इंडिया एक्ज़िम बैंक का पूर्वानुमान, वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 111.2 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा भारत का मर्चैंडाइज़ निर्यात और 88.1 बिलियन यूएस डॉलर का रहेगा गैर-तेल निर्यात

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (इंडिया एक्ज़िम बैंक) ने वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के लिए भारत के निर्यात पूर्वानुमान जारी कर दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में, भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यात 111.2 बिलियन यूएस डॉलर और गैर-तेल निर्यात 88.1 बिलियन यूएस डॉलर के रहने का पूर्वानुमान है। मर्चैंडाइज निर्यात में जहां 6.3% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का पूर्वानुमान है तो वहीं गैर-तेल निर्यात में 7.7% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का अनुमान है। यह सकारात्मक वृद्धि वर्ष की प्रथम दो तिमाहियों में रही ऋणात्मक वृद्धि के बाद दर्ज की जा रही है। 

भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि, भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास दृष्टिकोण में सुधार और वैश्‍विक मौद्रिक नीति में नरमी के परिणामस्वरूप बढ़ती वैश्‍विक मांग के कारण हो सकती है। तथापि, यह परिदृश्य अन्य के साथ-साथ, उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में अनिश्‍चितताओं, भू-राजनीतिक झटकों और भू-आर्थिक फ्रैग्‍मेंटेशन जैसे जोखिमों पर निर्भर करता है।

भारत के कुल मर्चेंडाइज़ निर्यात, वित्तीय वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही से लगातार नौ तिमाहियों से 100 बिलियन यूएस डॉलर से ऊपर बने हुए हैं। यह आपूर्ति शृंखला संबंधी बाधाओं और भू-राजनीतिक तनावों के चलते बनी चुनौतीपूर्ण वैश्‍विक आर्थिक स्थिति के बीच अनुकूलनशीलता को दर्शाता है। इन पूर्वानुमानों के साथ, भारत के निर्यात वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों में 323 बिलियन यूएस डॉलर का रहने की उम्मीद है। वहीं, इस अवधि के दौरान गैर-तेल निर्यात 258 बिलियन यूएस डॉलर का रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।

एक्ज़िम बैंक द्वारा भारत के कुल मर्चैंडाइज़ निर्यातों और गैर-तेल निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान तिमाही आधार पर संबंधित तिमाहियों के लिए जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च के पहले पखवाड़े में जारी किए जाते हैं। इस मॉडल में निरंतर सुधार का प्रयास किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) के लिए भारत के निर्यातों में वृद्धि के पूर्वानुमान फरवरी 2024 के पहले पखवाड़े में जारी किए जाएंगे।

इस मॉडल तथा इससे प्राप्त पूर्वानुमान संबंधी परिणामों की समीक्षा विशेषज्ञों की एक स्थायी तकनीकी समिति द्वारा की गई है। इस समिति के सदस्यों में प्रोफेसर सैकत सिन्हा रॉय, प्रोफेसर एवं संयोजक, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज, अर्थशास्त्र  विभाग, जादवपुर विश्‍वविद्यालय कोलकाता; प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति, कुलपति, बेस (BASE) विश्‍वविद्यालय, बेंगलुरू; डॉ. सरत धल, निदेशक, अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई; तथा प्रोफेसर सी. वीरामणि, निदेशक, विकास अध्ययन केंद्र, त्रिवेंद्रम शामिल हैं। 

इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने निरंतर शोध प्रयासों की कड़ी में भारत के निर्यातों का तिमाही आधार पर ट्रैक रखने तथा वृद्धि में पूर्वानुमान के लिए एक्सपोर्ट लीडिंग इंडेक्स (ईएलआई) तैयार करने हेतु यह इन-हाउस मॉडल विकसित किया गया है। इस इंडेक्स को देश के निर्यातों पर प्रभाव डालने वाले विभिन्‍न बाह्य एवं घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए देश के वस्तु निर्यातों में तिमाही आधार पर वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में विकसित किया गया है।  

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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
श्री डेविड सिनाटे, मुख्य महाप्रबंधक/ डॉ. विश्‍वनाथ जंध्याला, सहायक महाप्रबंधक, शोध एवं विश्लेषण समूह, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 8वीं मंज़िल, मेकर चैंबर IV, जमनालाल बजाज मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुम्बई 400021, फोनः +91-22-2286 0363/ 0310/ 0311, ई-मेलः dsinate@eximbankindia.in/ viswanath@eximbankindia.in 

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डिस्क्लेमरः उपर्युक्त परिणाम नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और निर्यातकों के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। ये पूर्वानुमान इंडिया एक्ज़िम बैंक के शोध एवं विश्लेषण समूह द्वारा निकाले गए हैं। इसे इंडिया एक्ज़िम बैंक की राय न माना जाए। उपर्युक्त तिमाही के लिए ईएलआई मॉडल से निकाले गए ये पूर्वानुमान मुख्यतः उन्‍नत अर्थव्यवस्थाओं सहित चुनिंदा प्रमुख व्यापार साझेदारों में जारी मंदी, उच्च मुद्रास्फीति दबावों, सख्त वैश्‍विक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक अनिश्‍चितताओं के अध्यधीन हैं। हालिया उपलब्ध डाटा में सुधार तथा अग्रिम पूर्वानुमान पद्धति को अपनाते हुए तथा विभिन्‍न तिमाहियों में प्राप्त टिप्पणियों, सुझावों और फीडबैक को शामिल करते हुए इस मॉडल में लगातार सुधार किया जाता रहेगा। वास्तविक निर्यात संबंधी आंकड़े आरबीआई के भारतीय अर्थव्यवस्था संबंधी डेटाबेस से लिए गए हैं।