62% बढ़ा एक्ज़िम बैंक का मुनाफा। कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि; 17% बढ़ी ऋण आस्तियां

इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी और उप प्रबंध निदेशक, श्री तरुण शर्मा ने सोमवार, 13 मई, 2024 को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की खास बातें निम्‍नलिखित अनुसार हैं:

वित्तीय कार्य निष्पादन 

 

मानदंड

2022-23
में निष्पादन

2023-24
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2022-23
से परिवर्तन

A.        कुल व्यवसाय (` करोड़)

2,92,257 

3,44,182 

17.77% 

-          निवल ऋण पोर्टफोलियो

1,34,523 

1,57,602 

17.16% 

-          कुल उधारियां

1,28,423 

1,54,611 

20.39% 

B.       परिचालन लाभ (` करोड़)

3,599 

3,750 

4.20% 

C.        कर पश्‍चात लाभ (` करोड़)

1,556 

2,518 

61.83% 

D.        सकल अनर्जक आस्तियां        

4.09% 

1.93% 

(216) bps 

E.       निवल अनर्जक आस्तियां        

0.71% 

0.29% 

(42) bps 

F.        जोखिम भारित पूंजी आस्ति अनुपात

25.43% 

21.18% 

(425) bps 

 

व्यवसाय निष्पादन 

बैंक ने प्रमुख व्यवसाय निष्पादन मानदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जो भारत के व्यापार और निवेश तथा मित्र देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत की विकास यात्रा और ऋण की बढ़ी मांग के बीच, बैंक ने ` 1,06,312 करोड़ के नए ऋणों को मंजूरी दी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऋण पोर्टफोलियो में 17% वृद्धि दर्ज की गई। यह बढ़ोत्तरी स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा, ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग वस्तुओं, फार्मासूटिकल्स और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के चलते दर्ज की गई। बैंक ने ई-मोबिलिटी, हाई-टेक और एयरोस्पेस जैसे रणनीतिक महत्त्व के क्षेत्रों में भी वृद्धि दर्ज की। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निवल ब्याज आय 4.6% बढ़कर ` 3,540 करोड़ हो गई। यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से ऋणों और अग्रिमों से होने वाली ब्याज आय में उच्चतर वृद्धि के चलते दर्ज की गई। अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के मामले में, बैंक की आस्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ और स्लिपेज में भी कमी आई। सकल और निवल एनपीए में भी गिरावट आई। सकल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 4.09% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 1.93% हो गया। वहीं, निवल एनपीए यथा 31 मार्च, 2023 के 0.71% से घटकर यथा 31 मार्च, 2024 को 0.29% हो गया। 

 

पॉलिसी व्यवसाय 

बैंक ने भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली ऋण-व्यवस्थाओं के जरिए मित्र देशों में कई विकास परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान की। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक का भारत सरकार समर्थित 324 ऋण-व्यवस्थाओं का पोर्टफोलियो रहा, जिसके अंतर्गत कुल 31 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण प्रतिबद्धताएं हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं मित्र देशों में सामाजिक-आर्थिक विकास की वाहक बन रही हैं, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए नए बाजारों और अवसरों के द्वार भी खोल रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को लगभग 16 बिलियन यूएस डॉलर की 952 परियोजनाएं इन ऋण-व्यवस्थाओं के अंतर्गत कवर की गई हैं, जिनसे 300 से अधिक भारतीय कंपनियों के लिए व्यवसाय अवसर बने और इस वैल्यू चेन में विभिन्‍न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी लाभान्वित हुए। अकेले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने 1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के 21 नए कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। 

बैंक ने विभिन्‍न उपायों के जरिए ऋण-व्यवस्थाओं से संबंधित सिस्टम और प्रक्रियाओं को उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ बनाया। इनमें पूर्व-अर्हता वाले चरण में बेहतर पारदर्शिता; प्रोक्योरमेंट से जुड़े कार्यों को मंजूरी देने और विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) की समीक्षा के लिए अलग से क्रॉस-फंक्शनल समितियों का गठन; डीपीआर की जांच में तकनीकी पहलुओं पर इनपुट के लिए सेक्टर विशेषज्ञों की सेवाएं लेना; डीपीआर तैयार करने के लिए विचारार्थ विषयों जैसे दस्तावेजों और मॉडल बिडिंग दस्तावेजों का मानकीकरण; और शिकायत निवारण तंत्र तथा डिबार्मेंट नीति जैसे बेहतर गवर्नैंस मैकेनिज़्म उपाय शामिल हैं। 

 

वाणिज्यिक व्यवसाय

वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने भारतीय कंपनियों में निर्यात क्षमता सृजन और उनकी निर्यात स्पर्धात्मकता बढ़ाने और उनके वैश्‍वीकरण प्रयासों में सहयोग के क्रम में, ₹ 98,014 करोड़ की सहायता प्रदान की। वर्ष के दौरान, कॉर्पोरेट ऋण में 49% की वृद्धि दर्ज की गई और आस्ति गुणवत्ता अच्छी रही। बैंक की लगभग 90% ऋण आस्तियां निवेश ग्रेड से ऊपर की रहीं। बैंक ने भारत के परियोजना निर्यातों को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए 34 देशों में ₹ 43,695 करोड़ के 90 परियोजना निर्यात कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। इसके अलावा, 24 कंपनियों को 12 देशों में उनके विदेशी निवेश के लिए ` 6,739 करोड़ से अधिक की निधिक और गैर-निधिक सहायता को मंजूरी प्रदान की गई। बैंक द्वारा अब तक 510 भारतीय कंपनियों को 78 देशों में 700 संयुक्त उद्यम / सहायक कंपनियां स्थापित करने के लिए वित्त प्रदान किया जा चुका है।  

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता

एक्ज़िम बैंक की हालिया पहलें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मार्केट गैप को कम करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, यह सुनिश्‍चित कर रही हैं कि अर्थक्षम परियोजनाएं या उद्यम, विभिन्‍न जोखिमों या बाजार तक पहुंच में आने वाली चुनौतियों को दूर कर पाएं। बैंक का व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों में वित्त की कमी को दूर कर रहा है और मित्र देशों तथा भारत में स्थानीय बैंकों के बीच पुल का काम कर रहा है। 2022 में टैप की शुरुआत से बैंक द्वारा अब तक 80 से अधिक विदेशी बैंकों के साथ भागीदारी की जा चुकी है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक द्वारा 33 देशों में 506 ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान की गई, जिससे 16 राज्यों के 42 शहरों के 125 से ज़्यादा निर्यातकों द्वारा नए या चुनौतीपूर्ण बाजारों में 1.1 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के वृद्धिशील निर्यात किए जा सके। वित्तपोषण की इस कमी को और कम करने के क्रम में, बैंक ने गिफ्ट सिटी में इंडिया एक्ज़िम फिनसर्व आईएफएससी प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी सहायक कंपनी भी स्थापित की। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित और 8 अगस्त, 2023 को स्थापित, बैंक की यह सहायक कंपनी निर्यातकों को फैक्टरिंग सहित विभिन्‍न व्यापार वित्त (ट्रेड फायनैंस) उत्पाद प्रदान करती है।   

इसके अलावा, उभरते सितारे कार्यक्रम (यूएसपी) के अंतर्गत बैंक छोटी और मध्यम आकार वाली ऐसी कंपनियों को नए मुकाम हासिल करने मदद कर रहा है, जो अलग तकनीक, उत्पाद या प्रोसेस के लिहाज से तो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन अभी अंडरपरफॉर्मिंग हैं या अपनी क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रही हैं। यथा 31 मार्च, 2024 को यूएसपी के अंतर्गत बैंक ने 62 कंपनियों को कुल ₹ 1,214 करोड़ (5 इक्‍विटी निवेशों सहित) की वित्तीय सहायता प्रदान की। यूएसपी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कंपनियों में सस्टैनेबिलिटी को बढ़ावा देने वाले 11 नवोन्मेषी समाधानों के साथ-साथ, अत्याधुनिक तकनीक में दुनिया को नई राह दिखा रही 20 कंपनियां और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रही 10 कंपनियां शामिल हैं। वहीं, अन्य कंपनियां ई-मोबिलिटी समाधानों, विशेषीकृत मध्यवर्ती वस्तुओं, सॉफ्टवेयर समाधानों, वैश्‍विक ब्रांडों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसे क्षेत्रों की हैं। बैंक ने अग्रणी अकादमिक संस्थानों के साथ भी अपनी भागीदारी को सुदृढ़ किया है। इस क्रम में बैंक ने नई-नई शुरू हुई कंपनियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईएम अहमदाबाद और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के इन्क्यूबेटरों को तकनीकी सहायता प्रदान की है। 

 

संसाधन एवं ट्रेजरी 

बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, 3.26 बिलियन यूएस डॉलर के विदेशी मुद्रा संसाधनों सहित कुल ₹ 74,768  करोड़ के संसाधन जुटाए। बैंक को मूडीज़ द्वारा बीएए3 (स्थिर), एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर), फिच रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर) और जापान क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा बीबीबी+ (स्थिर) रेटिंग दी गई है। ये सभी रेटिंग निवेश ग्रेड या इससे ऊपर की हैं और संप्रभु रेटिंग के समान हैं।

 

सस्टैनेबिलिटी पर फोकस

वर्ष के दौरान, बैंक ने ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 200 मिलियन यूएस डॉलर के दो संपोषी बॉन्ड जारी किए। साथ ही, ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत 150 मिलियन यूएस डॉलर का अपना पहला ग्रीन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी जारी किया।

बैंक ने सस्टैनेबेलिटी संबंधी प्रयासों को बढ़ावा देने के क्रम में संपोषी वित्त कार्यक्रम नाम से एक नया ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत पात्र उधारकर्ताओं के हरित (ग्रीन), परिवर्तन (ट्रांज़िशन), सामाजिक और सस्टैनेबेलिटी से जुड़े निवेशों का वित्तपोषण करने के लिए की गई है और बैंक ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्‍न परियोजनाओं को सहायता प्रदान की है। बैंक द्वारा वित्तपोषित एक प्रमुख ट्रांज़िशन परियोजना, 200 मेगावाट की “राउंड द क्लोक (आरटीसी) अक्षय ऊर्जा परियोजना” की स्थापना करने से संबंधित है। इसके जरिए देश के सबसे बड़े एकीककृत ज़िंक उत्पादकों में से एक को अपने कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को ‘’प्रोजेक्ट फायनैंस इंटरनैशनल (पीएफआई) अवॉर्ड ’ भी मिला है।

 

संवर्धन एवं विकासपरक भूमिका 

एक्ज़िम बैंक की पहलें देश के दूरस्थ इलाकों में स्थित ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को भी अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में कदम बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। भारत सरकार की ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ (ओडीओपी)/ ’निर्यात केंद्र के रूप में जिला’ (डीईएच) पहल के अनुरूप, बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, पूर्वोत्तर भारत के 5 जिलों सहित 64 जिलों को चिह्नित किया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने विभिन्‍न अनुदानों के जरिए जिला स्तर पर निर्यात क्षमता बढ़ाने में योगदान दिया। इनमें यूपी के खुर्जा में अत्याधुनिक 3डी डिज़ाइन स्टूडियो की स्थापना के लिए दिया गया अनुदान भी शामिल है, जिसके जरिए सरैमिक उद्योग के लिए प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी और इससे 15,000 कामगारों को रोजगार देने वाली 300 इकाइयां लाभान्वित होंगी। इसके अलावा, निर्यातकों को एम्सटर्डम में एक प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए भी अनुदान दिया गया, ताकि खरीदारों तक उनकी आसान पहुंच हो सके और फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन भी प्रदान की गईं। साथ ही, सांगली के हल्दी किसानों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता और हाईजीन को बढ़ाने के लिए मशीनरी प्रदान की गई। वित्तीय सहायता के अलावा, बैंक ग्रासरूट उद्यमों को कौशल विकास कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए भी सहायता प्रदान करता रहा है। यथा 31 मार्च, 2024 को बैंक ने इन कार्यक्रमों के जरिए दस्तकारों, किसानों और बुनकरों को 139,000 पर्सन-डेज़ का सहयोग दिया। 

बैंक ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को बेहतर विज़िबिलिटी और ब्रांड प्रमोशन देते हुए बाजारों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, बैंक ने प्रज़ेंटिंग स्पॉन्सर के रूप में काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ भी भागीदारी की। इस महोत्सव में देश के विभिन्‍न राज्यों से 200 से अधिक दस्तकारों और ग्रासरूट उद्यमों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 24 राज्यों के 60 से अधिक दस्तकारों को एक्ज़िम बैंक द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।  

एक्ज़िम बैंक ने देशों/क्षेत्र, भारतीय राज्यों की निर्यात क्षमता, उद्योगों और अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार से संबंधित विषयों पर 20 शोध अध्ययन प्रकाशित किए। इसके अलावा, बैंक ने मुक्त व्यापार करारों के संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार को महत्त्वपूर्ण इनपुट भी प्रदान किए। 

 

सामाजिक पहलें 

वर्ष के दौरान, बैंक ने भारत के 12 राज्यों में 16 पहलों के लिए सहयोग प्रदान किया। बैंक ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सहयोग के माध्यम से वंचित वर्गों के छात्रों की शिक्षा और जरूरी पोषण में सहायता प्रदान करना जारी रखा। इस क्रम में, बैंक ने छात्रों को मिड-डे मील पहुंचाने के लिए यूपी के वाराणसी में इस फाउंडेशन को दो सीएनजी वाहनों की खरीद के लिए सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा, बैंक ने पेड़ लगाने वाले आईटी-आधारित एनजीओ, संकल्पतरु फाउंडेशन के साथ मिलकर 2,650 पेड़ लगाए। इनके जरिए प्रति वर्ष 81.9 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। बैंक ने बाइक मैकेनिक और इलेक्ट्रिशियन जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के क्रम में 200 महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया। 

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री गौरव भंडारी, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्‍व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005;
फोनः +91-22-22172829; ईमेलः ccg@eximbankindia.in.