प्रेस विज्ञप्ति

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    27-Mar-2025

    भारतीय पारंपरिक ज्ञान से हो सकता है संपोषी विकासः इंडिया एक्ज़िम बैंक के सेमिनार में बोले पद्मश्री चैत्राम पवार

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    21-Mar-2025

    इंडिया एक्ज़िम बैंक ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जाइका) के साथ मिलकर श्रीराम फायनैंस लिमिटेड को 306 मिलियन यूएस डॉलर के संसाधन जुटाने में किया सहयोग

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    07-Mar-2025

    महिला श्रम-प्रधान क्षेत्रों में 1% टैरिफ घटाने से 3.6% बढ़ सकती है समृद्धि: एक्ज़िम बैंक का अध्ययन

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    14-Feb-2025

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 124.8 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 109.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    26-Jan-2025

    कला और संस्कृति के अद्भुत संगम के लिए साथ आए इंडिया एक्ज़िम बैंक और काला घोड़ा कला महोत्सव

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    21-Jan-2025

    एक्ज़िम बैंक ने की ईरा सम्मान 2023 की घोषणा

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    07-Jan-2025

    एक्ज़िम बैंक ने भारत में अब तक सबसे कम स्प्रैड पर 1 बिलियन यूएस डॉलर के बॉन्ड के साथ खोले ऋण बाजार

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    12-Nov-2024

    India Exim Bank forecasts India’s merchandise exports to amount to US$ 107.5 bn and Non-oil exports to amount to US$ 91.7 bn for Q3 (October-December) of FY2025

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    05-Nov-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक ने की ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान 2024 के विजेता की घोषणा

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    06-Sep-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक ने व्यापार सुगमीकरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ किया करार

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    26-Aug-2024

    दुनिया में मशहूर यूपी की खुर्जा पॉटरी को मिली डिजिटल खूबसूरती

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    13-Aug-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    11-Jul-2024

    एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार को अंतरित किया ₹252 करोड़ का लाभ शेष

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    28-Jun-2024

    सुश्री दीपाली अग्रवाल ने एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला

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    31-May-2024

    केन्या के नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ

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    15-May-2024

    “मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर कार्यशाला

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    13-May-2024

    62% बढ़ा एक्ज़िम बैंक का मुनाफा। कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि; 17% बढ़ी ऋण आस्तियां

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    09-May-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    28-Mar-2024

    इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

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    19-Mar-2024

    एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार की सहायता से गयाना सरकार को प्रदान की 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था

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भारतीय पारंपरिक ज्ञान से हो सकता है संपोषी विकासः इंडिया एक्ज़िम बैंक के सेमिनार में बोले पद्मश्री चैत्राम पवार

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने “भारतीय ज्ञान परंपराः पर्यावरण और संपोषी विकास” विषय पर बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), मुंबई के तत्वावधान में सोमवार, 10 मार्च, 2025 को हिंदी में सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान, पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता, पद्मश्री चैत्राम पवार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में श्री अरिंदम दासगुप्ता, संस्थापक और सीईओ, तामुल प्लेट्स मार्केटिंग प्रा. लि.; सुश्री जयमाला गुप्ता, संस्थापक, सामाजिक उद्यम अनूठी; श्री अपूर्व भंडारी, संस्थापक, संकल्पतरु; सुश्री निधि जम्वाल, वरिष्‍ठ पर्यावरण पत्रकार और डॉ. यामिनी शाह, सहायक निदेशक, स्कूल ऑफ सिविलाइज़ेशन, सोमैया विश्‍वविद्यालय, मुंबई उपस्थित रहीं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, सुश्री दीपाली अग्रवाल और पद्मश्री चैत्राम पवार ने अन्य अतिथियों और नराकास अध्यक्ष, श्री गिरीश थोरात के साथ सेमिनार का उद्घाटन किया। विभिन्‍न बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और बीमा कंपनियों, मुंबई स्थित नराकास उपक्रम की विभिन्‍न सदस्य संस्थाओं के वरिष्‍ठ अधिकारियों, मुंबई स्थित विभिन्‍न महाविद्यालयों के छात्रों और प्राध्यापकों ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया। 

सेमिनार के दौरान वक्ताओं ने पर्यावरण से लेकर भारतीय परंपराओं में निहित संपोषी जीवनशैली, समुदायों के सामने आने वाली विभिन्‍न चुनौतियों, स्थानीय महिलाओं को मूल्य शृंखला में शामिल करने के लिए स्थानीय कौशल विकास और संपोषी विकास में भारतीय भाषाओं की भूमिका पर विचार-विमर्श किया। पद्मश्री चैत्राम पवार ने महाराष्‍ट्र के धुले जिले में स्थित उनके गांव बारीपाड़ा में हुए काम को रेखांकित करते हुए बताया कि उनके गांव में 17 में से 16 सतत विकास लक्ष्य हासिल किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, ज़मीन, जन और पशुधन मानव अस्तित्व के लिए सबसे जरूरी हैं और भारतीय पारंपरिक ज्ञान तथा भारतीय गांवों में वो संसाधन हैं, जो संपोषी विकास के स्वप्‍न को साकार कर सकते हैं। 

इस अवसर पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने कहा कि “हमारे ऋषि-मुनियों ने तो प्रकृति को माता के रूप में सम्मान दिया है। हमारी भारतीय पारंपरिक जीवनशैली में प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करने का सिद्धांत था। आज, जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है, तब भारत की पारंपरिक पद्धतियां और आधुनिक नवाचार प्रभावी समाधान दे सकते हैं।”

इंडिया एक्ज़िम बैंक का ‘तरु संकल्प’
वन क्षेत्र बढ़ाने और स्थानीय किसानों को संपोषी आजीविका प्रदान करने में योगदान देने के लिए इंडिया एक्ज़िम बैंक ने सेमिनार में आए प्रत्येक प्रतिभागी की ओर से दो-दो पौधे लगवाने की घोषणा की गई। बैंक द्वारा यह कार्य पौधारोपण कराने वाली सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पर्यावरण केंद्रित संस्था “संकल्पतरु फाउंडेशन” के माध्यम से कराया जाएगा। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक और नराकास के बारे में
एक्ज़िम बैंक की स्थापना 1981 में संसद के एक अधिनियम के जरिए हुई थी और यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली संस्था है। एक्ज़िम बैंक ने चार दशकों से अधिक समय से भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार और निवेश के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक ग्रासरूट स्तर के दस्तकारों को सहायता प्रदान करते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी अपना योगदान देता है। वहीं, बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति केंद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक निकाय है। 

विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क कीजिएः
श्री नवेन्दु वाजपेयी, महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई। ईमेलः rajbhasha[at]eximbankindia[dot]in 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जाइका) के साथ मिलकर श्रीराम फायनैंस लिमिटेड को 306 मिलियन यूएस डॉलर के संसाधन जुटाने में किया सहयोग

मुंबई, 18 मार्च, 2025: भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने श्रीराम फायनैंस लिमिटेड (एसएफएल) को 306 मिलियन यूएस डॉलर के संसाधन जुटाने में योगदान दिया है। बैंक ने यह वित्तपोषण एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जाइका) के साथ मिलकर किया है। इंडिया एक्ज़िम बैंक का यह ऋण विशेष रूप से निर्यातोन्मुख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता के लिए है। यह पहली बार है जब इंडिया एक्ज़िम बैंक, एडीबी और जाइका, इन तीनों विकास वित्तीय संस्थाओं ने मिलकर निजी क्षेत्र की किसी संस्था का वित्तपोषण किया है। 

 

इस अवसर पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की महाप्रबंधक, सुश्री तृप्ति म्हात्रे ने कहा, "हमें इस भागीदारी का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है। इस निधीयन से एसएफएल को भारत से विभिन्‍न वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करने वाले अधिक से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों सहित अन्य व्यवसायों को सहयोग करने में मदद मिलेगी।" उन्होंने बैंक के व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) के बारे में भी बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत बैंक ने भारत से वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में सहयोग के लिए विभिन्‍न महाद्वीपों में 73 देशों को चिह्नित किया है, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी शामिल हैं।

 

टैप कार्यक्रम के अंतर्गत बैंक एलसी कंफर्मेशन और निगोशिएशन सहित विभिन्‍न व्यापार लिखतों (ट्रेड इंस्ट्रूमेंट) के लिए सहायता प्रदान करता है। साथ ही, भारतीय भागीदार बैंकों को एसबीएलसी जारी कर और जोखिम प्रतिभागिता के जरिए ऋण वृद्धि में भी सहयोग करता है। टैप के अंतर्गत सहायता से एसएफएल के ग्राहकों को निर्यात संभावनाएं बढ़ाने और अपने निर्यात बाजार को विविधीकृत करने में मदद मिलेगी। 

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें 

सुश्री तृप्ति म्हात्रे, महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक

केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400 005

फोन: +91 22-22172308, ईमेल: trupti[at]eximbankindia[dot]in

महिला श्रम-प्रधान क्षेत्रों में 1% टैरिफ घटाने से 3.6% बढ़ सकती है समृद्धि: एक्ज़िम बैंक का अध्ययन

भारत में आज ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें महिलाओं की अच्छी भागीदारी है। भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने ऐसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी पर केंद्रित एक अध्ययन किया है। इस अध्ययन के अनुसार, महिलाओं की उच्चतर भागीदारी वाले क्षेत्रों में व्यापार बाधाओं को कम करने से आर्थिक विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। अध्ययन में पाया गया है कि महिलाओं की उच्चतर भागीदारी वाले क्षेत्रों में भारत के निर्यातों की टैरिफ दरों को यदि 1% घटा दिया जाए तो कार्यबल 0.36% बढ़ सकता है और जीडीपी में 0.14% की वृद्धि हो सकती है। इस तरह टैरिफ कटौती से लगभग 3.6% समृद्धि बढ़ने का अनुमान है।

एक्ज़िम बैंक के इस शोध पत्र में भारतीय संदर्भ में निर्यात-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी पर अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के अनुसार, भारत में निम्‍न-प्रौद्योगिकी और संसाधन प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं की उच्चतर भागीदारी है। इनमें खाद्य और पेय पदार्थ, चमड़े के उत्पाद, कपड़ा और परिधान जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे वैश्‍विक मांग और वस्तुओं की कीमतों में उचार-चढ़ाव का प्रभाव इन क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं पर भी पड़ता है। अध्ययन में पाया गया है कि महिला कार्यबल की प्रधानता वाले क्षेत्रों को सामग्री पर आमतौर पर उच्चतर टैरिफ का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन क्षेत्रों में टैरिफ छूट की जरूरत है। 

इस अध्ययन में व्यापार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनके आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियां बनाने का सुझाव दिया गया है। इन रणनीतियों में व्यापार करार में महिलाओं को मुख्यधारा में लाना; महिला-केंद्रित व्यापार सुगमीकरण उपायों को बढ़ाना; महिलाएं ई-कॉमर्स से लाभान्वित हो सकें, इसके लिए बाजार तक पहुंच को सुगम बनाना; महिलाएं आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें, इसके लिए सार्वजनिक खरीद के माध्यम से उपाय करना; महिलाओं के लिए निर्यात वित्त को सुगम बनाना; लैंगिक-असमानता को कम करना जैसे उपाय शामिल हैं।

'महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण का माध्यम व्यापार: भारतीय परिप्रेक्ष्य’ शीर्षक वाले एक्ज़िम बैंक के अध्ययन का विमोचन अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की पूर्वसंध्या पर वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव श्री एम. नागराजू द्वारा किया गया। इसका विमोचन 7 मार्च, 2025 को मुंबई में “महिलाएं और व्यापार: समावेशन को बढ़ावा, अवसरों का सृजन और आर्थिक विकास को गति” विषय पर एक्ज़िम बैंक और विश्‍व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सेमिनार में किया गया। 

इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, महिला व्यवसायियों, शिक्षाविदों, थिंक-टैंक और गैर सरकारी संगठनों से विशेषज्ञ उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें 60 से अधिक महिला उद्यमी शामिल रहीं। 

इस अवसर पर श्री एम. नागराजू ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर बात की। उन्होंने केंद्रीय बजट में महिलाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी, व्यापार सुगमीकरण में महिलाओं की हिस्सेदारी से संबंधित नीतिगत फोकस और वित्तीय समावेश के क्रम में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लेकर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीटीएमएसई) जैसे प्रयासों से महिलाएं विशेष रूप से लाभान्वित हो रही हैं।  

विश्‍व बैंक की क्षेत्रीय प्रोक्योरमेंट मैनेजर (दक्षिण एशिया), सुश्री अन्‍ना विलोगोस्का ने अपने संबोधन में सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली कुछ समस्याओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने व्यापार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में विश्‍व बैंक के प्रयासों के संबंध में जानकारी दी। साथ ही, महिलाओं के लिए सार्वजनिक खरीद को अधिक सुलभ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।

एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने संबोधन में लैंगिक असमानता को कम करने में व्यापार की भूमिका को रेखांकित किया। सुश्री बंगारी ने महिला दस्तकारों के आर्थिक-सामाजिक विकास के क्रम में एक्ज़िम बैंक द्वारा ग्रासरूट स्तर पर किए जा रहे प्रयासों और पहलों पर प्रकाश डाला। सुश्री बंगारी ने यह भी बताया कि बैंक महिला उद्यमियों की निर्यात क्षमताओं को सुदृढ़ करने के क्रम में अलग से वित्तपोषण कार्यक्रम तैयार करने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

इस कार्यक्रम में अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार में महिलाओं के लिए अवसरों के सृजन, सार्वजनिक खरीद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और महिलाओं के स्वामित्व वाले, उनके नेतृत्व वाले और महिलाओं की उच्चतर भागीदारी वाले व्यवसायों के सामने वित्तपोषण चुनौतियों के समाधान जैसे विषयों पर पैनल चर्चा की गई।

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:  
श्री टी. डी. सिवाकुमार, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक 
21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005
फोन: +91-22-22172829; ईमेल: sivakumar[at]eximbankindia[dot]in

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 124.8 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 109.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 124.8 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 109.3 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 3.64% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 11.34% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान गैर-तेल और गैर-रत्‍न एवं आभूषण निर्यात 98.5 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है, जिसमें 10.1% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है।

भारत के निर्यातों में यह सकारात्मक वृद्धि, फसलों की अच्छी उपज, विनिर्माण गतिविधियों के पुनः गति पकड़ने, व्यापार भागीदार देशों में मांग बढ़ने की संभावनाओं के परिणामस्वरूप हो सकती है। कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों, गैर-तेल निर्यातों और गैर-तेल और गैर-रत्‍न एवं आभूषण निर्यातों में यह सकारात्मक वृद्धि आगामी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, वैश्‍विक व्यापार नीति में अनिश्‍चितताओं, भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है। 

इन पूर्वानुमानों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2025 के लिए भारत का कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 2.2% की वृद्धि के साथ 446.5 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2025 में गैर-तेल निर्यात 382 बिलियन यूएस डॉलर का रहने का पूर्वानुमान है, वहीं गैर-तेल और गैर-रत्‍न और आभूषणों का निर्यात 350 बिलियन यूएस डॉलर का रहने का पूर्वानुमान है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान मई 2025 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में डॉ. सुनील कुमार, सलाहकार, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई, प्रो. सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर, अर्थशास्‍त्र विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, निदेशक, मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, चेन्नई और प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate[at]eximbankindia[dot]in/viswanath[at]eximbankindia[dot]in 

 

डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों की वृद्धि की संभावनाओं में अनिश्‍चितता, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

कला और संस्कृति के अद्भुत संगम के लिए साथ आए इंडिया एक्ज़िम बैंक और काला घोड़ा कला महोत्सव

“रजत घोड़ा” में अपनी कलाकृतियां पेश करेंगे एक्ज़िम बैंक से सहयोग प्राप्त 20 राज्यों के 60 से अधिक दस्तकार

मुंबई, 25 जनवरी, 2025 – काला घोड़ा कला महोत्सव शुरू हो गया है। यह इसकी 25वीं वर्षगांठ है यानी रजत जयंती का वर्ष है। मुंबई के चर्चगेट स्थित क्रॉस मैदान में इसका उद्घाटन इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी और काला घोड़ा असोसिएशन की अध्यक्ष सुश्री वृंदा मिलर ने किया। 25 जनवरी से 02 फरवरी, 2025 तक चलने वाले इस काला घोड़ा कला महोत्सव में आपको दिखाई देगी भारतीय कला और शिल्प समृद्ध विरासत और सशक्त होते ग्रामीण दस्तकार तथा ग्रासरूट उद्यम। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले एक दशक से विभिन्‍न शिल्पों के 3000 से ज्यादा मास्टर दस्तकार इससे लाभान्वित हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश को डिजाइन और कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाए गए हैं। भारत के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों में बैंक ने 2017 में एक्ज़िम बाज़ार नाम से एक प्रदर्शनी की शुरुआत की थी। इसके जरिए भारत की पारंपरिक कलाओं और शिल्प को एक छत के नीचे लाया गया और मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता जैसे विभिन्‍न शहरों में अब तक इसके 9 आयोजन किए जा चुके हैं। इनके जरिए इन दस्तकारों को ` 10.50 करोड़ के संस्थागत ऑर्डर मिल चुके हैं। भारतीय दस्तकारों, बुनकरों, हस्तशिल्पकारों के मार्केटिंग प्रयासों को और आगे बढ़ाने के क्रम में, बैंक ने मुंबई के प्रतिष्‍ठित काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ साझेदारी की है, ताकि उन्हें एक बड़े मंच पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर मिले। 

भारत के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को सुदृढ़ करने में इंडिया एक्ज़िम बैंक की भूमिका की सराहना करते हुए काला घोड़ा कला असोसिएशन की अध्यक्ष सुश्री वृंदा मिलर ने कहा कि “प्रजेंटिंग पार्टनर के रूप में इंडिया एक्ज़िम बैंक का जुड़ना हमारे लिए हर्ष का विषय है। हम दोनों ही भारतीय कला और शिल्प के संवर्धन के साझा मूल्यों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और हमारी साझेदारी का तीसरा साल इसकी जीती जागती मिसाल है। इन साझा प्रयासों से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में निश्‍चित रूप से सहयोग मिलेगा।”

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के सशक्तीकरण की बैंक की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि “भारत का हस्तशिल्प उद्योग अधिकांशतः छोटे स्तर पर ही सीमित है और असंगठित है। लेकिन यह बड़ी मेहनत का काम है, जिसमें निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। वहीं, हथकरघा पर काम करने वाले भारतीय दस्तकारों को उनकी हाथ की कताई-बुनाई और प्रिंटिंग के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। ये सब छोटे-छोटे गांवों और कस्बों से आते हैं और अपने हुनर को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाते रहते हैं। बहुत बार तो महिलाएं हस्तशिल्प और हथकरघा, दोनों हुनर जानती हैं और दोनों पर बराबर अधिकार से काम करती हैं। ये सब आज हमारे बीच हैं और हम समझते हैं कि यहां से होने वाली आय से उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा।

बैंक ऐसे दस्तकारों के साथ एक दशक से अधिक समय से मिलकर काम कर रहा है। काला घोड़ा कला महोत्सव के जरिए इन दस्तकारों को देश के हर हिस्से की खास चीजों को प्रदर्शित करने का एक मंच मिलता है। हमें खुशी है कि हम इस कला महोत्सव की रजत जयंती के अवसर पर इसका हिस्सा हैं, जिसकी थीम भी है- रजत घोड़ा।” इस महोत्सव में हम संपूर्ण भारत का सूक्ष्म रूप देख सकते हैं और मुझे उम्मीद है कि इसका हिस्सा बनने वाले इन दस्तकारों को भी अपने हुनर और रचनात्मकता के इस उत्सव में गर्व की अनुभूति हो रही होगी।“ 

इस आयोजन के जरिए व्यक्तिगत दस्तकारों और सूक्ष्म तथा ग्रासरूट उद्यमों को व्यवसाय की संभावनाएं बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। हजारों की संख्या में आने वाले कला प्रेमियों के रूप में यहां इन उद्यमों को अपने उत्पादों के लिए वृहत बाजार मिलेगा। वे ग्राहकों से सीधे जुड़ सकेंगे, उन्हें भावी ऑर्डर मिलेंगे, उपभोक्ताओं की पसंद का पता चलेगा और उन्हें बाजार तथा उद्योग के नवीनतम ट्रेंड का पता चल सकेगा। 

काला घोड़ा कला महोत्सव प्रदर्शनी मात्र नहीं है। यह नृत्य, संगीत, थिएटर, साहित्य, बाल कार्यशालाओं, सिनेमा जैसी तमाम सर्जनात्मक विधाओं का केंद्र है। मुंबई में 25 अलग-अलग स्थानों पर ये आयोजन होंगे। काला घोड़ा असोसिएशन द्वारा 1999 में इसकी शुरुआत की गई थी और आज यह मुंबई के कला केंद्र के रूप में प्रतिष्‍ठित हो चुका है, जहां संग्रहालयों से लेकर गैलरियों और रचनात्मक लोगों से भरा परिवेश मिलता है। इस महोत्सव से होने वाली आय के जरिए इस असोसिएशन को देश की समृद्ध परंपरा को आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजने में मदद मिलती है। 

देश की शीर्ष वित्तीय संस्था, इंडिया एक्ज़िम बैंक की स्थापना भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन के उद्देश्य से संसद के एक अधिनियम के माध्यम से की गई थी। बैंक अपने ग्रासरूट उद्यम विकास और मार्केटिंग सलाहकारी सेवाएं जैसे कार्यक्रमों के जरिए भारत के हस्तशिल्प और अन्य सर्जनात्मक उद्योगों को सहेजने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक दस्तकारों, मास्टर कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, गैर-सरकारी संगठनों, ग्रासरूट और सूक्ष्म उद्यमों को क्षमता विकास, व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में प्रतिभागिता करने और विदेशी खरीदारों तथा वितरकों की तलाश में मदद करते हुए उन्हें सहयोग प्रदान करता है। इस प्रकार, बैंक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ-साथ ग्रामीण उद्यमों के उत्थान और सतत आजीविका में भी योगदान देता है। 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री धर्मेंद्र सचान, महाप्रबंधक, इंडिया एक्ज़िम बैंक 
21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005
फोन: +91-22-22172336; ईमेल: grid[at]eximbankindia[dot]in 

एक्ज़िम बैंक ने की ईरा सम्मान 2023 की घोषणा

इंडिया एक्ज़िम बैंक के अंतरराष्‍ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान (ईरा सम्मान) 2023 के विजेता डॉ. राहुल राव को ईरा सम्मान प्रदान करते डॉ. वी. अनंत नागेश्‍वरन, मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारत सरकार, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय। यह सम्मान समारोह 20 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. नागेश कुमार, निदेशक और मुख्य कार्यपालक, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान, और सुश्री दीपाली अग्रवाल, उप प्रबंध निदेशक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) विशेष रूप से उपस्थित रहीं। 

नई दिल्लीः 20 जनवरी, 2025: इंडिया एक्ज़िम बैंक के अंतरराष्‍ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान (ईरा सम्मान) 2023 के विजेता डॉ. राहुल राव रहे। उन्हें यह सम्मान उनकी डॉक्टोरल थीसिस ‘एसेज़ ऑन मिसएलोकेशन’ के लिए प्रदान किया गया। इस सम्मान की घोषणा 20 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में इंडिया एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक, सुश्री दीपाली अग्रवाल द्वारा की गई। पुरस्कार के रूप में ` 3.50 लाख तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर डॉ. वी. अनंत नागेश्‍वरन, मुख्य आर्थिक सलाहकार, भारत सरकार, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय और डॉ. नागेश कुमार, निदेशक और मुख्य कार्यकारी, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान, डॉ. राव की ईरा सम्मान-विजेता थीसिस पर आधारित एक प्रासंगिक आलेख का भी विमोचन किया गया।

इस अवसर पर डॉ. वी. अनंत नागेश्‍वरन ने भारत में आर्थिक शोध को बढ़ावा देने के लिए इंडिया एक्ज़िम बैंक के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे प्रभावी नीति निर्माण के साथ-साथ समावेशी तथा संपोषी विकास में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों को भूमि का आवंटन महत्त्वपूर्ण है। हालांकि उच्चतर उत्पादकता से कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट आएगी, किन्तु खाद्य सुरक्षा से किसानों के लिए व्यापार की बेहतर शर्तें सुनिश्‍चित होंगी। डॉ. नागेश्‍वरन ने यह भी उल्लेख किया कि भारत में भूमि के उपयोग में विनियमों के चलते प्रायः बाधा उत्पन्‍न होती है और भूमि का इष्‍टतम उपयोग नहीं हो पाता है। इस संदर्भ में उन्होंने भारत के विकास में डॉ. राव की थीसिस की प्रासंगिकता और समसामयिकता के महत्त्व रेखांकित किया।  

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने इस सम्मान समारोह में पधारे विद्वतजनों और प्रतिभागियों का अपने संबोधन के माध्यम से स्वागत किया। सुश्री दीपाली अग्रवाल ने अपने आरंभिक वक्तव्य में बताया कि इस सम्मान की स्थापना 1989 में की गई थी। यह सम्मान 35 वर्षों से अंतरराष्‍ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार, विकास तथा संबद्ध वित्तपोषण के क्षेत्र में भारतीय ना‍गरिकों द्वारा भारतीय अथवा विदेशी विश्‍वविद्यालयों में किए गए उत्कृष्‍ट शोध प्रबंधों के लिए प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह पहल अंतरराष्‍ट्रीय अर्थशास्‍त्र में समसामयिक महत्त्व के विषयों पर शोध को बढ़ावा देने और इन क्षेत्रों में शोध को प्रोत्साहित करने की बैंक की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्‍व महामारी के बाद दोबारा आगे बढ़ रहा है, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक परिवर्तनों का सामना कर रहा है, ऐसे में संपोषी और समावेशी विकास सबसे महत्त्वपूर्ण हो गया है। 

सम्मान प्राप्त थीसिस 
डॉ. राहुल राव ने भारतीय प्रबंध संस्थान, बैंगलोर से 2023 में डॉक्टरोल डिग्री हासिल की थी। उन्होंने यह थीसिस प्रो. चेतन सुब्रमणियन; प्रो. कुणाल दासगुप्ता; प्रो. अशोक थंपी और प्रो. मुरली श्रीनिवासन के निर्देशन में लिखी थी। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ईरा सम्मान
इंडिया एक्ज़िम बैंक ईरा सम्मान अंतरराष्‍ट्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार तथा विकास एवं संबंधित वित्तपोषण के क्षेत्र में शोध एवं विश्लेषण को बढ़ावा देने का बैंक का एक प्रयास है। 

पिछले विजेताओं के बारे में जानने के लिए कृपया देखें: 

https://www.eximbankindia.in/Hindi/citations.aspx  

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:  

श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चेंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुंबई 400 021. फोनः 91-22-22860310; ईमेलः dsinate[at]eximbankindia[dot]in  

 

एक्ज़िम बैंक ने भारत में अब तक सबसे कम स्प्रैड पर 1 बिलियन यूएस डॉलर के बॉन्ड के साथ खोले ऋण बाजार

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने 144ए/रेग-एस फॉर्मैट में 1 बिलियन यूएस डॉलर का 10 वर्षीय सीनियर अनसिक्योर्ड बॉन्ड सफलतापूर्वक जारी किया है। इस निर्गम के साथ इंडिया एक्ज़िम बैंक 2025 में बाजारों को डॉलर बॉन्ड निर्गमों के लिए खोलने वाला पहला भारतीय निर्गमकर्ता बन गया है। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक को साल की अच्छी शुरुआत और एशिया ओपन में सकारात्मक बाजार तथा इंट्राडे निष्पादन के साथ मजबूत मांग का लाभ मिला। बैंक ने 5 बीपीएस की निगेटिव नवीन निर्गम छूट के साथ प्रारंभिक मूल्य मार्गदर्शन से 30 बीपीएस की कमी करते हुए यूएसटी10+100 बीपीएस की दर पर यह बॉन्ड जारी किया। यह भारत में किसी 10 वर्षीय सार्वजनिक निर्गम के लिए अब तक सबसे कम स्प्रैड पर किया गया ट्रांज़ैक्शन है। साथ ही, एशिया (जापान को छोड़कर) से ‘बीबीबी-‘ रेटिंग वाले 10 वर्षीय यूएसडी सार्वजनिक निर्गम के लिए अब तक के सबसे कम स्प्रैड को दर्शाता है। 

भौगोलिक वितरण की दृष्‍टि से देखा जाए तो इसका वितरण 50% एशिया में, 32% एमा (ईएमईए) क्षेत्र में और 18% यूएसए में रहा। निवेशकों की दृष्‍टि से देखें तो यह वितरण उच्च गुणवत्ता वाले निवेशकों में रहा, जिनमें से लगभग 64% फंड और असेट मैनेजरों को, 18% बैंकों को और 16% बीमा, पेंशन फंड्स और सार्वजनिक क्षेत्र को रहा। इसके बाद निजी बैंकों और अन्य ने भी बॉन्ड को सब्सक्राइब किया। 

बोफा सिक्योरिटीज़, सिटीग्रुप, एचएसबीसी, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने इस बॉन्ड के लिए जॉइंट लीड मैनेजरों और जॉइंट बुक रनर के रूप में काम किया। इंडिया एक्ज़िम बैंक को मूडीज़ से ‘बीएए3 (स्थिर)’, एस एंड पी से ‘बीबीबी- (पॉज़िटिव)’ और फिच से ‘बीबीबी- (स्थिर)’ रेटिंग दी जाती रही है। 

इस अवसर पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने कहा, “हमें भारत में अब तक के सबसे टाइट स्प्रैड के साथ ऋण बाजार को भारतीय निर्गमकर्ताओं के लिए खोलने की बहुत खुशी है। यह इंडिया एक्ज़िम बैंक का एक और निर्गम है, जो समयोचित और गुणवत्ता वाले निर्गम के लिए एक मानक स्थापित करता है।“

इंडिया एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक, सुश्री दीपाली अग्रवाल ने कहा, “इंडिया एक्ज़िम बैंक, निर्गम की संभावनाओं के लिए बाजार पर लगातार निगाह बनाए रखता रहा है। बैंक की क्‍वॉसी-संप्रभु प्रकृति, सुदृढ़ क्रेडिट प्रोफाइल और बॉन्डों की एमबिग इंडेक्स पात्रता के चलते उच्च गुणवत्ता वाले निवेशकों ने उल्लेखनीय रूप से रुचि दिखाई और निर्गम के लिए एक समय पर ऑर्डर बुक 2.7 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंच गई। बॉन्ड की अच्छी मांग और गुणवत्तापूर्ण बुकबिल्ड को ध्यान में रखते हुए और बड़े बुक साइज़ को देखते हुए हमने प्रारंभिक मूल्य मार्गदर्शन से 30 बीपीएस की उल्लेखनीय मूल्य टाइटनिंग की ओर बढ़ना तय किया।” 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें 

सुश्री बख्तावर पटेल
महाप्रबंधक, ट्रेज़री एवं लेखा समूह
इंडिया एक्ज़िम बैंक 
केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र कॉम्प्लेक्स, कफ़ परेड, मुंबई 400005
फोन: +91-22-22172601; ईमेल: resources[at]eximbankindia[dot]in  

India Exim Bank forecasts India’s merchandise exports to amount to US$ 107.5 bn and Non-oil exports to amount to US$ 91.7 bn for Q3 (October-December) of FY2025

Export-Import Bank of India (India Exim Bank) forecasts India’s total merchandise exports to amount to US$ 107.5 bn, witnessing a year-on-year (y-o-y) growth of 1.85%, while non-oil exports are forecast to amount US$ 91.7 bn, with a y-o-y growth of 7.39%, during Q3 (October-December) of FY2025. Non-oil and non-gems and jewellery exports are forecast to amount US$ 82.7 bn, with a y-o-y growth of 7.8%, during Q3 (October-December) of FY2025. Positive growth in India’s exports could be as a result of India’s continued strong economic activity backed by sustained momentum in manufacturing and services sector, improving demand prospects in trading partners, supported by expected global monetary easing. The outlook is, however, subject to risks of global uncertain prospects in select advanced and emerging economies, geoeconomic fragmentation, the middle east and west Asia crisis, risk of intensification of protectionist policies, and global supply chain disruptions, among other factors. The positive growth rate in total merchandise exports, non-oil exports, and non-oil & non-gems and jewellery exports, are likely to continue in last quarter of the financial year.

Forecast of growth in India’s total merchandise exports and non-oil exports are released by Exim Bank on a quarterly basis, during the first fortnight of the months of May, August, November, and February for the corresponding quarters, based on its Export Leading Index (ELI) model. The next growth forecast for India’s exports for the 4th quarter of FY 2025 (i.e., January-March 2024) would be released during the first fortnight of February 2024.

The improvisations to the model and the forecast results have been reviewed by a standing technical committee of domain experts comprising Dr. Sunil Kumar, Adviser, Department of Economic and Policy Research, Reserve Bank of India, Mumbai; Professor Saikat Sinha Roy, Professor,  Department of Economics, Jadavpur University, Kolkata; Professor N. R. Bhanumurthy, Director, Madras School of Economics, Chennai; and Professor C. Veeramani, Director, Centre for Development Studies, Thiruvananthapuram.

As part of its continued research initiatives, Exim Bank has developed an in-house model to generate an Export Leading Index (ELI) for India to track and forecast the movement in India’s exports on a quarterly basis. The ELI gauges the outlook for the country’s exports and is essentially developed as a leading indicator to forecast growth in total merchandise and non-oil exports of the country, on a quarterly basis, based on several external and domestic factors that could impact exports of the country. 

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For further information, please contact:
Mr. David Sinate, Chief General Manager/ Dr. Viswanath Jandhyala, Assistant General Manager, Research & Analysis Group, Export-Import Bank of India, 8th Floor, Maker Chamber IV, Jamnalal Bajaj Marg, Nariman Point, Mumbai 400 021; T: +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311. 
E: dsinate[at]eximbankindia[dot]in/ viswanath[at]eximbankindia[dot]in

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Disclaimer: The results presented above could be of interest to policy makers, researchers, and exporters, among others. These are growth forecasts from the Research and Analysis Group of India Exim Bank and do not necessarily reflect the views of India Exim Bank. The growth forecast for the quarter derived from the Export Leading Index (ELI) model may be subject to uncertainties related to growth prospects of select major trade partners, inflationary pressures, tighter global monetary and financial conditions, and geopolitical uncertainties. The model would undergo continuous improvisation with revision of recent available data and advanced forecasting methodology, incorporating comments, suggestions, and feedback from various quarters. Actual exports data are sourced from RBI’s Database on Indian Economy. 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने की ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान 2024 के विजेता की घोषणा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) के ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान 2024 के विजेता की घोषणा कर दी गई है। डॉ. ह्यूगो परैरा को इसका विजेता घोषित किया गया है। इसकी घोषणा 21 अक्टूबर, 2024 को स्टेट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (वीईबी.आरएफ) की मेजबानी में आयोजित ब्रिक्स वित्तीय फोरम 2024 के दौरान भारतीय निर्यात-आयात बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी द्वारा की गई।

हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित इस फोरम के दौरान, ब्रिक्स अंतरबैंक सहयोग व्यवस्था के सदस्य विकास बैंकों अर्थात ब्राजीलियन डेवलपमेंट बैंक (बीएनडीईएस); स्टेट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (वीईबी.आरएफ); चाइना डेवलपमेंट बैंक (सीडीबी); भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) और डेवलपमेंट बैंक ऑफ सदर्न अफ्रीका (डीबीएसए), न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) तथा बैंक मेली ईरान के प्रमुख / वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित रहे। ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान के अंतर्गत 15 लाख रुपये (1.5 मिलियन) की राशि, पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर भारतीय निर्यात-आयात बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने सम्मानित डॉक्टोरल थीसिस पर आधारित बैंक के एक प्रासंगिक आलेख “विनिमय दर और आर्थिक निष्‍पादन” का भी विमोचन किया।  

सम्मानित थीसिस
डॉ. ह्यूगो परैरा ने फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मीनज़ ज़राइज़ से 2021 में “विनिमय दर और आर्थिक निष्‍पादन” शीर्षक पर अपनी थीसिस के लिए डॉक्टोरल डिग्री हासिल की। यह थीसिस उन्होंने फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मीनज़ ज़राइज़ में प्रोफेसर फबरीसियो ख़ोसे मिसियो के निर्देशन में लिखी थी। 

ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान 
वर्ष 2016 में ब्रिक्स फोरम की अध्यक्षता भारत ने की थी और उसी साल इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा ब्रिक्स अंतरबैंक सहयोग तंत्र की अध्यक्षता की गई थी। मार्च 2016 में ही इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान की स्थापना की गई थी। इस सम्मान का उद्देश्य ब्रिक्स सदस्य देशों के लिए अर्थशास्त्र से संबंधित प्रासंगिक विषयों पर शोध को बढ़ाना और प्रोत्साहन देना है। 

ब्रिक्स आर्थिक शोध वार्षिक सम्मान अंतरराष्‍ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार और विकास तथा संबंधित वित्तपोषण के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के इंडिया एक्ज़िम बैंक के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है। इस सम्मान के लिए ब्रिक्स के 10 सदस्य देशों के नागरिकों द्वारा लिखी गई ऐसी डॉक्टोरल थीसिस प्रविष्‍टि के रूप में स्वीकार की जाती हैं, जिन्हें किसी भी प्रतिष्‍ठित वैश्‍विक विश्‍वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि दे दी गई है या डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान करने के लिए उन्हें स्वीकार कर लिया गया है। इस सम्मान की सूचना प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए वैश्‍विक स्तर पर प्रसारित की गई थी। 

21 अक्टूबर, 2024 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400 005,
फोनः +91-22-2286-0363, फैक्सः 022-2218 0743, 
ईमेलःdsinate[at]eximbankindia[dot]in 

 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने व्यापार सुगमीकरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ किया करार

इंडिया एक्ज़िम बैंक के मुख्य महाप्रबंधक, श्री टी.डी. सिवाकुमार और जोहांसबर्ग स्थित दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के डिविज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, आईएफआई, श्री युद्धवीर हरीलाल के बीच मास्टर जोखिम प्रतिभागिता करार पर हस्ताक्षर किए गए।  

 

दक्षिण अफ्रीका, 2 सितंबर, 2024 

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने जोहांसबर्ग स्थित दक्षिण अफ्रीका के नेडबैंक लिमिटेड के साथ एक मास्टर जोखिम प्रतिभागिता करार (एमआरपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह करार इंडिया एक्ज़िम बैंक के व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) के अंतर्गत ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान करने के लिए किया गया। इस करार पर इंडिया एक्ज़िम बैंक की ओर से मुख्य महाप्रबंधक, श्री टी.डी. सिवाकुमार और नेडबैंक लिमिटेड की ओर से अंतरराष्‍ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के डिवीज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, श्री युद्धवीर हरीलाल ने हस्ताक्षर किए। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने कार्यालयों के ग्लोबल नेटवर्क और विभिन्‍न वित्तीय, सलाहकारी तथा क्षमता विकास गतिविधियों के जरिए सहयोगी देशों के साथ भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाता रहा है और भारतीय व्यवसायों के वैश्‍वीकरण प्रयासों में उनकी सहायता करता है। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने इस ‘व्यापार सहायता कार्यक्रम’ (टैप) अंतर्गत अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार ट्रांज़ैक्शन में सहयोग के लिए वाणिज्यिक बैंकों / वित्तीय संस्थाओं की क्षमता को बढ़ाता है। यह उन बाज़ारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जहां व्यापार के लिए ऋण मिलने में दिक्कत आती है या जहां क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं किया गया है। 

इस करार पर हस्ताक्षर के दौरान श्री सिवाकुमार ने कहा कि “पिछले कुछ महीनों में, इंडिया एक्ज़िम बैंक ने इस कार्यक्रम के तहत अन्य के साथ-साथ एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका आदि क्षेत्रों में कई व्यापार ट्रांज़ैक्शनों को सहयोग दिया है। यह सहयोग अन्य के साथ-साथ कृषि सहित ऑटोमोटिव पुर्जों, पूंजीगत और इंजीनियरिंग सामान, खाद्य, लौह और इस्पात तथा टेक्स्टाइल जैसे कई क्षेत्रों में व्यापार के लिए दिया गया है। विकासशील देशों के साथ बढ़ते भारत के व्यापार के साथ वैश्‍विक व्यापार में भारत की विविधता बढ़ रही है। ऐसे में अफ्रीकी देश भारत के लिए महत्त्वपूर्ण व्यापार भागीदार के रूप में उभरे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में अफ्रीका के साथ भारत का कुल व्यापार 83.4 बिलियन यूएस डॉलर का रहा। नेडबैंक के साथ इस जोखिम प्रतिभागिता करार से भारत और अफ्रीका के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए नए अवसर बनेंगे। व्यापार सुगमीकरण के लिए इस प्रकार के सहयोग से भारत और अफ्रीका के बीच बढ़ती आर्थिक गतिविधियां और सुदृढ़ होंगी। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक के बारे में - इंडिया एक्ज़िम बैंक की स्थापना भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व में संसद के एक अधिनियम के तहत 1982 में हुई थी। यह निर्यातों और आयातों का वित्तपोषण करने वाली संस्थाओं के कार्यों का समन्वय करने वाली प्रमुख वित्तीय संस्था है। इंडिया एक्ज़िम बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार एवं निवेश के संवर्धन, वित्तपोषण और सुगमीकरण के जरिए वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में भारत के एकीकरण को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बैंक ने अपने विभिन्‍न कार्यक्रमों के जरिए कई भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनने और वैश्‍विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में योगदान दिया है।  

नेडबैंक के बारे में – नेडबैंक लिमिटेड, नेडबैंक ग्रुप के पूर्ण स्वामित्व वाली और प्रमुख बैंकिंग सब्सिडियरी है। नेडबैंक ग्रुप लिमिटेड (जेएसई पर लिस्टेड) अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा बैंक है और दक्षिण अफ्रीका में अपने ग्राहकों को रिटेल और बिज़नेस से लेकर वेल्थ, कॉर्पोरेट और निवेश समाधान जैसी विभिन्‍न सेवाएं प्रदान करता है। नेडबैंक ग्रुप अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से अफ्रीका के लेसोथो, मोज़ाम्बिक़, एस्वातिनी और ज़िम्बाब्वे जैसे क्षेत्रों में भी सेवाएं दे रहा है। 

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिए: 

इंडिया एक्ज़िम बैंक
सुश्री तृप्ति म्हात्रे
महाप्रबंधक
भारतीय निर्यात-आयात बैंक
केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल,
विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड,
मुंबई 400005, भारत
फोन: +91-22-2217-2308
ई-मेल: tap[at]eximbankindia[dot]in  

नेडबैंक लिमिटेड
श्री युद्धवीर हरीलाल 
डिवीज़नल एक्ज़ीक्यूटिव, आईएफआई
नेडबैंक लिमिटेड, दक्षिण अफ्रीका
135, रिवोनिया रोड, सैंडाउन
सैंडटन, जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका 
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दुनिया में मशहूर यूपी की खुर्जा पॉटरी को मिली डिजिटल खूबसूरती

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन को 3डी डिज़ाइन स्टूडियो बनाने के लिए दिया सहयोग 

 

23 अगस्त, 2024: भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए खुर्जा पॉटरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन नाम की संस्था को एक 3D डिज़ाइन स्टूडियो बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया है। बैंक ने यह सहयोग विशेष रूप से छोटे उद्यमों के लिए बनाए गए अपने कार्यक्रम- 'ग्रासरूट उद्यम विकास' के तहत प्रदान किया है। इसी साल, बैंक ने राष्‍ट्रीय डिज़ाइन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से इस इस क्षेत्र के 25 मास्टर दस्तकारों के लिए खुर्जा में एक डिजाइन विकास कार्यशाला आयोजित की थी। इसका उद्देश्य खुर्जा में पॉटरी विनिर्माताओं और दस्तकारों को उन्‍नत डिजाइन कौशल और बेहतर तकनीकें सिखाकर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि उनके उत्पाद विश्‍व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें। खुर्जा में टेबलवेयर क्रॉकरी और तकनीकी सिरामिक उद्योग में लगभग 300 से अधिक विनिर्माण इकाइयां हैं, जो 30,000 से अधिक कुशल और नए श्रमिकों को रोजगार दे रही हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने आज इस 3D डिज़ाइन स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस दौरान, केपीएमए के अध्यक्ष, श्री रवि राणा; केपीएमए के उपाध्यक्ष, श्री दर्शन छतवाल, केंद्रीय काँच एवं सिरामिक अनुसंधान केंद्र, खुर्जा केंद्र के प्रमुख और वैज्ञानिक, श्री सावन कुमार शर्मा; जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, श्री आशुतोष सिंह और एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक, सुश्री दीपाली अग्रवाल उपस्थित रहीं। 

खुर्जा पॉटरी के लिए डिजाइन विकास लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रही है। डिजाइन विकास में कौशल का अभाव अनुभवी दस्तकारों को भी अपनी इस सुंदर कला में अभिनव प्रयास करने में बाधक रहा है। इस कारण, उन्हें कहीं न कहीं अपने उत्पादों को बाजार की मांग के अनुरूप बनाने में भी चुनौती का सामना करना पड़ता रहा है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बैंक ने खुर्जा पॉटरी के लिए एक 3डी डिजाइन स्टूडियो बनाने के लिए सहयोग दिया है। इससे इन दस्तकारों को उन्‍नत डिजाइन टूल मिलेंगे और आवश्यक विशेषज्ञता हासिल हो सकेगी, जिससे वे नए तरह के उत्पाद बना सकेंगे। इससे सदियों पुराने इस उद्योग के विकास और निर्यातों में भी सुधार आने की उम्मीद है।

3D डिज़ाइन स्टूडियो से 250 से अधिक स्थानीय पॉटरी इकाइयां (जो केपीएमए की सदस्य हैं) लाभान्वित होंगी। इसके साथ ही इन्हें अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी मिलेगी और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। इस स्टूडियो के जरिए वे डिजाइनों के साथ नए प्रयोग कर सकेंगे, उनकी उत्पादन लागत घटेगी और वे अपने उत्पादों की समग्र गुणवत्ता में सुधार ला सकेंगे। इसके अलावा, स्टूडियो में मिलने वाले प्रशिक्षण से पॉटरी दस्तकारों को नए डिजाइन और पैटर्न बनाने के लिए जरूरी कौशल मिलेगा। इससे उन्हें अपने उत्पादों को और अधिक  मनभावन और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाने में मदद मिलेगी। आधुनिक डिजाइनों की अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में अच्छी मांग रही है। खुर्जा के दस्तकार वैश्‍विक ब्रांडों से ऑर्डर हासिल करने में सफल रहे हैं और बैंक ने काला घोड़ा कला महोत्सव जैसे प्रतिष्‍ठित कला महोत्सवों में उनकी भागीदारी सुनिश्‍चित कर उन्हें सहयोग प्रदान किया है।

स्टूडियो के शुभारंभ के दौरान, सुश्री बंगारी ने उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निरंतर सहयोग प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने सिरामिक उद्योग के आधुनिकीकरण में 3डी डिजाइन स्टूडियो की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे इन ग्रासरूट उद्यमों को अपनी बनाई चीज़ें दुनियाभर में पहुंचाने में मदद मिलेगी। यूपी के इन उद्योगों की निर्यात क्षमता को ध्यान में रखते हुए, बैंक ने हाल ही में लखनऊ में भी अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोला है। सुश्री बंगारी ने बैंक के ग्रासरूट उद्यम विकास कार्यक्रम के तहत दिए गए सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि बैंक ने बनारसी सिल्क साड़ियों के बुनकरों और जरी-जरदोजी कारीगरों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सहयोग प्रदान किया है। बैंक, सूरजकुंड अंतरराष्‍ट्रीय शिल्प मेला, काला घोड़ा कला महोत्सव और बैंक के प्रमुख कार्यक्रम- एक्ज़िम बाजार में राज्य के कई कारीगरों को हिस्सा लेने में सहायता करता रहा है। 

बैंक समावेशी और संपोषी विकास में योगदान देता रहा है। इसी क्रम में, बैंक ने इस 3डी डिजाइन स्टूडियो की स्थापना के साथ-साथ सौर पैनल लगाने और राष्‍ट्रीय डिज़ाइन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से तकनीशियनों के प्रशिक्षण के लिए सहयोग प्रदान किया है।

इंडिया एक्ज़िम बैंक अपने ग्रासरूट उद्यम विकास और मार्केटिंग सलाहकारी सेवाओं के जरिए दस्तकारों, मास्टर शिल्पकारों, बुनकरों, समूहों, स्वयं सहायता समूहों, गैर-सरकारी संस्थाओं, ग्रासरूट और सूक्ष्म उद्यमों को उनकी विभिन्‍न जरूरतों के लिए निरंतर सहयोग प्रदान करता रहा है। यह सहयोग क्षमता विकास, कॉमन सुविधा केंद्रों की स्थापना, परिचालन क्षमता बढ़ाने, उच्च मूल्य वर्धन प्राप्त करने और ऐसी ही संस्थाओं के लिए अंतरराष्‍ट्रीय लिंकेज स्थापित कर किया जाता है। यह 3डी डिजाइन स्टूडियो भारत के दूर-दराज के इलाकों में आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान देने की एक्ज़िम बैंक की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

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विस्तृत जानकारी के लिए, कृपया संपर्क कीजिएः श्री धर्मेंद्र सचान, महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, कफ़ परेड, मुंबई 400 025; फोन: +91-22-22172336; ई-मेल: grid[at]eximbankindia[dot]in 

 

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 89.8 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 4.2% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 6.26% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान भारत के निर्यातों में यह सकारात्मक वृद्धि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में निरंतर तेजी बने रहने, संभावित वैश्‍विक मौद्रिक नरमी और व्यापारिक भागीदारों से मांग बढ़ने की संभावनाओं के चलते भारत की निरंतर सुदृढ़ आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट, वैश्‍विक आपूर्ति शृंखला व्यवधानों और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है। निर्यातों में यह वृद्धि आगामी तिमाहियों में भी जारी रहने की उम्मीद है। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान अगस्त 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में डॉ. सुनील कुमार, सलाहकार, आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई, प्रो. सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर, अर्थशास्‍त्र विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, निदेशक, मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, चेन्‍नै और प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

 

डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों की वृद्धि की संभावनाओं में अनिश्‍चितता, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार को अंतरित किया ₹252 करोड़ का लाभ शेष

कैप्शन : माननीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन को ₹ 252 करोड़ का निवल लाभ शेष प्रस्तुत करतीं एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा एवं सुश्री दीपाली अग्रवाल

10 जुलाई, 2024 : भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक/बैंक) की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने माननीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन को 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के निवल लाभ के शेष के रूप में ₹252 करोड़ के ट्रांसफर की रसीद प्रस्तुत की। 

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने प्रमुख व्यावसायिक कार्यनिष्पादन पैरामीटरों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि भारत के व्यापार और निवेश तथा सहभागी देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक का निवल लाभ ₹2518 करोड़ का रहा, जिसमें गत वर्ष की तुलना में 62% की वृद्धि दर्ज की गई। गत पांच वर्षों में, बैंक ने निवल लाभ शेष के रूप में भारत सरकार को ₹519.34 करोड़ की राशि अंतरित की है। बैंक की चुकता पूंजी पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा अभिदत्त है।  

एक्ज़िम बैंक भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली देश की राष्‍ट्रीय निर्यात ऋण एजेंसी है। बैंक भारत के पारस्परिक अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार एवं निवेश के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन का काम करता है तथा भारतीय उद्यमों की अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में योगदान देता है।   

 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:  

टी.डी. सिवाकुमार, मुख्य महाप्रबंधक, अंतरराष्‍ट्रीय संबंध एवं कॉर्पोरेट संचार समूह, केंद्र एक भवन, 21वीं मंज़िल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई-400 005;
फोन : +91-22-22172829; ई-मेल: sivakumar[at]eximbankindia[dot]in   

 

सुश्री दीपाली अग्रवाल ने एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला

28 जून, 2024: सुश्री दीपाली अग्रवाल ने आज एक्ज़िम बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले वह बैंक की मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें पिछले 3 दशकों से बैंक के भारत तथा विदेश स्थित कार्यालयों में अलग-अलग भूमिकाओं में कार्य करने का अनुभव है। उन्होंने ट्रेजरी और अकाउंट्स, कॉर्पोरेट बैंकिग, परियोजना निर्यात, संचार और ब्रांड प्रबंधन, ग्रासरूट स्तर के उद्यमों का उत्थान, मानव संसाधन प्रबंधन और रिकवरी जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में काम करते हुए बैंक के लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। वह बैंक के पश्‍चिमी क्षेत्रीय प्रतिनिधि कार्यालय और सिंगापुर प्रतिनिधि कार्यालय की भी प्रमुख रही हैं।

सुश्री अग्रवाल, भारतीय कंपनियों की स्पर्धात्मक क्षमताएं बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए ‘एक्ज़िम बैंक अवॉर्ड फॉर बिजनेस एक्सीलेंस’ की क्‍वालिफाइड मूल्यांकनकर्ता हैं। वह विभिन्‍न क्षेत्रों की कुछ कंपनियों के बोर्डों में नामित निदेशक भी रही हैं। वह नीति निर्माण संबंधी सरकारी स्तर की समितियों में कार्यकारी समूह की सदस्य के रूप में शामिल रही हैं और विभिन्‍न क्षेत्रों में नीतिगत विकास में योगदान देती रही हैं। नूतन पहलों की संकल्पना कर उन्हें क्रियान्वित करते हुए बैंक की ब्रांड छवि और विज़िबिलिटी बढ़ाने के अलावा ग्रासरूट स्तर के दस्तकारों के उत्थान और महिला सशक्तीकरण में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। उन्होंने बैंक के आस्ति आधार बनाने, संसाधन जुटाने, आय में वृद्धि करने और बैंक के लिए बड़ी वसूली में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।  

सुश्री अग्रवाल ने मुंबई स्थित ‘जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़’ से फायनैंस में एमबीए करने के बाद 1995 में बैंक जॉइन किया। वह वाणिज्य में स्‍नातक हैं। वह 2018 में केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के महिला सीनियर लीडरशिप कार्यक्रम का हिस्सा रही हैं। उन्होंने बैंक बोर्ड ब्यूरो द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वरिष्‍ठ प्रबंधन के लिए आयोजित नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया है। 

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विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें: 
श्री गौरव भंडारी
मुख्य महाप्रबंधक, कॉर्पोरेट संचार
केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ परेड, मुंबई 400 005;
फोन: +91 022-2217 2829;  ई-मेल: ccg[at]eximbankindia[dot]in

 

केन्या के नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ

केन्या के नैरोबी में 31 मई, 2024 को भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय का शुभारंभ हो गया। इस दौरान केन्या के माननीय प्रधान कैबिनेट सचिव और विदेश व प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव डॉ. मूसालिया मुडावडी तथा वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, डॉ. विवेक जोशी, केन्या में भारत की माननीय उच्चायुक्त सुश्री नाम्ग्या सी खाम्पा, और इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी उपस्थित रहीं। 

भारत और पूर्वी अफ्रीका के बीच मर्चैंडाइज़ व्यापार में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह व्यापार 2013 के 9.7 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 12.9 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया। भारत से पूर्वी अफ्रीका को निर्यात 2013 के 8.6 बिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 9.4 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया।

इंडिया एक्ज़िम बैंक एक शीर्ष वित्तीय संस्था है, जो भारत के अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार और निवेश के वित्तपोषण, सुगमीकरण और संवर्धन में प्रवृत्त है। साथ ही, बैंक भारत के आर्थिक राजनयिक संबंधों के तहत नीति निर्माण और परियोजना निर्यात वित्त में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंक के कार्यालय केन्या के अलावा, आबिदजान, कोत दि’वार और जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में भी हैं। 

परस्पर व्यापार और निवेश को सहयोग और बढ़ावा देने के क्रम में, अफ्रीकी महाद्वीप पर फोकस करना इंडिया एक्ज़िम बैंक की रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। बैंक, अफ्रीका में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सहभागी संस्था के रूप में प्रयासरत है, और अफ्रीकी क्षेत्र के साथ संबंधों को और सुदृढ़ करने की यह प्रतिबद्धता बैंक की गतिविधियों और कार्यक्रमों में भी दिखाई देती है।

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने अपने विदेशी निवेश वित्त कार्यक्रम के तहत अब तक अफ्रीका के 14 देशों में 50 से अधिक कंपनियों द्वारा स्थापित 77 उद्यमों को वित्त प्रदान किया है। बैंक ने अपने व्यापार सहायता कार्यक्रम और अन्य व्यापार सुगमीकरण कार्यक्रमों के तहत अफ्रीका के 18 देशों में 800 मिलियन यूएस डॉलर के लगभग 76 ट्रांज़ैक्शन किए हैं, जिससे भारत के 9 राज्यों के 14 शहरों के 22 भारतीय निर्यातक (10 एमएसएमई सहित) भी लाभान्वित हुए हैं। बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से 42 अफ्रीकी कंपनियों को कुल 12 बिलियन यूएस डॉलर की 200 से ज्यादा ऋण-व्यवस्थाएं प्रदान की जा चुकी हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं अफ्रीका के लोगों की बुनियादी ढांचे तक पहुंच बनाने, उनकी आजीविका में सुधार लाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, औद्योगिक उत्पादन और सतत विकास को बढ़ाते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रदान की गई हैं। इससे अफ्रीका और भारत के पारंपरिक और उभरते क्षेत्रों में कंपनियों के लिए व्यवसाय के अवसर बनते हैं और मूल्य शृंखला में बहुत से सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्यम उद्यम उद्यम लाभान्वित होते हैं तथा न केवल रोजगार सृजन होता है, बल्कि ये रोजगार निरंतर बने भी रहते हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने स्वागत संबोधन में पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय के शुभारंभ में सहयोग देने के लिए भारत और केन्या सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस नए कार्यालय के जरिए परस्पर सहभागिता को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 

बैंक के पूर्वी अफ्रीका कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव, डॉ. विवेक जोशी ने कहा कि इस क्षेत्र में इंडिया एक्ज़िम बैंक की मौजूदगी से इस क्षेत्र के साथ-साथ भारत और केन्या के बीच भी व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।

कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर केन्या में भारत की माननीय उच्चायुक्त सुश्री नाम्ग्या सी. खम्पा ने इंडिया एक्ज़िम बैंक को बधाई देते हुए उल्लेख किया कि इस क्षेत्र में इंडिया एक्ज़िम बैंक की उपस्थिति केन्या के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

केन्या के माननीय प्रधान कैबिनेट सचिव और विदेश व प्रवासी मामलों के कैबिनेट सचिव डॉ. मूसालिया मुडावडी ने कहा कि केन्या पूर्वी अफ्रीका के लिए प्रवेश द्वार है और इस महाद्वीप के उन प्रमुख वित्तीय केंद्रों में से एक है, जो दुनियाभर से व्यापार और निवेश को आकर्षित करते हैं। उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक शक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उम्मीद जताई कि भारतीय कंपनियां स्थानीय लोगों के लिए रोजगारों का सृजन भी करेंगी।

नैरोबी में इंडिया एक्ज़िम बैंक के पूर्वी अफ्रीका प्रतिनिधि कार्यालय की स्थापना के साथ, इस क्षेत्र में उद्योग, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के भी जुड़ने की उम्मीद है। इससे भारत, केन्या और इस क्षेत्र के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि होगी। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने अफ्रीकी विकास बैंक समूह की वार्षिक बैठकों के संबंध में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के रूप में अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस का भी आयोजन किया। यह कार्यक्रम अफ्रीका के विकास में भारत की भूमिका पर केंद्रित रहा। बैंक अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस का आयोजन करता रहा है, जिसकी शुरुआत माराकेच (2013 में) से हुई थी। इसके बाद ये आयोजन किगाली (2014 में), आबिदजान (2015 में), लुसाका (2016 में), अहमदाबाद (2017 में), मलाबो (2019 में), अक्रा (2022 में), और शर्म-अल-शेख (2023 में) हुए। अफ्रीका-भारत भागीदारी दिवस के सभी कार्यक्रम 'भारत के विकास अनुभवों को साझा करने' पर केंद्रित रहे, विशेष रूप से, विकास के सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से। इस अवसर पर, "पूर्वी अफ्रीका में भारत के लिए आर्थिक अवसर" शीर्षक से बैंक के एक शोध पत्र का भी विमोचन किया गया। इसमें भारत-पूर्वी अफ्रीका संबंधों में व्यापार ट्रेंड, पैटर्न, दिशाओं और निवेश अवसरों का एक व्यापक आर्थिक विश्लेषण किया गया है, जो इन डायनैमिक संबंधों को समझने के लिए एक केंद्रीकृत संसाधन की भूमिका निभाएगा।  

 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क कीजिएः 
श्री गौरव भंडारी, मुख्य महाप्रबंधक, कॉर्पोरेट संचार समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक

 

“मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर कार्यशाला

इंडिया एक्ज़िम बैंक ने “मुक्त व्यापार करारों में वित्तीय सेवाएं” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया कि एफटीए वार्ताओं के संदर्भ में वित्तीय सेवाओं की भूमिका और वैश्‍विक व्यापार और आर्थिक विकास पर इनके संभावित प्रभावों पर खुलकर चर्चा की जा सके और इस संबंध में एक बेहतर समझ बने। 

कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. विवेक जोशी, सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ. जोशी ने भारत के महत्त्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्‍य को रेखांकित किया और कहा कि इसे हासिल करने में भारत की निर्यात रणनीति में वित्तीय सेवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। साथ ही, उन्होंने इस दिशा में शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करते हुए निगोशिएटिंग क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि एक्ज़िम बैंक, भारत सरकार के साथ मिलकर काम करते हुए इस प्रयास में योगदान दे सकता है। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक सुश्री हर्षा बंगारी ने अपने स्वागत संबोधन के दौरान कहा कि वित्तीय सेवाओं की मांग वैश्‍विक स्तर पर बढ़ रही है और भारत इस मांग को पूरा कर सकता है। और भारत की वित्तीय सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने में इन बढ़ते मुक्त व्यापार करारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने वित्तीय सेवाओं के निर्यात के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहे गिफ्ट सिटी की बढ़ती महत्ता को भी रेखांकित किया। 

इस कार्यक्रम के दौरान वित्तीय सेवाएं विभाग, आर्थिक कार्य विभाग, वाणिज्य विभाग के साथ-साथ सेबी, भारतीय रिज़र्व बैंक, पीएफआरडीए और आईआरडीएआई सहित वित्तीय सेवाएं क्षेत्र से जुड़े विनियामकों का प्रतिनिधित्व रहा। 

इस दौरान वाणिज्य विभाग के अपर सचिव ने भारत के विदेश व्यापार विज़न और इसमें वित्तीय सेवाओं की महत्ता पर चर्चा की। कार्यशाला के दौरान दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। ये सत्र  डबल्यूटीओ के तहत सेवाओं पर प्रतिबद्धताओं संबंधी शेड्यूलिंग और मुक्त व्यापार करारों पर केंद्रित रहे। इन दोनों सत्रों में अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार कानून विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। 

कार्यशाला के दौरान, इंडिया एक्ज़िम बैंक की एक ई-बुक 'अनलॉकिंग अपॉर्चुनिटीज़: ए गाइड टू निगोशिएटिंग फायनैंशल सर्विसेज़ इन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स' का भी विमोचन किया गया। इसमें मुक्त व्यापार करारों से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं को कवर किया गया है।

यह कार्यशाला, एफटीए के दायरे में वित्तीय सेवाओं के बहुमुखी आयामों पर एक बेहतर समझ बनाने के क्रम में निरंतर कार्यशील रहने और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ संपन्‍न हुई।

 

विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, केंद्र एक भवन, 21वीं मंजिल, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई - 400005, फोन: 91-22-22860363, ई-मेल: dsinate[at]eximbankindia[dot]in 

 

62% बढ़ा एक्ज़िम बैंक का मुनाफा। कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि; 17% बढ़ी ऋण आस्तियां

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा ने सोमवार, 13 मई, 2024 को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की खास बातें निम्‍नलिखित अनुसार हैं:

वित्तीय कार्य निष्पादन 

 

मानदंड

2022-23
में निष्पादन

2023-24
में निष्पादन

2022-23
से परिवर्तन

A.        कुल व्यवसाय (` करोड़)

2,92,257 

3,44,182 

17.77% 

-          निवल ऋण पोर्टफोलियो

1,34,523 

1,57,602 

17.16% 

-          कुल उधारियां

1,28,423 

1,54,611 

20.39% 

B.       परिचालन लाभ (` करोड़)

3,599 

3,750 

4.20% 

C.        कर पश्‍चात लाभ (` करोड़)

1,556 

2,518 

61.83% 

D.        सकल अनर्जक आस्तियां        

4.09% 

1.93% 

(216) bps 

E.       निवल अनर्जक आस्तियां        

0.71% 

0.29% 

(42) bps 

F.        जोखिम भारित पूंजी आस्ति अनुपात

25.43% 

21.18% 

(425) bps 

 

व्यवसाय निष्पादन 

बैंक ने प्रमुख व्यवसाय निष्पादन मानदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जो भारत के व्यापार और निवेश तथा मित्र देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत की विकास यात्रा और ऋण की बढ़ी मांग के बीच, बैंक ने ` 1,06,312 करोड़ के नए ऋणों को मंजूरी दी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऋण पोर्टफोलियो में 17% वृद्धि दर्ज की गई। यह बढ़ोत्तरी स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा, ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग वस्तुओं, फार्मासूटिकल्स और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के चलते दर्ज की गई। बैंक ने ई-मोबिलिटी, हाई-टेक और एयरोस्पेस जैसे रणनीतिक महत्त्व के क्षेत्रों में भी वृद्धि दर्ज की। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निवल ब्याज आय 4.6% बढ़कर ` 3,540 करोड़ हो गई। यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से ऋणों और अग्रिमों से होने वाली ब्याज आय में उच्चतर वृद्धि के चलते दर्ज की गई। अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के मामले में, बैंक की आस्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ और स्लिपेज में भी कमी आई। सकल और निवल एनपीए में भी गिरावट आई। सकल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 4.09% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 1.93% हो गया। वहीं, निवल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 0.71% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 0.29% हो गया। 

 

पॉलिसी व्यवसाय 

बैंक ने भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली ऋण-व्यवस्थाओं के जरिए मित्र देशों में कई विकास परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान की। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक का भारत सरकार समर्थित 324 ऋण-व्यवस्थाओं का पोर्टफोलियो रहा, जिसके अंतर्गत कुल 31 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण प्रतिबद्धताएं हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं मित्र देशों में सामाजिक-आर्थिक विकास की वाहक बन रही हैं, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए नए बाजारों और अवसरों के द्वार भी खोल रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को लगभग 16 बिलियन यूएस डॉलर की 952 परियोजनाएं इन ऋण-व्यवस्थाओं के अंतर्गत कवर की गई हैं, जिनसे 300 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए व्यवसाय अवसर बने और इस वैल्यू चेन में विभिन्‍न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी लाभान्वित हुए। अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने 1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के 21 नए कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। 

बैंक ने विभिन्‍न उपायों के जरिए ऋण-व्यवस्थाओं से संबंधित सिस्टम और प्रक्रियाओं को उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ बनाया। इनमें पूर्व-अर्हता वाले चरण में बेहतर पारदर्शिता; प्रोक्योरमेंट से जुड़े कार्यों को मंजूरी देने और विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) की समीक्षा के लिए अलग से क्रॉस-फंक्शनल समितियों का गठन; डीपीआर की जांच में तकनीकी पहलुओं पर इनपुट के लिए सेक्टर विशेषज्ञों की सेवाएं लेना; डीपीआर तैयार करने के लिए विचारार्थ विषयों जैसे दस्तावेजों और मॉडल बिडिंग दस्तावेजों का मानकीकरण; और शिकायत निवारण तंत्र तथा डिबार्मेंट नीति जैसे बेहतर गवर्नैंस मैकेनिज़्म उपाय शामिल हैं। 

 

वाणिज्यिक व्यवसाय

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने भारतीय कंपनियों में निर्यात क्षमता सृजन और उनकी निर्यात स्पर्धात्मकता बढ़ाने और उनके वैश्‍वीकरण प्रयासों में सहयोग के क्रम में, ₹ 98,014 करोड़ की सहायता प्रदान की। वर्ष के दौरान, कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वृद्धि दर्ज की गई और आस्ति गुणवत्ता अच्छी रही। बैंक की लगभग 90% ऋण आस्तियां निवेश ग्रेड से ऊपर की रहीं। बैंक ने भारत के परियोजना निर्यातों को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए 34 देशों में ₹ 43,695 करोड़ के 90 परियोजना निर्यात कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। इसके अलावा, 24 कंपनियों को 12 देशों में उनके विदेशी निवेश के लिए ` 6,739 करोड़ से अधिक की निधिक और गैर-निधिक सहायता को मंजूरी प्रदान की गई। बैंक द्वारा अब तक 510 भारतीय कंपनियों को 78 देशों में 700 संयुक्त उद्यम / सहायक कंपनियां स्थापित करने के लिए वित्त प्रदान किया जा चुका है।  

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता

एक्ज़िम बैंक की हालिया पहलें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मार्केट गैप को कम करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, यह सुनिश्‍चित कर रही हैं कि अर्थक्षम परियोजनाएं या उद्यम, विभिन्‍न जोखिमों या बाजार तक पहुंच में आने वाली चुनौतियों को दूर कर पाएं। बैंक का व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों में वित्त की कमी को दूर कर रहा है और मित्र देशों तथा भारत में स्थानीय बैंकों के बीच पुल का काम कर रहा है। 2022 में टैप की शुरुआत से बैंक द्वारा अब तक 80 से अधिक विदेशी बैंकों के साथ भागीदारी की जा चुकी है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक द्वारा 33 देशों में 506 ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान की गई, जिससे 16 राज्यों के 42 शहरों के 125 से ज़्यादा निर्यातकों द्वारा नए या चुनौतीपूर्ण बाजारों में 1.1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के वृद्धिशील निर्यात किए जा सके। वित्तपोषण की इस कमी को और कम करने के क्रम में, बैंक ने गिफ्ट सिटी में इंडिया एक्ज़िम फिनसर्व आईएफएससी प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी सहायक कंपनी भी स्थापित की। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित और 8 अगस्त, 2023 को स्थापित, बैंक की यह सहायक कंपनी निर्यातकों को फैक्टरिंग सहित विभिन्‍न व्यापार वित्त (ट्रेड फायनैंस) उत्पाद प्रदान करती है।   

इसके अलावा, उभरते सितारे कार्यक्रम (यूएसपी) के अंतर्गत बैंक छोटी और मध्यम आकार वाली ऐसी कंपनियों को नए मुकाम हासिल करने मदद कर रहा है, जो अलग तकनीक, उत्पाद या प्रोसेस के लिहाज से तो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन अभी अंडरपरफॉर्मिंग हैं या अपनी क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को यूएसपी के अंतर्गत बैंक ने 62 कंपनियों को कुल ₹ 1,214 करोड़ (5 इक्‍विटी निवेशों सहित) की वित्तीय सहायता प्रदान की। यूएसपी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कंपनियों में सस्टैनेबिलिटी को बढ़ावा देने वाले 11 नवोन्मेषी समाधानों के साथ-साथ, अत्याधुनिक तकनीक में दुनिया को नई राह दिखा रही 20 कंपनियां और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रही 10 कंपनियां शामिल हैं। वहीं, अन्य कंपनियां ई-मोबिलिटी समाधानों, विशेषीकृत मध्यवर्ती वस्तुओं, सॉफ्टवेयर समाधानों, वैश्‍विक ब्रांडों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसे क्षेत्रों की हैं। बैंक ने अग्रणी अकादमिक संस्थानों के साथ भी अपनी भागीदारी को सुदृढ़ किया है। इस क्रम में बैंक ने नई-नई शुरू हुई कंपनियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईएम अहमदाबाद और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के इन्क्यूबेटरों को तकनीकी सहायता प्रदान की है। 

 

संसाधन एवं ट्रेजरी 

बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, 3.26 बिलियन यूएस डॉलर के विदेशी मुद्रा संसाधनों सहित कुल ₹ 74,768  करोड़ के संसाधन जुटाए। बैंक को मूडीज़ द्वारा बीएए3 (स्थिर), एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर), फिच रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर) और जापान क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा बीबीबी+ (स्थिर) रेटिंग दी गई है। ये सभी रेटिंग निवेश ग्रेड या इससे ऊपर की हैं और संप्रभु रेटिंग के समान हैं।

 

सस्टैनेबिलिटी पर फोकस

वर्ष के दौरान, बैंक ने ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 200 मिलियन यूएस डॉलर के दो संपोषी बॉन्ड जारी किए। साथ ही, ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत 150 मिलियन यूएस डॉलर का अपना पहला ग्रीन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी जारी किया।

बैंक ने सस्टैनेबेलिटी संबंधी प्रयासों को बढ़ावा देने के क्रम में संपोषी वित्त कार्यक्रम नाम से एक नया ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत पात्र उधारकर्ताओं के हरित (ग्रीन), परिवर्तन (ट्रांज़िशन), सामाजिक और सस्टैनेबेलिटी से जुड़े निवेशों का वित्तपोषण करने के लिए की गई है और बैंक ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्‍न परियोजनाओं को सहायता प्रदान की है। बैंक द्वारा वित्तपोषित एक प्रमुख ट्रांज़िशन परियोजना, 200 मेगावाट की “राउंड द क्लोक (आरटीसी) अक्षय ऊर्जा परियोजना” की स्थापना करने से संबंधित है। इसके जरिए देश के सबसे बड़े एकीककृत ज़िंक उत्पादकों में से एक को अपने कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को ‘’प्रोजेक्ट फायनैंस इंटरनैशनल (पीएफआई) अवॉर्ड ’ भी मिला है।

 

संवर्धन एवं विकासपरक भूमिका 

एक्ज़िम बैंक की पहलें देश के दूरस्थ इलाकों में स्थित ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को भी अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में कदम बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। भारत सरकार की ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ओडीओपी)/ ’निर्यात केंद्र के रूप में जिला’ (डीईएच) पहल के अनुरूप, बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, पूर्वोत्तर भारत के 5 जिलों सहित 64 जिलों को चिह्नित किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने विभिन्‍न अनुदानों के जरिए जिला स्तर पर निर्यात क्षमता बढ़ाने में योगदान दिया। इनमें यूपी के खुर्जा में अत्याधुनिक 3डी डिज़ाइन स्टूडियो की स्थापना के लिए दिया गया अनुदान भी शामिल है, जिसके जरिए सरैमिक उद्योग के लिए प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी और इससे 15,000 कामगारों को रोजगार देने वाली 300 इकाइयां लाभान्वित होंगी। इसके अलावा, निर्यातकों को एम्सटर्डम में एक प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए भी अनुदान दिया गया, ताकि खरीदारों तक उनकी आसान पहुंच हो सके और फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन भी प्रदान की गईं। साथ ही, सांगली के हल्दी किसानों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता और हाईजीन को बढ़ाने के लिए मशीनरी प्रदान की गई। वित्तीय सहायता के अलावा, बैंक ग्रासरूट उद्यमों को कौशल विकास कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए भी सहायता प्रदान करता रहा है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक ने इन कार्यक्रमों के जरिए दस्तकारों, किसानों और बुनकरों को 139,000 पर्सन-डेज़ का सहयोग दिया। 

बैंक ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को बेहतर विज़िबिलिटी और ब्रांड प्रमोशन देते हुए बाजारों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने प्रज़ेंटिंग स्पॉन्सर के रूप में काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ भी भागीदारी की। इस महोत्सव में देश के विभिन्‍न राज्यों से 200 से अधिक दस्तकारों और ग्रासरूट उद्यमों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 24 राज्यों के 60 से अधिक दस्तकारों को एक्ज़िम बैंक द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।  

एक्ज़िम बैंक ने देशों/क्षेत्र, भारतीय राज्यों की निर्यात क्षमता, उद्योगों और अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार से संबंधित विषयों पर 20 शोध अध्ययन प्रकाशित किए। इसके अलावा, बैंक ने मुक्त व्यापार करारों के संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार को महत्त्वपूर्ण इनपुट भी प्रदान किए। 

 

सामाजिक पहलें 

वर्ष के दौरान, बैंक ने भारत के 12 राज्यों में 16 पहलों के लिए सहयोग प्रदान किया। बैंक ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सहयोग के माध्यम से वंचित वर्गों के छात्रों की शिक्षा और जरूरी पोषण में सहायता प्रदान करना जारी रखा। इस क्रम में, बैंक ने छात्रों को मिड-डे मील पहुंचाने के लिए यूपी के वाराणसी में इस फाउंडेशन को दो सीएनजी वाहनों की खरीद के लिए सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा, बैंक ने पेड़ लगाने वाले आईटी-आधारित एनजीओ, संकल्पतरु फाउंडेशन के साथ मिलकर 2,650 पेड़ लगाए। इनके जरिए प्रति वर्ष 81.9 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। बैंक ने बाइक मैकेनिक और इलेक्ट्रिशियन जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के क्रम में 200 महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया। 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री गौरव भंडारी, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005;
फोनः +91-22-22172829; ईमेलः ccg[at]eximbankindia[dot]in.

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 116.7 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 93.9 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 12.3% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 10.7% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। इन सकारात्मक वृद्धि दरों के गत वित्तीय वर्ष की पिछली दो तिमाहियों में दर्ज की गई वृद्धि दरों के क्रम में बने रहने की उम्मीद है। भारत के निर्यात में यह सकारात्मक वृद्धि, भारत के जीडीपी वृद्धि परिदृश्य में सुधार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में लगातार वृद्धि और बढ़ती वैश्‍विक मांग के बीच मौद्रिक सख्ती में वैश्‍विक नरमी तथा कुछ हद तक आधार प्रभाव के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट के चलते तीव्र होते लाल सागर संकट और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है। निर्यातों में यह वृद्धि आगामी तिमाहियों में भी जारी रहने की उम्मीद है। 

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान अगस्त 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, सलाहकार, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate[at]eximbankindia[dot]in/ viswanath[at]eximbankindia[dot]in 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों की वृद्धि की संभावनाओं में अनिश्‍चितता, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 118.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 95 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 2.96% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है, तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 4.55% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। यह सकारात्मक वृद्धि वर्ष की प्रथम दो तिमाहियों में रही ऋणात्मक वृद्धि के बाद दर्ज की जा रही है। भारत के निर्यात में यह सकारात्मक वृद्धि, भारत के जीडीपी वृद्धि परिदृश्य में सुधार तथा बढ़ती वैश्‍विक मांग के बीच मौद्रिक सख्ती में वैश्‍विक नरमी के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों, मध्य पूर्व संकट के चलते तीव्र होते लाल सागर संकट और गहराते भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है।

इस पूर्वानुमान के साथ, पूर्ण वित्तीय वर्ष 2024 के लिए भारत का कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात 435.3 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। जबकि गैर-तेल निर्यात के गत वर्ष के स्तर पर बने रहने की संभावना है। तथापि, वर्ष के दौरान तेल निर्यातों में मंदी बने रहने के आसार हैं और वित्तीय वर्ष 2023 की तुलना में 12.5 बिलियन यूएस डॉलर कम रहने का पूर्वानुमान है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) मॉडल के आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं । वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान मई 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल में सुधार तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं।

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021,
फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311,
ई-मेलः dsinate[at]eximbankindia[dot]in/ viswanath[at]eximbankindia[dot]in
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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।

 

एक्ज़िम बैंक ने भारत सरकार की सहायता से गयाना सरकार को प्रदान की 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्‍ज़िम बैंक) ने भारत सरकार की ओर से गयाना सरकार को 23.37 मिलियन यूएस डॉलर की ऋण-व्यवस्था प्रदान की है। यह ऋण-व्यवस्था देश के रक्षा बल के लिए दो विमानों की खरीद के लिए प्रदान की गई है।

इस ऋण-व्यवस्था करार पर 15 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए। इस पर गयाना सरकार की ओर से वित्त और लोक सेवा के उत्तरदायित्व के साथ प्रेसीडेंट कार्यालय में माननीय वरिष्‍ठ मंत्री, डॉ. आशनी के. सिंह और एक्ज़िम बैंक के उप महाप्रबंधक श्री संजय लांबा ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान गयाना में भारत के उच्चायुक्त डॉ. अमित तेलंग उपस्थित रहे।

इस ऋण-व्यवस्था करार पर हस्ताक्षर के साथ ही एक्ज़िम बैंक द्वारा अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, ओशिआनिया तथा सीआईएस क्षेत्र के 62 देशों को 2.72 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण-प्रतिबद्धता के साथ कुल 292 की ऋण व्यवस्थाएं प्रदान की जा चुकी हैं। यह राशि भारत से निर्यातों के वित्तपोषण हेतु उपलब्‍ध है। भारत से निर्यातों को बढ़ावा देने के अतिरिक्त एक्‍ज़िम बैंक की ऋण-व्‍यवस्‍थाएं उभरते बाजारों में भारत की विशेषज्ञता और परियोजना निष्‍पादन क्षमताओं को भी प्रदर्शित करती हैं।

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री विक्रमादित्य उगरा, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, ऑफिस ब्लॉक, टावर-1, 7वीं मंज़िल, एड्जेसेंट रिंग रोड, किदवई नगर (पूर्व), नई दिल्ली – 110023,
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