सम्मान

भारत एवं विदेशी विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार, विकास और संबंधित वित्तपोषण में आर्थिक शोध को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा दो अंतर्राष्ट्रीय सम्मान - अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक (IERA) सम्मान और ब्रिक्स आर्थिक शोध सम्मान (BRICS) की स्थापना की गई है। ये पहलें आर्थिक शोध और विश्लेषण को बढ़ावा देने हेतु नीति निर्माण में योगदान संबंधी बैंक के प्रयासों को प्रदर्शित करती हैं।

सम्मान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमसे rag@eximbankindia.in या + 91 -22-2217 2701 / 2708 पर संपर्क करें ।

एक्ज़िम बैंक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक (ईरा) सम्मान 2022


BRICS Award

एक्ज़िम बैंक, इंडिया द्वारा 06 अक्टूबर, 2022 को आयोजित अवार्ड वेबिनार में सुश्री हर्षा बंगारी, प्रबंध निदेशक ने "एक्ज़िम बैंक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक (ईरा) सम्मान 2022" की विजेता डॉ. कनिका पठानिया को घोषित किया।

सम्मान

एक्ज़िम बैंक ने अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार और विकास तथा संबंधित वित्तपोषण में शोध के लिए वार्षिक सम्मान की स्थापना की है। इस सम्मान का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार और विकास तथा संबंधित वित्तपोषण में भारतीय नागरिकों द्वारा भारत या विदेश में किसी विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान से शोध को बढ़ावा देना है। सम्मान स्वरूप तीन लाख पचास हजार रुपए ( ₹ 3.50 लाख) और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। सम्मान 1989 में शुरू किया गया था।

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  • वर्ष

    विजेता और सम्मान प्राप्त थीसिस

  • 2023

    Dr. Rahul Rao: Essays on Misallocation

  • 2022

    Dr. Ronit Mukherji: Essays on Immigrants and their Impact on the Local Labour Market

  • 2021

    डॉ. कनिका पठानिया: उल्टे शुल्क संरचना और संरक्षण की प्रभावी दरें: सैद्धांतिक और अनुभवजन्य विश्लेषण

  • 2020

    डॉ. संजना गोस्वामी: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनुभवजन्य अध्ययन

  • 2019

    डॉ. सौमित्रो चटर्जी: व्यापार और विकास अर्थशास्त्र पर आलेख

  • 2018

    डॉ. सौम्यतनु मुखर्जी: उदारीकरण, वेतन और सेक्टर वृद्धिः भारत के संबंध में समान्य संतुलन विश्लेषण

  • 2017

    डॉ. अमृता साहा: भारतीय व्यापार नीति पर निबंध

  • 2016

    डॉ. ईशा चावलाः देश से बाहर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए भारतीय फर्मों का अंतरराष्ट्रीयकरणः प्रकृति, निर्धारक और विकासात्मक प्रभाव

  • 2015

    डॉ. चिन्मय तुम्बे: भारत में प्रवासन और प्रेषण

  • 2014

    डॉ. वी. कल्याण शंकरः दक्षिण पूर्व एशिया में विनिर्मित पण्यों में मूल्य वर्द्धित श्रृंखलाएं और व्यापार

  • 2013

    डॉ. अन्वेषा आदित्यः व्यापार उदारीकरणः उत्पादों की विविधता और विकास

  • 2012

    डॉ. हरेन्द्र कुमार बेहेरा - वित्तीय खुलेपन का प्रभाव : भारतीय अनुभव का विश्लेषण

  • 2011

    डॉ. ब्रजेश पलयतोड़ी - सेवाओं का निर्यात और आउटसोर्सिंग : भारतीय परिप्रेक्ष्य में अनुभवजन्य विश्लेषण

  • 2010

    डॉ. नारायण चन्द्र प्रधान– भारतीय अर्थव्यवस्था का खुलापन एवं विकास : एक अनुभवजन्य विश्लेषण

  • 2009

    डॉ देबाशीष मंडल – नवोन्मेष, नकल और उत्तर दक्षिण व्यापार : आर्थिक सिद्धांत और नीतियां

  • 2008

    डॉ रमा वासुदेवन - अंतरराष्ट्रीय व्यापार, वित्त तथा मुद्रा : असंतुलित विकास पर निबंध

  • 2007

    डॉ अर्जुन जयदेव - वित्तीय उदारीकरण तथा इसके संवितरक प्रभाव : एक अनुभवजन्य विश्लेषण

  • 2006

    डॉ (श्रीमती) मोनिका दास – पारिस्थितिकी बनाम अर्थव्यवस्था बहस का सिद्धान्त व अनुभवजन्य साक्ष्य

  • 2005

    डॉ. (श्रीमती) रश्मि बंगा- भारतीय विनिर्माण में जापानी तथा यू एस विदेशी प्रत्याक्ष निवेश की प्रकृति, स्वरूप तथा प्रभाव

  • 2004

    डॉ. (श्रीमती) प्राची मिश्रा- विकासशील देशों में वैश्वीवकरण तथा वेतन पर निबंध

  • 2003

    डॉ. देबकुसुम दास- भारतीय उद्योग में उत्पादन वृद्धि तथा व्या‍पार पहलू डॉ. के.सी. बीरामानी- आर्थिक उदारीकरण के अंतर्गत अंत: उद्योग व्यापारः भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का विश्लेषण

  • 2002

    डॉ. प्रवीण कुमार- बढ़ती वेतन असमानता- बदलते व्यापार की भूमिका, वृति प्रौद्योगिकी एवं कारण डॉ. ब्राति शंकर चक्रवर्ती- बढ़ते मुनाफा के तहत माल व्यापार एवं कारक गतिविधि

  • 2001

    डॉ. साजिद चिनॉय- उभरते बाजारों में मुद्रा जोखिम प्रीमिया तथा अरक्षित विदेशी मुद्रा उधारियां

  • 2000

    डॉ. (श्रीमती) सुजाता वर्मा- अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार की संरचनाः सिद्धांत एवं साक्ष्य डॉ. उदय भानु सिन्हा- अपूर्ण बाजार संरचना की कुछ कठिनाइयां: अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अंतरण तथा विकासशील अर्थव्यवस्था में संयुक्त उद्यमों की अस्थिरता

  • 1999

    डॉ. (श्रीमती) पूनम गुप्ता- अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर निबंध

  • 1998

    डॉ. अविक चक्रवर्ती- विदेशी प्रत्य क्ष निवेश तथा मेजबान देशों की प्रतिक्रिया : रणनीतिक दृष्टिकोण डॉ.अरिजीत मुखर्जी – विकासशील अर्थव्ययवस्था में अंतरराष्ट्रीय संयुक्त उद्यम तथा प्रौद्योगिकी का अंतरणः सैद्धांतिक विश्लेषण

  • 1997

    डॉ. रजत आचार्य- संक्रमित अर्थव्यवस्था में उदार व्यापार नीति का सैद्धांतिक पहलूः विनिमय दर, प्रतिस्पर्धा एवं निर्यात

  • 1996

    डॉ. अवधूत नाडकर्णी- बास्केट प्रबंध के तहत भारत की विनिमय दरः व्याख्या एवं मूल्यांकन डॉ. लवीश भंडारी- अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अंतरणः संविदा, सबक एवं सहयोग

  • 1995

    डॉ. आदित्य भट्टाचार्यजी- विकासशील देशों के लिए औद्योगिक संगठन एवं रणनीतिक व्यापार नीतियों पर निबंध

  • 1994

    डॉ. ए. प्रसाद- विकासशील देशों के बाह्य ऋण- भारतीय मामले का अध्ययन डॉ. (श्रीमती) अश्विनी देशपांडे- विकासशील देशों के अंतरराष्ट्रीय ऋण के कुछ पहलू

  • 1993

    डॉ. मैथ्यु जोसेफ- अल्पसविकसित देशों की विनिमय दर प्रशासन पद्धति डॉ. तरूण कबिराज- प्रौद्योगिकी अंतरण के कुछ पहलूः सिद्धांत एवं नीति

  • 1992

    डॉ. सुभायु बंदोपाध्याय – बहुदेशीय सामान्य संतुलन फ्रेमवर्क में निर्यात कर निर्धारण,

  • 1991

    डॉ. (श्रीमती) नीलम सिंह- विदेशी स्वामित्व वाली फर्म का आकार एवं निष्पादनः भारतीय औषधि उद्योग के मामले का अध्ययन

  • 1990

    डॉ. सेबास्टियन मोरिस- भारत से विदेशी प्रत्यक्ष निवेशः 1964-83. डॉ. प्रभीरजीत सरकार- विश्वयुद्ध के बाद व्यापार विवाद : पुनर्परीक्षण

  • 1989

    डॉ. नागेश कुमार- भारतीय उद्योग जगत में विदेशी नियंत्रित उद्यम

BRICS Award

सम्मान

इस सम्मान का उद्देश्य ब्रिक्स सदस्य देशों के लिए समसामयिक प्रासंगिकता वाले अर्थशास्त्र संबंधित विषयों पर डॉक्टोरल शोध में तेजी लाना और उसे बढ़ावा देना है। इस सम्मान के अंतर्गत 15 लाख रुपये की सम्मान राशि (लगभग 22,000 यूएस डॉलर समतुल्य राशि), एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के लिए पाँचों ब्रिक्स देशों के वे नागरिक आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें उनके शोध कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या किसी वैश्विक शैक्षणिक संस्थान द्वारा डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि मिली हो या उनके शोध कार्य को डॉक्टरेट की उपाधि के लिए स्वीकार कर लिया गया हो। ब्रिक्स सम्मान 2022 के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2022 से बढ़ाकर 4 अप्रैल, 2022 कर दी गई है।

  • वर्ष

    विजेता और सम्मान प्राप्त थीसिस

  • 2024

    Dr. Hugo Carcanholo Iasco Pereira: Essays on Exchange Rate and Economic Performance

  • 2023

    Dr. Digvijay Singh Negi: Essays on Risk, Insurance and Welfare

  • 2022

    डॉ. अपूर्व गुप्ता: वित्त और आर्थिक विकास पर निबंध

  • 2021

    डॉ. राहुल सिंह: उदारीकरण के बाद के भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निबंध

  • 2020

    डॉ. एडम याओ लिउ: नियंत्रित संस्थाओं में बाजार निर्माणः चीन में बैंकिंग विकास की राजनीतिक अर्थव्यवस्था

  • 2019

    डॉ. तुषार भारती: विकासशील देशों में शिक्षा और शिक्षण संस्थानों पर निबंध

  • 2018

    ज़ेली हे: अंतरराष्ट्रीय व्यापार, कल्याण और विषमता पर निबंध

  • 2017

    रैक्वेल एल्मीडा रामोस ‘वित्तीयकरण और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विनिमय दरों के निर्धारण पर इसके प्रभाव’

  • 2016

    डॉ. जो प्रेट्स रोमेरो : तकनीकी प्रगति एवं संरचनात्मक परिवर्तन: आर्थिक वृद्धि में मांग एवं आपूर्ति की भूमिका