उभरते वैश्‍विक व्यापार परिदृश्य में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मिला नया महत्त्व

सिडनी, ऑस्ट्रेलिया, 21 नवंबर, 2023 – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित एशियाई एक्ज़िम बैंक फोरम (एईबीएफ) की वार्षिक बैठक के दौरान 21 नवंबर, 2023 को इंडिया एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बांगारी और एक्सपोर्ट फायनैंस ऑस्ट्रेलिया (ईएफए) के प्रबंध निदेशक और सीईओ, श्री जॉन हॉपकिन ने इंडिया एक्ज़िम बैंक के एक शोध अध्ययन का विमोचन किया। यह शोध अध्ययन 'संपर्कों को बढ़ावा देना: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों का आर्थिक विश्लेषण' शीर्षक से प्रकाशित किया गया है।

एईबीएफ की संकल्पना एशियाई निर्यात ऋण एजेंसियों के लिए संरचित तरीके से सूचनाओं के आदान-प्रदान और विचारों को साझा करने के उद्देश्य से 1996 में भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा की गई थी। एशियाई ईसीए फोरम का मुख्य कार्य क्षेत्रीय सहयोग को विकसित करना और बढ़ाना तथा एशियाई ईसीए समुदाय के भीतर दीर्घकालिक संबंध को बढ़ावा देने के लिए सदस्य संस्थाओं के बीच सुदृढ़ संबंध बनाना है। ईएफए ने 'निर्यात ऋण 2040: उभरते परिदृश्य के लिए भावी प्राथमिकताएं' विषय पर 28वीं एईबीएफ वार्षिक बैठकों की मेजबानी की।

इन वार्षिक बैठकों के दौरान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध अध्ययन का विमोचन किया गया, जिसका शीर्षक है- 'संपर्कों को बढ़ावा देना: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों का आर्थिक विश्लेषण'। इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) से पहले की अवधि के दौरान बढ़ते भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश संबंधों पर व्यापक मत प्रदान किया गया है और यह भी बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों में ईसीटीए किस प्रकार रणनीतिक बदलाव ला सकता है।

इस उभरते वैश्‍विक परिदृश्य में ऑस्ट्रेलिया, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में भारत को एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखने लगा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों ने रणनीतिक साझेदारी में एक सकारात्मक ट्रैक विकसित कर दिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वस्तु व्यापार 2012 के 15.6 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 2022 में 27.8 बिलियन यूएस डॉलर का हो गया है। हालांकि पिछले एक दशक में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार संबंधों में काफी बदलाव आया है, लेकिन संरचना और पैटर्न में अभी भी विविधता नहीं आई है और भारत के निर्यात में विविधता लाने की बड़ी संभावना है।

अध्ययन में तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में तुलनात्मक लाभ वाले भारतीय निर्यात चिह्नित किए गए हैं और इन उत्पादों में व्यापार बढ़ाने के लिए रणनीति सुझाई गई है। विश्लेषण में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार को प्रभावित करने वाले पूर्व-ईसीटीए टैरिफ के साथ-साथ गैर-टैरिफ बाधाओं और सेवा प्रतिबंधों की पड़ताल भी की गई है।

ईसीटीए को एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के रूप में तब्दील करने से ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्‍ठ आर्थिक संबंधों की संभावनाओं से लाभान्वित हुआ जा सकेगा। दोनों देशों द्वारा परस्पर संबंधों को बढ़ाने से परस्पर वृद्धि और साझी समृद्धि की अपार संभावनाएं बनती हैं और इसे ध्यान में रखते हुए इस शोध अध्ययन में सीईसीए को अमलीजामा पहनाने सहित भारत का द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की रणनीतियां चिह्नित की गई हैं। सीईसीए के अंतर्गत भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग के कुछ संभावित क्षेत्रों में लघु और मध्यम उद्यमों को सहयोग, डिजिटल व्यापार को बढ़ावा, जीआई प्रमाणित वस्तुओं का व्यापार, स्थानीय मुद्रा में व्यापार निपटान, महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए रणनीतिक गठबंधन, सरकारी खरीद, अंतरराष्‍ट्रीय समुद्री परिवहन सेवाओं में सहयोग, कृषि प्रौद्योगिकी साझेदारी, पारस्परिक महत्त्व के समझौते करना और अक्षय ऊर्जा में साझेदारी जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। 

 

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श्री डेविड सिनाटे 
मुख्य महाप्रबंधक 
शोध एवं विश्लेषण समूह 
भारतीय निर्यात-आयात बैंक  
8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV 
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