कॉर्पोरेट बैंकिंग

ऐसे पंख जो आपको दें कॉर्पोरेट आसमान में ऊंची उड़ान

बैंक भारतीय कंपनियों की निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने के लिए कई प्रकार के वित्तपोषण कार्यक्रम मुहैया कराता है| बैंक निर्यात उन्मुख इकाइयों की वित्तीय जरूरतें पूरी करते हुए हर तरह से उनका सहयोग करता है| इससे निर्यातकों को नई परियोजनाएं लगाने, वर्तमान संयंत्र का विस्तार या आधुनिकीकरण करने या नए उपकरण खरीदने अथवा शोध एवं अनुसंधान के लिए वित्तीय मदद मिलती है| इसके साथ ही बैंक उनकी रोजमर्रा की परिचालन जरूरतों (कार्यशील पूंजी) और विदेशों में निवेश की जरूरतों का भी खयाल रखता है|

बैंक ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ मिलकर काम करते हुए उनके उत्पादों को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर ब्रांड इंडिया के निर्माण में अहम भूमिका अदा की है| इतना ही नहीं, बैंक ने ग्रासरूट उद्यम संबंधी अपनी पहलों और विकास कार्यक्रमों के जरिए आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है| बैंक का मकसद देश के ग्रामीण उद्यमों की निर्यात क्षमताएं बढ़ाना, उनका चहुंमुखी विकास करना और समाज के गरीब तबके की आय बढ़ाना है|

कंपनियों के लिए वित्त

निर्यातक इकाइयों के लिए शोध एवं विकास वित्त

बैंक का लक्ष्य भारतीय निर्यातकों को उनकी निर्यात क्षमताओं में वृद्धि करना है| इसके लिए बैंक निर्यातकों को शोध एवं विकास में ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि वे नए उत्पाद विकसित करें| भारतीय निर्यातकों के लिए शोध के क्षेत्र में ऋण की कमी को पूरा करने के लिए बैंक शोध एवं विकास को ही समर्पित एक विशेष वित्तपोषण कार्यक्रम चलाता है| इसके तहत निर्यात उन्मुख किसी भी कंपनी या कंपनी द्वारा प्रायोजित एसपीवी (स्पेशल पर्पज़ व्हीकल), चाहे वह किसी भी उद्योग क्षेत्र में क्यों न हो, के लिए भी वित्तपोषण प्राप्त किया जा सकता है|

पात्रताः

  • निर्यात उन्मुख कंपनियां जिनके वार्षिक टर्नओवर का कम से कम 20 फीसदी निर्यात से (वास्तविक या प्रस्तावित) आता हो|

  • शोध एवं विकास वित्त आम तौर पर सात साल के लिए प्रदान किया जाता है| हालांकि यथोचित ब्याज दरों पर इससे ज्यादा अवधि के लिए भी मामले के आधार पर विचार किया जाता है| कंपनी अपने पूंजी प्रवाह के मुताबिक पुनर्भुगतान विकल्प अपना सकती है|

  • परियोजना लागत की कुल 80 फीसदी राशि तक का ऋण दिया जा सकता है|

  • सिक्योरिटी में परिसंपत्ति पर प्रभार, कॉर्पोरेट गारंटी, प्रभार/ विनियामक मंजूरी/ बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर समनुदेशन, निजी गारंटी आदि|

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प्री शिपमेंट/पोस्ट शिपमेंट ऋण

हम समझ सकते हैं कि भारतीय निर्यातकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती भरोसेमंद वित्तीय स्रोत का न होना है| एक्ज़िम बैंक भारतीय निर्यातकों को निर्यात ऋण मुहैया करा कर इस कमी को मिटाने का प्रयास करता है| एक्ज़िम बैंक व्यापार के लिए उनकी विभिन्न वित्तीय जरूरतें जैसे प्री शिपमेंट (निर्यात से पहले) और पोस्ट शिपमेंट (निर्यात के बाद) की जरूरतों के लिए उन्हें वित्त प्रदान करता है| बैंक अपने ग्राहकों को गैर निधि आधारित सीमित गारंटियां भी प्रदान करता है| इनमें साखपत्र (लेटर्स ऑफ क्रेडिट) और बैंक गारंटियां शामिल हैं| ये गारंटियां विदेशी और घरेलू दोनों स्तरों पर दी जाती हैं| ये सुविधाएं सामान्य तौर पर रनिंग अकाउंट सुविधा के रूप में दी जाती हैं, जो भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा में ली जा सकती हैं|

पात्रताः

  • निर्यातक भारतीय हो और ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो|

  • ऋण सीमा उधारकर्ता के लिए निर्धारित अधिकतम स्वीकार्य बैंक वित्त (एमपीबीएफ) के भीतर होनी चाहिए|

  • प्री शिपमेंट ऋण में 15%-20% और पोस्ट शिपमेंट ऋण में 10% का मार्जिन होना चाहिए|

  • समुचित प्रतिभूति (सिक्योरिटी) प्रदान की जाए| इनमें वर्तमान परिसंपत्ति पर यथोचित प्रभार के अलावा निर्यात प्राप्तियां, ईसीजीसी कवर आदि शामिल हैं|

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निर्यातोन्मुख इकाइयों के लिए ऋणः

निर्यातोन्मुख भारतीय कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धात्मकता और क्षमताएं बढ़ाने के लिए बैंक उनके राजस्व खर्चों सहित विभिन्न पूंजीगत खर्चों के वित्तपोषण के लिए ऋण प्रदान करता है| परियोजनाओं के विस्तार, आधुनिकीकरण, उन्हें अपग्रेड करने या विशाखन के लिए लोन और गारंटियां प्रदान की जाती हैं| जिन कार्यों के लिए यह ऋण प्रदान किया जाता है उनमें उपकरणों, टेक्नोलॉजी, निर्यात मार्केटिंग, निर्यात योग्य उत्पादों का विकास और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों की स्थापना शामिल है|

उत्पादन उपकरण वित्त कार्यक्रम

बैंक निर्यात उन्मुख उद्यमों की निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए गैर-परियोजना संबंधी उपकरणों की खरीद के वित्तपोषण के जरिए उन्हें ऋण प्रदान करता है| बैंक संयंत्र और मशीनरी के अधिग्रहण, पैकेजिंग, प्रदूषण नियंत्रण, जनोपयोगी सेवाओं, गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले उपकरणों सहित सहायक उपकरणों की खरीद के लिए भी ऋण प्रदान करता है| ये ऋण संयंत्र में संतुलन बनाए रखने, बदलाव करने, आधुनिकीकरण और क्षमता में सुधार करने के लिए भी प्रदान किए जा सकते हैं|

आयात वित्त कार्यक्रम

हम उधारकर्ता कंपनियों को कारोबार के सभी चरणों में आने वाली वित्तीय जरूरतें पूरी करते हुए व्यापक स्तर पर विभिन्न उत्पाद और सेवाएं मुहैया कराते हैं, ताकि वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़े| विनिर्माण/सेवाओं में संलग्न कंपनियां, जिनका सिर्फ घरेलू उत्पादन है और वे निर्यात नहीं करती हैं, वे भी एक्ज़िम बैंक से ऋण प्राप्त कर सकती हैं| यह ऋण घरेलू परियोजनाओं के लिए उपकरणों/मशीनरी के आयात के लिए होता है और ढांचागत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण, क्षमताओं के विस्तार और मशीनरी के थोक आयात के लिए प्रदान किया जाता है|

पात्रताः

  • ऐसी कंपनियां जिनका वार्षिक टर्न ओवर का कम से कम 10 फीसदी निर्यात (वास्तविक/प्रस्तावित) से आता हो या ऐसी कंपनियां जो प्रतिवर्ष कम से कम 5 करोड़ का निर्यात करती हों| इन दोनों में से जो भी कम हो| (निर्यात/ट्रेडिंग हाउस के जरिए हुए निर्यात सहित)

  • ऋण भारतीय रुपए और विदेशी मुद्रा दोनों में उपलब्ध है| (आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार)

  • ऋणों पर वाणिज्यिक ब्याज दरें लागू होती हैं|

  • ऋण अवधि आम तौर पर 7-10 साल होती है| वह भी सुविधाजनक ऋण स्थगन अवधि (मोरेटोरियम) के साथ। ऋण चुकौती भी सुविधाजनक मासिक/ त्रैमासिक किस्तों में|

  • प्रमोटर मार्जिन न्यूनतम 20% है। कंपनी या परियोजना की अचल संपत्तियों पर यथोचित प्रभार और निजी गारंटी सहित अन्य कोई प्रतिभूति (सिक्योरिटी) दी जा सकती है|

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एक्ज़िम से
फायदे

  • शोध एवं विकास के लिए धन की उपलब्धता से निर्यात उन्मुख इकाइयों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ती है|

  • प्री शिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट चरणों में कार्यशील पूंजी जरूरतों और निधिक जरूरतों का खयाल रखा जाता है|

  • विनियामक मंजूरी के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता सहित निर्यात उन्मुख कंपनियों को हर प्रकार की सहायता|

ग्रासरूट उद्यमों के लिए वित्त

FINANCE FOR GRASSROOTS ENTERPRISES

बैंक अर्थव्यवस्था के चहुंमुखी विकास के संवर्द्धन में भरोसा रखता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से बैंक ने देश के सुदूर गांवों में स्थित उद्यमों के सहयोग के लिए ग्रासरूट उद्यम विकास (ग्रिड) नाम का एक कार्यक्रम बनाया है| इस कार्यक्रम के जरिए बैंक खास तौर पर ऐसे ग्रासरूट या टेक्नोलॉजी आधारित उद्यमों को सहयोग प्रदान करता है, जिनमें निर्यात की संभावनाएं हों। बैंक इसके साथ ही देशभर के शिल्पकारों/ उत्पादक समूहों/ क्लस्टरों/ लघु उद्यमों को उनके उत्पादों को निर्यात योग्य बनाकर उनकी सही कीमत दिलाने में मदद करता है।

बैंक ऐसे संगठनों की जरूरतों को समझता है और उनकी सहायता के लिए आवश्यकतानुसार वित्तीय सुविधाएं मुहैया कराता है| बैंक उनके कारोबार के विभिन्न चरणों में सहयोग प्रदान करते हुए एक सुदृढ़ और सर्वांगीण दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करता है| बैंक इन उद्यमों में क्षमता निर्माण, उत्पाद या प्रमाणीकरण के लिए अनुदान, उत्पादों की डिजाइन और पैकेजिंग में सुधार, कार्यशील पूंजी, सामूहिक सुविधा केंद्रों के विकास तथा कच्चे माल भंडार के निर्माण, टेक्नोलॉजी में सुधार और निर्यात क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करता है|

पात्रताः

बैंक से सहयोग प्राप्त करने के लिए संगठनों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है, हालांकि ये कोई अपरिहार्य शर्तें भी नहीं हैं:-

  • उद्यम कानूनी रूप से एक इकाई हो और संबंधित राज्य या केंद्र सरकार के सोसायटी, ट्रस्ट, को-ऑपरेटिव, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, उत्पादक कंपनी, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), प्रप्राइअटर्शिप जैसे किसी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हो|

  • उद्यम ग्रासरूट स्तर पर समुदायों के साथ मिलकर पारंपरिक कौशल के आधार पर आय का सृजन करने वाली गतिविधियों के संवर्द्धन में संलग्न हो|

  • उद्यम ने जीविकोपार्जन का ऐसा मॉडल विकसित किया हो या अपनाया हो जिसे वैसी ही जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक समानताओं वाले क्षेत्रों में और बेहतर तरीके से अपनाया जा सके और जीविकोपार्जन के साधनों का सृजन करने का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड हो|

  • उद्यम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्यात में संलग्न हो अथवा निर्यात बाजार में कदम रखने की योजना हो|

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एक्ज़िम से
फायदे

  • ग्रामीण उद्यमों और निर्यात क्षमता निर्माण के लिए उनकी जरूरतों की बेहतर समझ|

  • संगठन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तुरंत और अन्य संस्थाओं की तुलना में सस्ता वित्त, भारतीय रुपए और विदेशी मुद्रा दोनों में|

  • सुविधानुसार ऋण चुकौती के विकल्प|

  • बाजार में बढ़ती मांग वाले विकासशील उत्पादों के लिए क्षमता निर्माण और सहयोग|

  • प्रशिक्षण और मार्केटिंग में सहायता|

गारंटीकृत आपातकालीन ऋण सुविधा

कोविड-19 महामारी के चलते बदले अप्रत्याशित हालात को देखते हुए माननीय वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लुघ और मध्यम उद्यमों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके लिए राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) ने आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शुरू की है। यह योजना पात्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों / व्यवसाय उद्यमों के लिए है, ताकि उन्हें अतिरिक्त कार्यशील पूंजीगत मीयादी ऋणों के लिए 100% गारंटी कवरेज प्रदान किया जा सके। इस योजना की मुख्य विशेषताएं नीचे दी गई हैं:

सुविधा:

गारंटीकृत आपातकालीन ऋण सुविधा


सुविधा का प्रकार:

दीर्घावधि कार्यशील पूंजी


पात्रता:

  • ऐसे खाते, जिनमें 29.2.2020 तक ₹50 करोड़ का ऋण बकाया है (ऑन-बैलेंस शीट एक्सपोज़र सहित) और वित्तीय वर्ष 2019-20 में ₹250 करोड़ रुपये तक का वार्षिक टर्नओवर है।

  • यह योजना एक्ज़िम बैंक के मौजूदा ग्राहकों के लिए ही वैध है।

  • ऋण खाते में यथा 29 फरवरी, 2020 को 60 दिन से अधिक की अवधि से बकाया देय नहीं होने चाहिए।

  • इस योजना का पात्र होने के लिए उधारकर्ता का उन सभी मामलों में जीएसटी रजिस्टर्ड होना आवश्यक है, जहां जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। यह शर्त उन उधारकर्ताओं पर लागू नहीं होगी, जिनके लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है।


ऋण राशि:

29.02.2020 तक उधारकर्ता पर एक्ज़िम बैंक के बकाया संपूर्ण ऋण की अधिकतम 20% राशि।


चुकौती:

  • अवधिः संवितरण की तारीख से अधिकतम 4 वर्ष

  • मॉरेटोरियमः केवल मूलधन के लिए 12 महीने, ब्याज माहवार देय होगा

  • मूलधन की चुकौती मॉरेटोरियम अवधि पूरी होने के बाद अधिकतम 36 समान किस्तों में करनी होगी।


इस सुविधा के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया एक्ज़िम बैंक में अपने संबंधित रिलेशनशिप मैनेजर से संपर्क कीजिए।

ईसीएलजीएस संबंधी विस्तृत दिशानिर्देशों और एफएक्यू के लिए कृपया https://www.eclgs.com/ देखें।

गारंटीकृत आपातकालीन ऋण सुविधा-II

राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा की गई 23 मई, 2020 की अधिसूचना के अनुक्रम में यह सूचित किया गया कि ईसीएलजीएस 2.0 के शुभारंभ के साथ ही ईसीएलजीएस योजना के कार्यक्षेत्र का विस्तार कर दिया गया है। ईसीएलजीएस 2.0 योजना की मुख्य विशेषताएं नीचे दी गई हैं:

सुविधा:

गारंटीकृत आपातकालीन ऋण सुविधा (जीईसीएल) - II


सुविधा का प्रकार:

दीर्घावधि कार्यशील पूंजी


पात्रता:

  • ईसीएलजीएस 2.0 के अंतर्गत, ऐसे व्यवसाय उद्यम / एमएसएमई को कवर किया जाएगा, जो रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क संबंधी कामत समिति और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा चिह्नित 26 दबावग्रस्त क्षेत्रों में आते हैं, जिन्होंने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण लिया है और तमाम ऋणदाता संस्थाओं में जिनका कुल बकाया ऋण (केवल निधि आधारित) यथा 29.02.2020 को ₹50 करोड़ से ऊपर और ₹500 करोड़ तक था।

  • ईसीएलजीएस 2.0 के अंतर्गत पात्रता के लिए, उधारकर्ता खातों का बकाया यथा 29 फरवरी, 2020 को 30 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए। यानी उन खातों को यथा 29 फरवरी, 2020 को किसी भी ऋणदाता द्वारा एसएमए 1, एसएमए 2, या एनपीए के रूप में वर्गीकृत न किया गया हो। यह योजना एमएलआई की बहियों में केवल मौजूदा ग्राहकों के लिए लागू होगी।


ऋण राशि:

29.02.2020 तक उधारकर्ता पर एक्ज़िम बैंक के बकाया संपूर्ण निधि आधारित ऋण की अधिकतम 20% राशि।


चुकौती:

  • ईसीएलजीएस 2.0 के अंतर्गत, जीईसीएल के तहत प्रदान की गई सुविधाओं की अवधि, निधि आधारित सुविधा के प्रथम संवितरण की तारीख से अथवा गैर-निधि आधारित सुविधा के उपयोग की प्रथम तारीख, इनमें से जो भी जल्दी आए, से 5 वर्ष तक होगी।

  • मंजूर की गई गैर-निधि आधारित सुविधा के गारंटी कवर की पात्रता के लिए प्रथम उपयोग 30 जून, 2021 को अथवा इससे पहले होना जरूरी है। जीईसीएल ऋण के निधि-आधारित अंश के लिए उधारकर्ताओं को मूलधन की राशि पर एक वर्ष की मोरेटोरियम अवधि प्रदान की जाएगी, जिस दौरान केवल ब्याज देय होगा। ईसीएलजीएस 2.0 के अंतर्गत मूलधन की चुकौती मोरेटोरियम अवधि समाप्त होने के बाद 48 किस्तों में की जाएगी।


इन ऋणों की मंजूरी ईसीएलजीएस के एफएक्यू / दिशानिर्देशों में विस्तार से दिए गए लागू पात्रता मानदंडों के कंपनी द्वारा पूरा करने के अध्यधीन रहेगी। ये दिशानिर्देश https://www.eclgs.com पर उपलब्ध हैं।

उपर्युक्त सुविधा की विस्तृत जानकारी के लिए कृपया एक्ज़िम बैंक में अपने संबंधत रिलेशनशिप मैनेजर से संपर्क करें।

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