Essays on Risk, Insurance and Welfare". Dr. Negi received his doctoral degree in 2018 from the Indian Statistical Institute, India. He is currently a Fulbright-Nehru Postdoctoral Fellow at the Cornell University, USA.

 

The BRICS Economic Research Citation

In the context of India’s Chairmanship of the BRICS Forum during 2016, and under India Exim Bank’s Presidency of the BRICS Interbank Cooperation Mechanism (ICM), India Exim Bank instituted the BRICS Economic Research Citation in March 2016. The objective of the Citation is to stimulate and encourage advanced doctoral research on economics related topics of contemporary relevance to the member nations of BRICS.  

The BRICS Economic Research Citation represents India Exim Bank’s on-going efforts at promoting research in the area of international economics, trade & development and related financing. The Citation accepted as entries, doctoral thesis written by nationals of any of the five member nations of BRICS, who have been awarded a doctorate or accepted for award of a doctorate from any University or academic institution globally. The details of the Citation were disseminated globally through advertisements in print and electronic media.

 

For further details please contact: Mr. David Sinate, Chief General Manager, Export-Import Bank of India, Centre One Building, Floor 21, World Trade Centre Complex, Cuffe Parade, Mumbai 400 005. Telephone: +91-22- 2286 0363; Fax: 022- 2218 0743; E-mail: dsinate@eximbankindia.in